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भागलपुर: समर्थन नहीं मिलने से गिरा अविश्वास प्रस्ताव, मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची - प्रोटेम स्पीकर

भागलपुर नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. इसके साथ ही मेयर सीमा साह और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा की कुर्सी बच गई.

मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची
मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची
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Published : Dec 9, 2020, 8:26 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 10:52 PM IST

भागलपुर: नगर निगम में एक साल बाद दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ लाया गया था. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 28 पार्षदों का हस्ताक्षर वाला आवेदन प्रमंडलीय आयुक्त, नगर आयुक्त और उप विकास आयुक्त को सौंपा था. लेकिन आज के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 22 पार्षद शामिल हुए. जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची

प्रोटेम स्पीकर ने चर्चा आगे बढ़ाई
वोटिंग के लिए 26 पार्षदों की आवश्यकता थी, लेकिन मेयर और डिप्टी मेयर के समर्थक पार्षदों ने चर्चा में हिस्सा नहीं लिया. जिसके बाद मेयर सीमा साह और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा की कुर्सी बच गई. बता दें कि भागलपुर नगर निगम में 51 वार्ड पार्षद हैं. सभा कक्ष में मौजूद 22 पार्षदों ने सर्वसम्मति से सरयू साह को प्रोटेम स्पीकर चुना, जिन्होंने चर्चा को आगे बढ़ाया.

समर्थन नहीं मिलने से गिरा अविश्वास प्रस्ताव
समर्थन नहीं मिलने से गिरा अविश्वास प्रस्ताव

'ये अविश्वास प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित था. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भागलपुर से डिप्टी मेयर चुनाव लड़ रहे थे. उस चुनाव के नॉमिनेशन के दौरान हम शामिल हुए थे. जिसका बदला सांसद और विधायक मिलकर लेना चाह रहे थे'- सीमा साह, मेयर

'ये अविश्वास प्रस्ताव राजनीतिक के तहत लाया गया था. इसकी नींव विधानसभा चुनाव के दौरान सांसद निशिकांत दुबे और भागलपुर के वर्तमान विधायक अजीत शर्मा द्वारा रखी गई थी. इसमें पूर्व मेयर भी शामिल थे ,लेकिन तीनों की मंशा काम नहीं आई'- राजेश वर्मा, डिप्टी मेयर

मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची
मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची

'समर्थन नहीं मिलने से गिरा प्रस्ताव'
पर्यवेक्षक के रूप में जिला प्रशासन की ओर से मौजूद एडीएम अरुण कुमार ने कहा कि नियमानुसार सर्व सहमति से 22 पार्षदों में एक को अध्यक्ष चुना गया. उस अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई को आगे बढ़ाया और सदन का संचालन किया. उन्होंने कहा कि जो बहुमत के लिए आवश्यक पार्षदों का समर्थन चाहिए था, वह नहीं मिला जिस वजह से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

प्रोटेम स्पीकर ने चर्चा आगे बढ़ाई
प्रोटेम स्पीकर ने चर्चा आगे बढ़ाई

निगम परिसर के आसपास धारा 144
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर निगम कर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की गई थी. निगम परिसर के साथ-साथ आसपास के 100 मीटर की परिधि में धारा 144 सदर एसडीओ आशीष नारायण ने लागू किया था. जहां पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी.

भागलपुर: नगर निगम में एक साल बाद दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ लाया गया था. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 28 पार्षदों का हस्ताक्षर वाला आवेदन प्रमंडलीय आयुक्त, नगर आयुक्त और उप विकास आयुक्त को सौंपा था. लेकिन आज के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 22 पार्षद शामिल हुए. जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची

प्रोटेम स्पीकर ने चर्चा आगे बढ़ाई
वोटिंग के लिए 26 पार्षदों की आवश्यकता थी, लेकिन मेयर और डिप्टी मेयर के समर्थक पार्षदों ने चर्चा में हिस्सा नहीं लिया. जिसके बाद मेयर सीमा साह और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा की कुर्सी बच गई. बता दें कि भागलपुर नगर निगम में 51 वार्ड पार्षद हैं. सभा कक्ष में मौजूद 22 पार्षदों ने सर्वसम्मति से सरयू साह को प्रोटेम स्पीकर चुना, जिन्होंने चर्चा को आगे बढ़ाया.

समर्थन नहीं मिलने से गिरा अविश्वास प्रस्ताव
समर्थन नहीं मिलने से गिरा अविश्वास प्रस्ताव

'ये अविश्वास प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित था. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भागलपुर से डिप्टी मेयर चुनाव लड़ रहे थे. उस चुनाव के नॉमिनेशन के दौरान हम शामिल हुए थे. जिसका बदला सांसद और विधायक मिलकर लेना चाह रहे थे'- सीमा साह, मेयर

'ये अविश्वास प्रस्ताव राजनीतिक के तहत लाया गया था. इसकी नींव विधानसभा चुनाव के दौरान सांसद निशिकांत दुबे और भागलपुर के वर्तमान विधायक अजीत शर्मा द्वारा रखी गई थी. इसमें पूर्व मेयर भी शामिल थे ,लेकिन तीनों की मंशा काम नहीं आई'- राजेश वर्मा, डिप्टी मेयर

मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची
मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी बची

'समर्थन नहीं मिलने से गिरा प्रस्ताव'
पर्यवेक्षक के रूप में जिला प्रशासन की ओर से मौजूद एडीएम अरुण कुमार ने कहा कि नियमानुसार सर्व सहमति से 22 पार्षदों में एक को अध्यक्ष चुना गया. उस अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई को आगे बढ़ाया और सदन का संचालन किया. उन्होंने कहा कि जो बहुमत के लिए आवश्यक पार्षदों का समर्थन चाहिए था, वह नहीं मिला जिस वजह से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

प्रोटेम स्पीकर ने चर्चा आगे बढ़ाई
प्रोटेम स्पीकर ने चर्चा आगे बढ़ाई

निगम परिसर के आसपास धारा 144
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर निगम कर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की गई थी. निगम परिसर के साथ-साथ आसपास के 100 मीटर की परिधि में धारा 144 सदर एसडीओ आशीष नारायण ने लागू किया था. जहां पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी.

Last Updated : Dec 15, 2020, 10:52 PM IST
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