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झाड़ियों में मिली नवजात को मिला मां का साया, लोग बोले- बेटी नहीं बचेगी तो बेटा कहां से लाएंगे

गोद लेने वाली महिला ने कहा कि हमलोग गरीब आदमी हैं फिर भी बच्ची को पालेंगे. उन्होंने कहा कि यदि कोई मदद मिलेगी तो बच्ची को पढ़ाएंगे भी और बेहतर परवरिश भी देंगे.

Begusarai
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Published : Sep 13, 2019, 9:46 AM IST

बेगूसरायः जिले में गुरुवार को मां के दो अलग-अलग रूप देखने को मिले. जहां एक मां ने जन्म देकर बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया, वहीं एक दूसरी महिला ने नवजात को अपना कर उसे मां की ममता देने की ठानी. मामला छौराही ओपी क्षेत्र के बरदाहा मुसहरी टोले का है, गांव की मंजू देवी घास काटने के लिए खेत गई, तो वहां झाड़ियों में पड़े हुए एक नवजात शिशु को रोते हुए देखा. जिसे देखकर उसे रहा नहीं गया और वो बच्चे को उठाकर अपने साथ घर ले आई.

Begusarai
नवजात शिशु को मिला सहारा

लोगों ने की मंजू की तारीफ
घर लाकर बिलख-बिलखकर रो रही बच्ची को धो-पोंछकर उसने दूध पिलाया, तब जाकर बच्ची शांत हुई. मंजू देवी ने इस नवजात शिशु को पालने-पोसने का मन बना लिया है. घटना की जानकारी पुलिस को भी दी गई. पुलिस मौके पर पहुंच कर लोगों से पूछताछ की और मंजू देवी के इरादे की तारीफ कर वहां से चली गई. इलाके के लोग बच्ची को देखने पहुंच रहे हैं. मंजू देवी के घर पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. लोग मंजू देवी के इस साहसिक कदम की सराहना कर रहे हैं.

पूरी रिपोर्ट

'जब बेटी ही नहीं बचेगी तो बेटा कहां से लाएंगे'
मंजू देवी के पति महेंद्र सदा भी पत्नी के इस फैसले में उसके साथ हैं. बता दें कि महेंद्र मजदूरी कर घर चलाते हैं. मंजू देवी ने बताया कि बच्ची झाड़ी में रो रही थी. हम इसे घर ले आए हैं, अपने साथ ही रखेंगे. हमलोग गरीब आदमी हैं फिर भी बच्ची को पालेंगे. उन्होंने कहा कि यदि कोई मदद मिलेगी तो बच्ची को पढ़ाएंगे भी और बेहतर परवरिश भी देंगे. इस घटना पर स्थानीय लोगों ने कहा कि जब बेटी ही नहीं बचेगी तो बेटा कहां से लाएंगे. लोगों ने मिलकर बच्ची का नाम भगवंती रखा है.

बेगूसरायः जिले में गुरुवार को मां के दो अलग-अलग रूप देखने को मिले. जहां एक मां ने जन्म देकर बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया, वहीं एक दूसरी महिला ने नवजात को अपना कर उसे मां की ममता देने की ठानी. मामला छौराही ओपी क्षेत्र के बरदाहा मुसहरी टोले का है, गांव की मंजू देवी घास काटने के लिए खेत गई, तो वहां झाड़ियों में पड़े हुए एक नवजात शिशु को रोते हुए देखा. जिसे देखकर उसे रहा नहीं गया और वो बच्चे को उठाकर अपने साथ घर ले आई.

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नवजात शिशु को मिला सहारा

लोगों ने की मंजू की तारीफ
घर लाकर बिलख-बिलखकर रो रही बच्ची को धो-पोंछकर उसने दूध पिलाया, तब जाकर बच्ची शांत हुई. मंजू देवी ने इस नवजात शिशु को पालने-पोसने का मन बना लिया है. घटना की जानकारी पुलिस को भी दी गई. पुलिस मौके पर पहुंच कर लोगों से पूछताछ की और मंजू देवी के इरादे की तारीफ कर वहां से चली गई. इलाके के लोग बच्ची को देखने पहुंच रहे हैं. मंजू देवी के घर पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. लोग मंजू देवी के इस साहसिक कदम की सराहना कर रहे हैं.

पूरी रिपोर्ट

'जब बेटी ही नहीं बचेगी तो बेटा कहां से लाएंगे'
मंजू देवी के पति महेंद्र सदा भी पत्नी के इस फैसले में उसके साथ हैं. बता दें कि महेंद्र मजदूरी कर घर चलाते हैं. मंजू देवी ने बताया कि बच्ची झाड़ी में रो रही थी. हम इसे घर ले आए हैं, अपने साथ ही रखेंगे. हमलोग गरीब आदमी हैं फिर भी बच्ची को पालेंगे. उन्होंने कहा कि यदि कोई मदद मिलेगी तो बच्ची को पढ़ाएंगे भी और बेहतर परवरिश भी देंगे. इस घटना पर स्थानीय लोगों ने कहा कि जब बेटी ही नहीं बचेगी तो बेटा कहां से लाएंगे. लोगों ने मिलकर बच्ची का नाम भगवंती रखा है.

Intro:एंकर- बेगूसराय जिले में दो मां के अलग-अलग रूप को देखकर लोग हैरत में पड़ गए। जहां एक सगी मां ने अपने बेटे को जन्म देने के साथ ही झाड़ी में फेंक दिया, वहीं दूसरी मां जो उसकी सगी नहीं है ,गरीब होने के बावजूद भी उसे अपने साथ घर ले आई और इतना ही नहीं उस बच्ची के भरण पोषण से लेकर सारी जिम्मेदारी उठाने की कसम खा रही है।Body:स्लग- बेटी
एंकर- सरकार एक और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है वहीं बेगूसराय में बेटी जन्म लेने पर एक कलयुगी मां ने बच्ची को मारने के लिए बहियार में फेंक दिया , हलाकि एक दूसरी मां ने गरीबी के वावजूद ना सिर्फ उसे अपना लिया है बल्कि उसके पालन-पोसन और पढ़ाने की जिम्मावारी उठा लिया है।
भी ओ- बेगूसराय में एक कलयुगी मां ने अपने जिगर के टुकड़े बेटी होने पर मरने के लिए उसे बहियार में फेंक दिया। इस दौरान खेत में चारा लाने जा रही एक गरीब महीला ने मानवता का परिचय देते हुये नवजात बच्ची की न सिर्फ जान बचाई बल्की पालने का जिम्मा भी उठाया है। दरअसल बेगूसराय छौराही ओपी क्षेत्र के बरदाहा मुसहरी टोला के बहियार में एक नवजात बच्ची को फेंक दिया। इस दौरान खेत में चारा लाने जा रही महेंद्र सदा की पत्नी मंजू देवी नवजात बच्ची के रोने की आवाज पर वहां पहुंच उसे उठा लिया घर लाकर उसे नहा धोकर साफ किया और उसे पालने-पोसने का जिम्मा लिया। मंजू देवी ने कहा कि वह अत्यंत गरीब परिवार से है उसे रहने के लिए घर भी नहीं है इस सब के बावजूद वह बच्ची का पालन पोषण करेगी, अगर लोग और सरकार मदद करेगी तो उसे अच्छी शिक्षा के साथ अच्छी परवरिश देगी।
बाईट- मंजू देवी, गोद लेने वाली महिला
भी ओ- अब सवाल उठता है कि एक ओर सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है वहीं एक कलयुगी मां ने बच्ची को मारने के लिए खेत में फेंक दिया। बच्ची को देखने आस पास से सैकड़ो लोग जुट रहें। सभी उस कलयुगी मां को कोस रहें है। गरीबी के बावजूद जिस तरीके से मंजू देवी ने बेटी होने के बावजूद बच्ची को अपनाया है यह काबिले तारीफ है लोग उसकी प्रशंसा कर रहे हैं मुसहरी टोला के सभी लोग उस बच्ची को प्यार कर रहे हैं और बच्ची का नाम भगवंती रखा गया है।
बाईट- अनिल सदा, स्थानीय निवासी
बाईट- राजकुमार सदा, स्थानीय निवासीConclusion:Fvo-वाकई मंजू देवी का बेटी के प्रति जज्बा काबिले तारीफ है ।सरकार को चाहिए कि न सिर्फ बेटियों को बचाने और पढ़ाने का कार्यक्रम चलावे बल्कि मंजू देवी तरह की महिलाओं को प्रेरणा स्रोत बता कर समाज के आगे प्रस्तूत करे।
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