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भागलपुरः MDM में कच्चा चावल खिलाने पर अभिभावकों का फूटा गुस्सा, आधे से ज्यादा बच्चों ने फेंका खाना

भागलपुर के एक सरकारी स्कूल में एमडीएम में बच्चों को कच्चा चावल परोसा (uncooked rice in MDM in Bhagalpur ) जा रहा था. बच्चों के साथ अभिभावकों ने भी इसका विरोध किया और इस बात पर जमकर बवाल काटा. वहीं अभिभावकों ने आरोप लगाया कि बच्चों को कीड़ा वाला चावल भी खिलाया जाता है. इससे बच्चे अक्सर पेट में दर्द होने की शिकायत करते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

भागलपुर में एमडीएम में कच्चा चावल परोसने पर बवाल
भागलपुर में एमडीएम में कच्चा चावल परोसने पर बवाल
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Published : Dec 22, 2022, 8:35 PM IST

भागलपुर में एमडीएम में कच्चा चावल परोसने पर बवाल

भागलपुर: बिहार के भागलपुर में एक स्कूल में गुरुवार को बच्चों को एमडीएम में कच्चा चावल परोस दिया गया. इसके बाद स्कूल में जमकर हंगामा (Ruckus over serving uncooked rice in MDM ) हुआ. बच्चों की शिकायत पर उनके अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए और एमडीएम में परोसे जा रहे खाने का विरोध किया और आरोप लगाया कि बच्चों को कीड़ा वाला चावल भी खिलाया जाता है. इससे बच्चे अक्सर पेट में दर्द होने की शिकायत करते हैं. जब स्कूल आकर शिकायत की जाती है, तो रसोइया रूखा जवाब देती हैं. यह मामला जिला के ल्तानगंज प्रखंड के दरबारी सिंह मध्य विद्यालय का है.

ये भी पढ़ेंः एमडीएम में अंडा खाने के बाद खिला दी एल्बेंडाजोल, एक ही परिवार के 9 बच्चे को अस्पताल में करना पड़ा भर्ती

सुल्तानगंज के एक सरकारी स्कूल का मामलाः सुल्तानगंज प्रखंड के दरबारी सिंह मध्य विद्यालय में एमडीएम में बच्चों को कच्चा चावल दिये जाने पर बच्चों और अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया. कुछ बच्चों की मां भी स्कूल पहुंची हुई थी. उनका आरोप था कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. अक्सर एमडीएम में गड़बड़ खाना दिया जाता है. कभी चावल में कीड़ा लगा होता है, तो कभी भोजन मेन्यू के अनुसार नहीं दिया जाता. वहीं खाना को ठीक से नहीं पकाने के कारण वह अक्सर कच्चा ही रह जाता है.

खराब खाना से पेट दर्द होने की अभिभावकों ने की शिकायतः एमडीए एक बच्चे की मां रम्मी कुमारी ने बताया कि हमारे तीन बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं. तीन चार दिन से हमारे बच्चे को कच्चा चावल खाने में मिल रहा था. हमारे बच्चों के पेट में दर्द होने पर स्कूल आकर स्कूल के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार से शिकायत की. मुहल्ले की कई सारी महिलाओं के बच्चों ने शिकायत की हैं और कई महिलाएं स्कूल में कच्चा चावल खिलाने की बात पर स्कूल पहुंची हैं. यहां मेन्यू के हिसाब से बच्चों को खाना नहीं खिलाया जाता है.

मेन्यू के अनुसार शुद्ध खाने की मांगः वहीं बच्चों और अभिभावकों ने कहा कि जबतक स्कूल में शुद्ध खाना नहीं खिलाया जाएगा. तबतक हमारे बच्चे स्कूल का खाना नहीं खाएंगे. एक तरफ बिहार सरकार ने स्कूल में बच्चों को शुद्ध खाना खिलाने का आदेश दिया है. तब भी स्कूल के शिक्षक अपनी देखरेख सही से खाना नहीं बनवा पा रहे हैं. रसोईया अपने मनमानी करती हैं और कच्चा व खराब खाना बच्चों की परोसती हैं. इससे बच्चे बीमार हो जाते हैं.

"रसोईया अपने मनमानी करती हैं और कच्चा व खराब खाना बच्चों की परोसती हैं. तीन चार दिन से हमारे बच्चे को कच्चा चावल खाने में मिल रहा था. हमारे बच्चों के पेट में दर्द होने पर स्कूल आकर स्कूल के प्रधानाध्यापक से शिकायत की. यहां मेन्यू के हिसाब से बच्चों को खाना नहीं खिलाया जाता है" - रम्मी कुमारी, पीड़ित छात्र की मां

एचएम ने माना रसोइया की गलती से कच्चा रह गया चावलः इस मामले को लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार ने बताया कि रसोईया की गलती के कारण कच्चा चावल बना था. उस कच्चे चावल को फेंक दिया गया है. इस कारण कुछ बच्चे खाना नहीं खा पाए और कुछ बच्चों को खाना मिला. मैं बैठक में था इस कारण ध्यान नहीं दे सका. जहां तक खाना में कीड़ा मिलने की बात है तो यह सब बेबुनियाद बाते हैं. सिर्फ आज चावल पकाने में थोड़ा कच्चा रह गया था.

"रसोईया की गलती के कारण कच्चा चावल बना था. उस कच्चे चावल को फेंक दिया गया है. इस कारण कुछ बच्चे खाना नहीं खा पाए और कुछ बच्चों को खाना मिला. मैं बैठक में था इस कारण ध्यान नहीं दे सका. जहां तक खाना में कीड़ा मिलने की बात है तो यह सब बेबुनियाद बाते हैं'' - दीपक कुमार, प्रधानाध्यापक, दरबारी सिंह मध्य विद्यालय, सुल्तानगंज

भागलपुर में एमडीएम में कच्चा चावल परोसने पर बवाल

भागलपुर: बिहार के भागलपुर में एक स्कूल में गुरुवार को बच्चों को एमडीएम में कच्चा चावल परोस दिया गया. इसके बाद स्कूल में जमकर हंगामा (Ruckus over serving uncooked rice in MDM ) हुआ. बच्चों की शिकायत पर उनके अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए और एमडीएम में परोसे जा रहे खाने का विरोध किया और आरोप लगाया कि बच्चों को कीड़ा वाला चावल भी खिलाया जाता है. इससे बच्चे अक्सर पेट में दर्द होने की शिकायत करते हैं. जब स्कूल आकर शिकायत की जाती है, तो रसोइया रूखा जवाब देती हैं. यह मामला जिला के ल्तानगंज प्रखंड के दरबारी सिंह मध्य विद्यालय का है.

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सुल्तानगंज के एक सरकारी स्कूल का मामलाः सुल्तानगंज प्रखंड के दरबारी सिंह मध्य विद्यालय में एमडीएम में बच्चों को कच्चा चावल दिये जाने पर बच्चों और अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया. कुछ बच्चों की मां भी स्कूल पहुंची हुई थी. उनका आरोप था कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. अक्सर एमडीएम में गड़बड़ खाना दिया जाता है. कभी चावल में कीड़ा लगा होता है, तो कभी भोजन मेन्यू के अनुसार नहीं दिया जाता. वहीं खाना को ठीक से नहीं पकाने के कारण वह अक्सर कच्चा ही रह जाता है.

खराब खाना से पेट दर्द होने की अभिभावकों ने की शिकायतः एमडीए एक बच्चे की मां रम्मी कुमारी ने बताया कि हमारे तीन बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं. तीन चार दिन से हमारे बच्चे को कच्चा चावल खाने में मिल रहा था. हमारे बच्चों के पेट में दर्द होने पर स्कूल आकर स्कूल के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार से शिकायत की. मुहल्ले की कई सारी महिलाओं के बच्चों ने शिकायत की हैं और कई महिलाएं स्कूल में कच्चा चावल खिलाने की बात पर स्कूल पहुंची हैं. यहां मेन्यू के हिसाब से बच्चों को खाना नहीं खिलाया जाता है.

मेन्यू के अनुसार शुद्ध खाने की मांगः वहीं बच्चों और अभिभावकों ने कहा कि जबतक स्कूल में शुद्ध खाना नहीं खिलाया जाएगा. तबतक हमारे बच्चे स्कूल का खाना नहीं खाएंगे. एक तरफ बिहार सरकार ने स्कूल में बच्चों को शुद्ध खाना खिलाने का आदेश दिया है. तब भी स्कूल के शिक्षक अपनी देखरेख सही से खाना नहीं बनवा पा रहे हैं. रसोईया अपने मनमानी करती हैं और कच्चा व खराब खाना बच्चों की परोसती हैं. इससे बच्चे बीमार हो जाते हैं.

"रसोईया अपने मनमानी करती हैं और कच्चा व खराब खाना बच्चों की परोसती हैं. तीन चार दिन से हमारे बच्चे को कच्चा चावल खाने में मिल रहा था. हमारे बच्चों के पेट में दर्द होने पर स्कूल आकर स्कूल के प्रधानाध्यापक से शिकायत की. यहां मेन्यू के हिसाब से बच्चों को खाना नहीं खिलाया जाता है" - रम्मी कुमारी, पीड़ित छात्र की मां

एचएम ने माना रसोइया की गलती से कच्चा रह गया चावलः इस मामले को लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार ने बताया कि रसोईया की गलती के कारण कच्चा चावल बना था. उस कच्चे चावल को फेंक दिया गया है. इस कारण कुछ बच्चे खाना नहीं खा पाए और कुछ बच्चों को खाना मिला. मैं बैठक में था इस कारण ध्यान नहीं दे सका. जहां तक खाना में कीड़ा मिलने की बात है तो यह सब बेबुनियाद बाते हैं. सिर्फ आज चावल पकाने में थोड़ा कच्चा रह गया था.

"रसोईया की गलती के कारण कच्चा चावल बना था. उस कच्चे चावल को फेंक दिया गया है. इस कारण कुछ बच्चे खाना नहीं खा पाए और कुछ बच्चों को खाना मिला. मैं बैठक में था इस कारण ध्यान नहीं दे सका. जहां तक खाना में कीड़ा मिलने की बात है तो यह सब बेबुनियाद बाते हैं'' - दीपक कुमार, प्रधानाध्यापक, दरबारी सिंह मध्य विद्यालय, सुल्तानगंज

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