भागलपुर: कोरोना के खिलाफ जंग में सरकारी एजेंसियों और समाजिक संगठनों के अलावा मंजूषा पेंटिंग के कलाकारों ने भी अपना योगदान दिया है. जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण मास्क का मांग बाजारों में बढ़ते जा रहा हैं. वहीं, मास्क अब फैशन का रूप लेते जा रहा है. शहर के चौक-चौराहों पर रंग-बिरंगे मास्क आसानी से मिल जा रहे हैं, लेकिन अब बहुत जल्द ही बाजार में अंग की संस्कृति से जुड़े मंजूषा पेंटिंग वाला मास्क भी दिखाई देने लगेगा. भागलपुर केंद्रीय विषहरी पूजा समिति लालूचक के बैनर तले दर्जनों की संख्या में मंजूषा कलाकार खादी के मास्क पर मंजूषा पेंटिंग बना रहे हैं.
मास्क पहनने की अपील
दरअसल, मंजूषा कलाकारों ने मास्क पर लॉकडाउन का पालन करने और अपने घरों में परिवार के साथ रहकर कोरोना से बचने का संदेश दिया है. इस संक्रमण से खुद को और समाज को सुरक्षित रखने के लिए एकमात्र उपाय मास्क ही है. केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में जागरूकता अभियान चलाया हुआ है. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं. लोगों से बराबर मास्क पहनने की अपील की जा रही है और कहा जा रहा है कि बहुत जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलने.
मंजूषा पेंटिंग का हो रहा प्रचार-प्रसार
अपने आसपास के जगह को साफ रखने के लिए साबुन और सैनिटाइजर का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की हिदायत दी जा रही है. ऐसे में मंजूषा पेंटिंग के कलाकारों ने मास्क पर आकर्षक पेंटिंग तैयार कर बच्चे, बूढ़े और जवान सभी को मास्क के प्रति आकर्षित करने का प्रयास किया है. साथ ही इससे जुड़े कलाकारों को अपने कला को दिखाने के साथ रोजगार भी मिल रहा है. वहीं, इसके माध्यम से पूरे देश में मंजूषा पेंटिंग का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है.
मास्क पर कला को कर रहें प्रदर्शित
मंजूषा कलाकार साक्षी मिश्रा ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण अपने कला को प्रदर्शित करने का जितने भी प्लेटफार्म थे. वह सारे भी बंद हैं. कहीं किसी भी तरह का कोई प्रोग्राम नहीं हो रहा है. ऐसे में हम लोगों को अपने कला को दिखाने का कोई मौका नहीं मिल रहा था. इसीलिए मास्क पर अपने कला को प्रदर्शित कर रहें है और लोगों रुझान मास्क के प्रति बढ़े ऐसा प्रयास कर रहे हैं.
मंजूषा पेंटिंग वाला दिखाई दे मास्क
कलाकार माधुरी कुमारी ने बताया कि एक मास्क बनाने और उस पर पेंटिंग में करीब 40 से 50 रुपैया खर्चा आता है. 1 दिन में अभी 15 से 20 मास्क पर पेंटिंग करते है. अभी इससे करीबन 15 से 20 मंजूषा पेंटिंग से जुड़े कलाकार काम कर रहे हैं. हम लोग चाहते हैं कि इसका उत्पाद बाजार में उतर जाए और शहर के हर लोगों के पास मंजूषा पेंटिंग वाला मास्क दिखाई दे. इससे एक तो हम लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा, साथ ही साथ मंजूषा पेंटिंग का प्रचार-प्रसार भी हो जाएगा.
'देश-विदेश पहुंच सकता है मंजूषा पेंटिंग'
मंजूषा ट्रेनर प्रदीप कुमार ने कहा कि हमलोग इसलिए मंजूषा पेंटिंग को मास्क पर बना रहे है, ताकि ऐसे समय में मास्क के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़े. साथ ही इससे जुड़े कलाकारों को अपने कला को दिखाने का एक प्लेटफार्म भी मिल जा रहा है. इसी माध्यम से मंजूषा का प्रचार प्रसार भी हो जा रहा है, क्योंकि इस समय कोरोना वायरस के कारण किसी भी तरह के सामूहिक गतिविधि पर रोक लगा दिया गया है. ऐसे में हम लोगों का कहीं कोई प्रोग्राम नहीं हो पा रहा है, मास्क पर हमारे कलाकार मंजूषा पेंटिंग बनाकर रोजगार भी पा रहे हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि इस माध्यम से मंजूषा पेंटिंग देश-विदेश तक पहुंच सकता है.