चेन्नई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आईएसआईएस आतंकवादी संगठन के लिए कथित तौर पर लोगों की भर्ती करने के आरोप में एक प्रमुख आरोपी अल्फाजिथ को चेन्नई से गिरफ्तार किया है. उस पर लोगों को करने के साथ-साथ यह भी आरोप है कि, वह कथित तौर पर आईएसआईएस के लिए प्रचार कर रहा था.
एनआईए को तमिलनाडु के विभिन्न जिलों से प्रतिबंधित संगठनों में लोगों की भर्ती किए जाने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद पिछले कुछ हफ्तों से चेन्नई और मयिलादुथुराई में छापेमारी की जा रही थी. मंगलवार सुबह 3 बजे से एनआईए ने चेन्नई और मयिलादुथुराई के 15 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की। इसी दौरान, अल्फाजिथ को चेन्नई के पुरसाईवक्कम इलाके में एक बहुमंजिला इमारत से गिरफ्तार किया गया.
26 साल का अल्फाजिथ मयिलादुथुराई जिले का निवासी है और चेन्नई के पुरसाईवक्कम में एक प्राइवेट एम्बुलेंस सेवा में ड्राइवर के रूप में काम करता था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह आईएसआईएस के लिए लोगों की भर्ती करने समेत अवैध गतिविधियों में शामिल था. फिलहाल मामले की जांच जारी है. जांच एजेंसी पूछताछ से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, अल्फासिथ ने अब तक कितने लोगों को आईएसआईएस मूवमेंट में भेजा है और इसमें कौन-कौन शामिल है?
बता दें कि, इससे पहले एनआईए ने मंगलवार को तमिलनाडु के मयिलादुथुराई और चेन्नई के भी कई जिलों में छापेमारी की. जांच एजेंसी ने 20 स्थानों पर रेड की. इनमें से मयिलादुथुराई के 15 जगहों और चेन्नई के पांच जगहों पर यह छापेमारी की गई. इस छापेमारी में केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की टीमों के साथ तमिलनाडु पुलिस भी शामिल थी.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई प्रतिबंधित इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े स्थानों पर की गई थी. एनआईए ने इससे पहले भी तमिलनाडु के तंजावुर, तिरुचि, कोयंबटूर और मदुरै जैसे स्थानों पर पीएफआई के खिलाफ छापेमारी की थी। इस कार्रवाई का संबंध 2019 में तंजावुर में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) नेता रामलिंगम की हत्या से है.
रामलिंगम की हत्या पीएफआई के सदस्यों द्वारा वंचित समुदायों के बीच जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करने पर की गई थी. एनआईए ने पहले इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
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