भागलपुर: भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने पूरे भारतवर्ष में कृषि विषयों पर अनुसंधान के लिए 15 सेंटर को चुना गया है. जिसमें से एक भागलपुर कृषि आर्थिक अनुसंधान केंद्र भी है. कृषि मंत्रालय द्वारा भागलपुर को सेंटर बनाए जाने के बाद मंगलवार को बैठक हुई.
भागलपुर सेंटर को कृषि क्षेत्र के चार विषय पर अनुसंधान करने के निर्देश भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से मिला है. जिसमें निर्देश दिया गया है कि रिसर्च में स्थानीय अधिकारी को शामिल किया जाए. इसी बाबत बैठक में चर्चा की गई.
भागलपुर सेंटर को मिले चार विषय
भागलपुर कृषि आर्थिक अनुसंधान केंद्र के डायरेक्टर प्रोफेसर राम प्रवेश सिंह ने बैठक में जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार के वर्क प्लांट की ओर से 15 सेंटर को अनुसंधान के लिए स्वीकृति मिली है. भागलपुर को 4 कृषि विषयों पर स्टडी करने के लिए कहा गया है. इन विषयों पर किन चार ऑफिसरों की नियुक्ति होगी बैठक में इसी पर चर्चा हुई. ऊपर के गाइडलाइन के अनुसार स्थानीय अधिकारियों और एग्रीकल्चर कॉलेज के अधिकारी के साथ बैठक कर कार्यभार सुनिश्चित करने को कहा गया. बैठक में चारों विषयों के प्रोजेक्ट लीडर का निर्णय हुआ.
कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की कमी पर भी हुई चर्चा
वहीं उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में एक अन्य विषय की समीक्षा भी हुई . दरअसल, लेबर स्कार्सिटी इन एग्रीकल्चर इन बिहार में जो कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की कमी महसूस की जा रही थी, उसको लेकर अध्ययन कराया गया था. इस अधय्यन को भारत सरकार को भेजा गया था. जिसे भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया है. इसके लिए भी सेंटर का मॉडल और डिजाइन बनाने पर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि इस सेंटर को सीधे दिल्ली और बेंगलुरु से कॉर्डिनेट किया जाएगा.
ये लोग रहे मौजूद
इस बैठक में भागलपुर रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर प्रोफेसर राम प्रवेश सिंह, बिहार एग्री कल्चर कॉलेज सबौर के हेड ऑफ डिपार्टमेंट, एग्री इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर एमके बागवानी, सोशल साइंस के दिन साहब, प्रोफेसर वीरेंद्र शर्मा, प्रोफेसर सी पी सिंह और योगेंद्र सिंह शामिल हुए.