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भागलपुर: चतुर्थवर्गीय कर्मियों को नहीं मिला वेतन, तिलकामांझी विश्वविद्यालय में प्रदर्शन - protest at Tilakamanjhi University

18 महीने पहले बिहार सरकार ने विश्वविद्यालय के कल्याण विभाग से आवंटित चतुर्थवर्गीय कर्मचारी को हटाकर एजेंसी के माध्यम से काम कराया का निर्णय लिया. एजेंसी के द्वारा काम किया जा रहा है. लेकिन इन कर्मचारियों को बीते 18 महीने से वेतन नहीं मिला है.

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Published : Feb 4, 2021, 5:44 AM IST

भागलपुर: तिलकामांझी विश्वविद्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ने 18 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण धरना प्रदर्शन किया. सभी चतुर्थवर्गीय कर्मचारी विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास के सामने धरने पर बैठ गए. कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें वेतन नहीं मिलने के कारण भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. घर की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है.

गौरतलब हो कि 18 महीने पहले बिहार सरकार ने विश्वविद्यालय के कल्याण विभाग से आवंटित चतुर्थवर्गीय कर्मचारी को हटाकर एजेंसी के माध्यम से काम कराया का निर्णय लिया. एजेंसी के द्वारा काम किया जा रहा है. लेकिन इन कर्मचारियों को बीते 18 महीने से वेतन नहीं मिला है.

पढ़ें: मुंगेर: महीनों से अधूरा पड़ा सड़क का निर्माण, जर्जर सड़क पर चलना भी मुश्किल

सुरेंद्र हरी ने बताया कि बीते 18 महीने से उन लोगों का वेतन नहीं मिला है. अब स्थिति ज्यादा खराब हो गई है, जबकि काम लगातार छात्रावास ये कर्मचारी कर रहे है. बावजूद इसके एजेंसी द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: बिहार STF की बड़ी कार्रवाई, 3 अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरफ्तार

प्रो. किरण सिंह ने कहा कि 18 महीने से इन कर्मचारियों का वेतन नहीं मिला है. इस बात को लेकर हमने एजेंसी से जब जानकारी लिया तो उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा राशि नहीं मिलने की बात बताई. इस वजह से इन लोगों का पैसा नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार से पैसा नहीं मिलने के बावजूद 2 से 3 महीनों तक एजेंसी द्वारा इन लोगों का भुगतान किया गया. अब एजेंसी भुगतान करने में असमर्थ है.

भागलपुर: तिलकामांझी विश्वविद्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ने 18 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण धरना प्रदर्शन किया. सभी चतुर्थवर्गीय कर्मचारी विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास के सामने धरने पर बैठ गए. कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें वेतन नहीं मिलने के कारण भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. घर की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है.

गौरतलब हो कि 18 महीने पहले बिहार सरकार ने विश्वविद्यालय के कल्याण विभाग से आवंटित चतुर्थवर्गीय कर्मचारी को हटाकर एजेंसी के माध्यम से काम कराया का निर्णय लिया. एजेंसी के द्वारा काम किया जा रहा है. लेकिन इन कर्मचारियों को बीते 18 महीने से वेतन नहीं मिला है.

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सुरेंद्र हरी ने बताया कि बीते 18 महीने से उन लोगों का वेतन नहीं मिला है. अब स्थिति ज्यादा खराब हो गई है, जबकि काम लगातार छात्रावास ये कर्मचारी कर रहे है. बावजूद इसके एजेंसी द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है.

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प्रो. किरण सिंह ने कहा कि 18 महीने से इन कर्मचारियों का वेतन नहीं मिला है. इस बात को लेकर हमने एजेंसी से जब जानकारी लिया तो उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा राशि नहीं मिलने की बात बताई. इस वजह से इन लोगों का पैसा नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार से पैसा नहीं मिलने के बावजूद 2 से 3 महीनों तक एजेंसी द्वारा इन लोगों का भुगतान किया गया. अब एजेंसी भुगतान करने में असमर्थ है.

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