भागलपुर: बिहार के भागलपुर पॉक्सो कोर्ट में एक बच्ची से दुष्कर्म मामले की सुनवाई (Hearing in Bhagalpur POCSO Court) की गई. पॉक्सो कोर्ट VI पन्नालाल की कोर्ट द्वारा नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म मामले में आरोपी नीलेश यादव को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. पीड़ित परिवार को लंबे समय बाद आखिरकार न्याय मिल सका.
यह भी पढ़ें: दरभंगा कोर्ट का फैसला : 7 महिलाओं को आजीवन कारावास, बच्ची की पीट-पीटकर हुई थी हत्या
बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या की कोशिश: मामला करीब 4 साल 10 महीने पुराना है. भागलपुर के कजरेली थाना क्षेत्र में 22 मार्च 2018 को नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने का प्रयास किया गया था. लेकिन किस्मत से मासूम की जान बच गई और मामला कोर्ट तक पहुचा.
दुष्कर्म मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा: जिसके बाद पीड़िता के परिवार द्वारा थाने में मामला दर्ज कराया गया था. वहीं इस कांड में नीलेश यादव आरोपी बनाया गया थे जबकि एक नाबालिग को भी आरोपी बनाया गया था. नाबालिग आरोपी का मामला किशोर न्यायालय में चला गया था.
पीड़िता को 10 लाख रुपये मुआवजा का आदेश: वहीं नीलेश यादव का मामला पोक्सो कोर्ट में चल रहा था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही थी. पिछले साल ही उसकी गिरफ्तारी हुई. जिसके बाद उसकी कोर्ट में पेशी और गवाही के बाद मंगलवार को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. वहीं ढाई लाख का जुर्माना भी आरोपी को सुनाया गया है. साथ ही पीड़िता को दस लाख रुपया मुआवजा देने का कोर्ट ने आदेश दिया है.
कोर्ट के आदेश से पीड़ित परिवार संतुष्ट: पोक्सो कोर्ट लगातार नाबालिगों पर हो रहे अत्याचार मामलों की सुनवाईन करता है. इसका मकसद बच्चों को यौन उत्पीड़न और अश्लीलता से जुड़े अपराधों से बचाना है. इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के लोगों को बच्चा माना गया है और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. पॉक्सो कानून में पहले मौत की सजा नहीं थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन कर मौत की सजा का भी प्रावधान कर दिया गया है.