भागलपुर(नाथनगर): बीते 14 अगस्त की रात को अलग-अलग समय पर दो लोगों पर गोलीबारी करने के आरोपी मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के कुख्यात बदमाश मन्नु यादव को नाथनगर, ललमटिया और मधुसूदनपुर तीनों थानों की पुलिस ने रविवार दोपहर मनसर इलाके से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मन्नू के पास एक देसी थ्रीनट और एक जिंदा कारतूस भी बरामद किया है. इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस पिछले कई महीने से परेशान थी.
पुलिस के मुताबिक मन्नु घटना को अंजाम देकर कहीं बाहर भाग गया था. हाल के दिनों में लॉकडाउन में वह अपने घर राघोपुर टिकर आकर रह रहा था और रोजाना नाथनगर मेन मार्केट के व्यवसायियों को तंग कर हफ्ता वसूल रहा था. व्यवसायी भी मन्नू के खौफ से तबाह थे, उसे रोजाना लेबी भी दे रहे थे. मन्नू के आतंक से भयभीत व्यवसायी कभी भी पुलिस के सामने आकर इसकी शिकायत करने से परहेज करते थे.
दो अपराधी गिरफ्तार
वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार एसआईटी, नाथनगर, ललमटिया और मधुसूदनपुर की पुलिस बल ने संयुक्त रूप से आरोपी मन्नू को मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के मनसर जाकर चारो तरफ से घेर लिया और खदेड़कर गिरफ्तार किया. मन्नू की गिरफ्तारी की खबर जानकर नाथनगर के व्यवसायी के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी. जानकरी के मुताबिक अपराधी मन्नू यादव के साथ नूरपुर निवासी रूपेश यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तार है. जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है.
सिटी डीएसपी ने की पूछताछ
सिटी डीएसपी राजवंश सिंह ने नाथनगर थाना पहुंचकर अपराधी मन्नू यादव से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि बदमाश मन्नू यादव पर मधुसूदनपुर और ललमटिया थाने में एक दर्जन से अधिक लूट, हत्या, डकैती, छिनतई, रंगदारी जैसे कई मामले दर्ज है. पुलिस को मन्नू की कई महीनों से तलाश थी. गिरफ्तार मन्नू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. गुप्त सूचना मिली थी कि चार बदमाश दिग्घी चौक पर बाइक से घूम रहे है. जिसे चारो तरफ से घेरकर गिरफ्तार किया गया. वहीं दो बदमाश भागने में सफल रहे.
इलाज के बाद बच गई जान
गौरतलब हो कि बीते 14 अगस्त 2018 की रात नाथनगर बाजार मे किराना व्यवसाई अशोक साह से मन्नु ने रंगदारी मांगी थी. व्यवसाई ने 900 दिए जिसे उसने लेने से इन्कार कर दिया और मोटी रकम मांगी. व्यवसायी ने उसे फिर 500 का नोट दिया. जिसे देख मन्नु आग बूबूला हो गया और व्यवसाई पर गोली चला दी. इसके बाद मन्नु अपने भाई दिनेश यादव के पास राघोपुर टिकर पहुंचा, उससे 40 हजार की रंगदारी मांगी और नहीं देने पर उसे सीधे गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि व्यवसायी अशोक साह की इलाज के बाद जान बच गयी थी.