भागलपुर: 'जहां चाह, वहां राह' इस कहावत को सच कर दिखाया है भागलपुर के गुलाम नबी आजाद ने. 12वीं तक्षशिला राष्ट्रीय ओपन वाटर स्विमिंग प्रतियोगिता में गुलाम नबी ने दूसरा स्थान हासिल कर राज्य का नाम रोशन किया है. 13 किलोमीटर की तैराकी प्रतियोगिता में गुलाम दूसरे स्थान पर रहे.
बचपन से था शौक
काफी मुश्किल भरे हालात से गुजरने के बाद गुलाम नबी आजाद लगातार तैराकी प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अपना लोहा मनवा चुके हैं. तैराक गुलाम नबी आजाद ने बताया कि इस तरह के खेलों का शौक उन्हें बचपन से ही था. इसके लिए उन्होंने शुरू से ही मेहनत की है.
बच्चों को ट्रेनिंग देकर कमाते थे पैसे
आजाद ने बताया कि दिल्ली और बैंगलोर में रहकर उन्होंने इसकी ट्रेनिंग ली. साथ ही अपने खर्चे के लिए बच्चों को इसकी शिक्षा भी दी. बिहार से इकलौते नुमाइंदगी करने वाले गुलाम नबी आजाद को सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रही है. इसके बावजूद भी उसके हौसले काफी बुलंद हैं.
लोगों के लिए बने प्रेरणा
इस जीत के बाद गुलाम नबी आजाद अब अंतरराष्ट्रीय ओपन स्विमिंग प्रतियोगिता की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं. काफी विषम परिस्थिति में भी अपना धैर्य नहीं खोने वाले गुलाम नबी आजाद वाकई वैसे लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो थोड़े विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं.