बेगूसरायः जिले में गुरुवार को मां के दो अलग-अलग रूप देखने को मिले. जहां एक मां ने जन्म देकर बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया, वहीं एक दूसरी महिला ने नवजात को अपना कर उसे मां की ममता देने की ठानी. मामला छौराही ओपी क्षेत्र के बरदाहा मुसहरी टोले का है, गांव की मंजू देवी घास काटने के लिए खेत गई, तो वहां झाड़ियों में पड़े हुए एक नवजात शिशु को रोते हुए देखा. जिसे देखकर उसे रहा नहीं गया और वो बच्चे को उठाकर अपने साथ घर ले आई.
लोगों ने की मंजू की तारीफ
घर लाकर बिलख-बिलखकर रो रही बच्ची को धो-पोंछकर उसने दूध पिलाया, तब जाकर बच्ची शांत हुई. मंजू देवी ने इस नवजात शिशु को पालने-पोसने का मन बना लिया है. घटना की जानकारी पुलिस को भी दी गई. पुलिस मौके पर पहुंच कर लोगों से पूछताछ की और मंजू देवी के इरादे की तारीफ कर वहां से चली गई. इलाके के लोग बच्ची को देखने पहुंच रहे हैं. मंजू देवी के घर पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. लोग मंजू देवी के इस साहसिक कदम की सराहना कर रहे हैं.
'जब बेटी ही नहीं बचेगी तो बेटा कहां से लाएंगे'
मंजू देवी के पति महेंद्र सदा भी पत्नी के इस फैसले में उसके साथ हैं. बता दें कि महेंद्र मजदूरी कर घर चलाते हैं. मंजू देवी ने बताया कि बच्ची झाड़ी में रो रही थी. हम इसे घर ले आए हैं, अपने साथ ही रखेंगे. हमलोग गरीब आदमी हैं फिर भी बच्ची को पालेंगे. उन्होंने कहा कि यदि कोई मदद मिलेगी तो बच्ची को पढ़ाएंगे भी और बेहतर परवरिश भी देंगे. इस घटना पर स्थानीय लोगों ने कहा कि जब बेटी ही नहीं बचेगी तो बेटा कहां से लाएंगे. लोगों ने मिलकर बच्ची का नाम भगवंती रखा है.