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भागलपुर: तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर लाए गए कछुओं का रेस्क्यू सेंटर में चल रहा इलाज

भागलपुर के कछुआ रेस्क्यू सेंटर में 13 कछुओं को रेस्क्यू कर लाया गया है. यहां इनका इलाज चल रहा है. तस्कर के कैद में रखने के कारण कछुओं की तबीयत खराब हो गई है. स्वस्थ्य होने के बाद सभी को मार्च में गंगा की मुख्यधारा में छोड़ा जाएगा.

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कछुआ
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Published : Feb 9, 2021, 10:43 PM IST

भागलपुर: जिले के सुंदर वन क्षेत्र परिसर में स्थित बिहार और झारखंड के पहले कछुआ रेस्क्यू सेंटर में 13 कछुओं को रेस्क्यू कर लाया गया है. यहां इनका इलाज चल रहा है. सभी कछुओं को सहरसा, नवगछिया, कहलगांव और भागलपुर से रेस्क्यू किया गया है.

स्वस्थ्य होने पर गंगा में छोड़े जाएंगे कछुए
डॉ संजीत कुमार की देखरेख में कछुओं का इलाज चल रहा है. रेस्क्यू किए गए कछुए लिसमिस, पंकटाटा और पंचचूरा प्रजाति के हैं. तस्कर के कैद में रखने के कारण कछुओं की तबीयत खराब हो गई है. स्वस्थ्य होने के बाद सभी को मार्च में गंगा की मुख्यधारा में छोड़ा जाएगा.

turtle rescue center bhagalpur
कछुआ रेस्क्यू सेंटर भागलपुर

यह भी पढ़ें- अब मखाने की ब्रांडिंग में आगे आया डाक विभाग, घर-घर तक अचार भी पहुंचाएगा

"सहरसा, भागलपुर, नवगछिया और कहलगांव में अवैध रूप से बाजार में बेचे जा रहे कछुओं को रेस्क्यू कर लाया गया है. कछुआ को घर में रखना या तस्करी करना अपराध है. रेस्क्यू सेंटर में कछुओं का इलाज चल रहा है. उनकी सेहत में सुधार हुआ है. उन्हें खाने के लिए मछली दी जा रही है. कछुओं को स्वस्थ होने में मार्च तक का समय लगेगा."- डॉ संजीत कुमार, पशु चिकित्सा पदाधिकारी, वन प्रमंडल, भागलपुर

देखें रिपोर्ट

गौरतलब है कि सुल्तानगंज, जहांगीरा और अकबरनगर के पास गंगा किनारे बांध में छोटे-छोटे खोह (गड्ढा) बनाकर कछुए रहते हैं. यहां से तस्कर कछुओं को पकड़ते हैं और इनकी तस्करी करते हैं.

भागलपुर: जिले के सुंदर वन क्षेत्र परिसर में स्थित बिहार और झारखंड के पहले कछुआ रेस्क्यू सेंटर में 13 कछुओं को रेस्क्यू कर लाया गया है. यहां इनका इलाज चल रहा है. सभी कछुओं को सहरसा, नवगछिया, कहलगांव और भागलपुर से रेस्क्यू किया गया है.

स्वस्थ्य होने पर गंगा में छोड़े जाएंगे कछुए
डॉ संजीत कुमार की देखरेख में कछुओं का इलाज चल रहा है. रेस्क्यू किए गए कछुए लिसमिस, पंकटाटा और पंचचूरा प्रजाति के हैं. तस्कर के कैद में रखने के कारण कछुओं की तबीयत खराब हो गई है. स्वस्थ्य होने के बाद सभी को मार्च में गंगा की मुख्यधारा में छोड़ा जाएगा.

turtle rescue center bhagalpur
कछुआ रेस्क्यू सेंटर भागलपुर

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"सहरसा, भागलपुर, नवगछिया और कहलगांव में अवैध रूप से बाजार में बेचे जा रहे कछुओं को रेस्क्यू कर लाया गया है. कछुआ को घर में रखना या तस्करी करना अपराध है. रेस्क्यू सेंटर में कछुओं का इलाज चल रहा है. उनकी सेहत में सुधार हुआ है. उन्हें खाने के लिए मछली दी जा रही है. कछुओं को स्वस्थ होने में मार्च तक का समय लगेगा."- डॉ संजीत कुमार, पशु चिकित्सा पदाधिकारी, वन प्रमंडल, भागलपुर

देखें रिपोर्ट

गौरतलब है कि सुल्तानगंज, जहांगीरा और अकबरनगर के पास गंगा किनारे बांध में छोटे-छोटे खोह (गड्ढा) बनाकर कछुए रहते हैं. यहां से तस्कर कछुओं को पकड़ते हैं और इनकी तस्करी करते हैं.

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