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भरत मिलाप के साथ रामलीला का समापन, प्रसंग देख भावुक हो उठे लोग - Ramlila program end in bhagalpur

जिले में रामलीला कार्यक्रम में भरत मिलाप प्रसंग का मंचन किया गया. वहीं, भरत मिलन के मार्मिक प्रसंग को देख उपस्थित दर्शक भाव विभोर हो गए.

Bhagalpur
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Published : Oct 11, 2019, 4:30 PM IST

भागलपुर: जिले के मनसकामना नाथ चौक पर भरत मिलाप का कार्यक्रम के साथ रामलीला का समापन हो गया. इस मौके पर अजमेरीपुर रामलीला मंडली के कलाकारों ने राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न , सीता, हनुमान की भूमिका में दर्शकों का मन मोह लिया. नाट्य मंचन में दिखाया गया कि राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या पहुंचते हैं. वहीं, राम-भरत मिलन के मार्मिक प्रसंग को देख उपस्थित दर्शक भाव विभोर हो गए.

कलाकारों पर फूलों की हुई बारिश
रामलीला के नाटय मंचन में दिखाया गया कि नगर पहुंचने से पहले भरत उनकी अगुवाई में मौजूद रहते हैं. पूरे नगरवासी राम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में नाच झूम रहे होते हैं. राम-लक्ष्मण और सीता के अयोध्या नगरी पहुंचते ही स्वागत में फूलों की बारिश होती है.

Bhagalpur
शहर भ्रमण करते कलाकार

भावुक हो गए लोग
बताया जाता है कि गोलदारपट्टी भगत टोले से राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के साथ उनके अनुयायी का रूप धरे कलाकार मनसकामनानाथ चौक पहुंचे. यहां स्वागत के लिए भरत और शत्रुघ्न खड़े थे. भगवान राम और भरत 14 वर्षों के बाद गले मिलते है. दोनों भाई का मिलाप देखकर लोग भावुक गए.

रामलीला में भरत मिलाप का हुआ मंचन

राम के जयकारे से गूंज उठा माहौल
रामलीला में भरत मिलाप कार्यक्रम के बाद भगवान राम का राज्यभिषेक किया गया. इसके बाद राम ने पूरे अयोध्या में नगर भ्रमण किया. वहीं राम और भरत मिलाप के प्रसंग को देखकर लोग भावुक हो गए और राम के जयकारे से पूरा माहौल गुंज उठा.

भागलपुर: जिले के मनसकामना नाथ चौक पर भरत मिलाप का कार्यक्रम के साथ रामलीला का समापन हो गया. इस मौके पर अजमेरीपुर रामलीला मंडली के कलाकारों ने राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न , सीता, हनुमान की भूमिका में दर्शकों का मन मोह लिया. नाट्य मंचन में दिखाया गया कि राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या पहुंचते हैं. वहीं, राम-भरत मिलन के मार्मिक प्रसंग को देख उपस्थित दर्शक भाव विभोर हो गए.

कलाकारों पर फूलों की हुई बारिश
रामलीला के नाटय मंचन में दिखाया गया कि नगर पहुंचने से पहले भरत उनकी अगुवाई में मौजूद रहते हैं. पूरे नगरवासी राम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में नाच झूम रहे होते हैं. राम-लक्ष्मण और सीता के अयोध्या नगरी पहुंचते ही स्वागत में फूलों की बारिश होती है.

Bhagalpur
शहर भ्रमण करते कलाकार

भावुक हो गए लोग
बताया जाता है कि गोलदारपट्टी भगत टोले से राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के साथ उनके अनुयायी का रूप धरे कलाकार मनसकामनानाथ चौक पहुंचे. यहां स्वागत के लिए भरत और शत्रुघ्न खड़े थे. भगवान राम और भरत 14 वर्षों के बाद गले मिलते है. दोनों भाई का मिलाप देखकर लोग भावुक गए.

रामलीला में भरत मिलाप का हुआ मंचन

राम के जयकारे से गूंज उठा माहौल
रामलीला में भरत मिलाप कार्यक्रम के बाद भगवान राम का राज्यभिषेक किया गया. इसके बाद राम ने पूरे अयोध्या में नगर भ्रमण किया. वहीं राम और भरत मिलाप के प्रसंग को देखकर लोग भावुक हो गए और राम के जयकारे से पूरा माहौल गुंज उठा.

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भरत मिलाप के साथ संपन्न हुआ पारंपरिक रामलीला


भरत मिलाप व राम के राज्याभिषेक को देख भाव विभोर हुए दर्शक,छाई खुशियां, लगे जयकारे ,भागलपुर में भरत मिलाप व राम के राज्याभिषेक के साथ रामलीला का समापन

भागलपुर के गोलदारपट्टी रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे रामलीला का समापन गुरुवार को भरत मिलाप व राम के राज्याभिषेक के साथ हो गया ।आयोजन समिति के द्वारा भरत मिलाप के लिए मनसकामनानाथ चौक पर बनाये गए मंच पर आनंद रामलीला मंडली अजमेरिपुर के कलाकारों ने भरत मिलाप का मनमोहक मंचन किया । लीला में दिखाया गया कि ननिहाल से वापस अयोध्या पहुंचे भरत एवं शत्रुध्न ने जब राम, लक्ष्मण, सीता के वन गमन तथा पिता दशरथ के मरण की कथा सुनी तो वे क्रोधित हो उठे। क्रोध में शत्रुघ्न ने दासी मंथरा के कूबड़ पर लात से जोरदार प्रहार कर गुस्से का इजहार किया। गुरु वशिष्ठ के समझाने पर शांत हुए भरत श्रीराम को मना कर वापस अयोध्या लाने के लिए महामंत्री सुमंत व अयोध्यावासियों के साथ वन की ओर चल पड़ते हैं । Body:भरत को कुटी ओर आते देख लक्ष्मण को आशंका हुई कि वे श्रीराम से युद्ध करने आ रहे हैं। क्रोधित होकर लक्ष्मण ने भरत पर तीखे शब्दों का प्रहार करते हैं । इसी बीच भरत के भाव को समझ कर श्रीराम ने उनका हाल चाल पूछा और आने का कारण जाना। भावुक भरत ने श्रीराम से अयोध्या वापस चलने का आग्रह किया। श्रीराम ने नीति, अनीति, धर्म, अधर्म का पाठ पढ़ाकर अपनी चरण पादुका देकर राज्य का संचालन करने के लिए भरत को वापस भेज दिया। राम व भरत के भावुक मिलाप के दृश्य का मंचन देख दर्शकों की आंखे छलक आई। दर्शकों की मुख से बरबस निकल पड़ा कि भाई हो तो भरत जैसा। 
इधर रावण वध के बाद भगवान राम ने विभिषण का लंका के सिंहासन पर राज्याभिषेक करते हैं ।इसके बाद 14 वर्ष के वनवास काटकर राम पत्नी सीता , भाई लक्षमण ,विभिषण, सुग्रीव, व हनुमान के साथ राम अयोध्या के लिये चल पड़ते हैं ।अयोध्या में भगवान राम के आगमन की सूचना पाकर भरत प्रसन्न हेा गये। उन्होंने भाई शत्रुघन के साथ श्री राम,लक्ष्मण व सीता के साथ स्वागत किया और राम व भरत गले मिले तथा राम को अयोध्या का राज संभालने को कहते हैं। राम-भरत मिलन का मार्मिक प्रसंग को रू-ब-रू देख उपस्थित दर्शकगण भाव विभोर हो गए। भरत-मिलाप के बाद राम राज्यभिषेक किया गया।राम ने पूरे अयोध्या में नगर भ्रमण किया ।Conclusion:इनपर अयोध्या वासियों ने पुष्प वर्षा की ।खास बात यह रही कि लंका विजय के बाद वापस आये भगवान श्री राम व भरत मिलाप के प्रसंग के मंचन  से पूरा माहौल राममय हो गया और श्री  राम के जयकारे के साथ इलाका गुंज उठा। इसके साथ ही भरत मिलाप के बाद चारो भाईयों की शोभयात्रा वापस गोलदारपट्टी स्तिथ रामलीला मंच पर पहुंची ।जहां गुरु वशिष्ठ के मंत्रोच्चार के साथ श्री राम के राज्याभिषेक किया जाता है।इसके साथ ही रामलीला उत्सव संपन्न हो गया।राज्याभिषेक के बाद शोभायात्रा निकाली गई ,जिसमें भगवान राम ,सीता लक्ष्मण,हनुमान आदि का नगर भ्रमण कराया गया,जो गोलदारपट्टी से निकलकर नाथनगर के टमटम चौक तक गया । रामलीला में राम की भूमिका सुखनंदन मंडल ने,लक्ष्मण की साजन मंडल ने,सीता सौरभ कुमार,भरत की विषरंजन मंडल,शत्रुघन की गोवर्धन कुमार मंडल ने , वशिष्ठ की उमाकांत महंत ,हनुमान की विजो मंडल, सुमंत दीनानाथ मंडल, विभीषण की राजकुमार मंडल,सुग्रीव की सुदर्शन मंडल ने निभाई ।

बाइट अमरनाथ भगत रामलीला के संयोजक
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