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अजब गजब: 7 साल से लापता पिता ने बेटे के सपने में आकर कहा- 'मेरा दाह संस्कार कर दो'

बेगूसराय में एक दिलचस्प मामला (Unique Case In Begusarai) सामने आया है. एक व्यक्ति पिछले सात सालों से लापता है. पुत्रों ने काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चल सका. एक दिन अचानक लापता व्यक्ति अपने पुत्र के सपने में आता है और अपना दाह संस्कार कर देने को कहता है. पुत्र सपने को सच मानकर पिता का विधिवत दाह संस्कार कर देते हैं. पढ़ें पूरी खबर....

बेगूसराय में पुत्र ने किया लापता पिता का दाह संस्कार
बेगूसराय में पुत्र ने किया लापता पिता का दाह संस्कार
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Published : Jun 27, 2022, 10:39 PM IST

बेगूसराय: भारतीय संस्कृति में दाह संस्कार का बेहद खास महत्व है. मौत के बाद परिजन इस विधि को करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से मरने वाले व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है. इसी रिवाज से जुड़ा बेगूसराय में एक अनोखा मामला (Son Cremated Missing Father) सामने आया है. दरअसल, वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के नौला गांव निवासी विश्वनाथ चौधरी उर्फ ड्राइवर चौधरी (70) पिछले सात वर्षों से लापता हैं. कुछ दिन पहले वे अपने बड़े पुत्र के सपने में आए और कहा कि "मेरा दाह संस्कार कर दो". पुत्रों ने इस सपने को सच माना और उनका विधिवत दाह संस्कार कर दिया.

यह भी पढ़ें: महिला के निधन पर 'शोक' जताने के लिए 20 घंटे तक बैठा रहा बंदर

घर से दिल्ली जाने के क्रम में लापता: जानकारी के मुताबिक मामला वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के नौला गांव का है. जहां 7 साल से लापता पिता विश्वनाथ चौधरी उर्फ ड्राइवर चौधरी (70) का उनके पुत्र ने अंतिम संस्कार किया. लापता पिता के पुत्र मुकेश चौधरी ने बताया की 7 साल पहले मेरे पिता नौला से दिल्ली के लिए घर से निकले थे, लेकिन आज तक वापस नहीं लौट सके. रिश्तेदारों सहित विभिन्न जगहों पर काफी खोजबीन करने के बाद भी उनका पता नहीं चल सका. एक दिन अचानक मेरे भाई विनोद चौधरी के सपने में पिता ने दर्शन दिया और कहा कि मेरी मृत्यु हो गई है. अब मेरा श्राद्ध कार्यक्रम कर दो. हमलोगों ने सपना का सच माना और पिता जी की आखिरी इच्छा मानकर अंतिम संस्कार कर दिया.

हिंदू रीति रिवाजों का किया गया पालन: लापता पिता का पुत्रों ने विधिवत अंतिम संस्कार किया. इस दौरान मृत्यु के बाद अपनाए जाने वाली हर उस प्रक्रिया को अपनाया गया, जो हिंदू रीति रिवाज में अपनाया जाता है. सुनने में अजीब लगने वाली इस घटना में महिलाओं सहित घर के लोगों की चीख पुकार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. परिजन प्रतिकात्मक शव के सामने रोते-बिलखते नजर आए. इसके बाद शव यात्रा निकाला गया और उनका अंतिम संस्कार सिमरिया घाट में किया गया. कार्यक्रम में गांव के लोग भी शामिल हुए.

गांव में दाह संस्कार को लेकर चर्चा: इस अजीबोगरीब वाक्या को जिसने भी सुना, वह देखने के लिए पहुंच गया. गांव में इस दाह संस्कार कार्यक्रम को लेकर कई चर्चाएं हो रहीं है. लोगों का मानना है कि हिंदू धर्म में 12 वर्ष लापता होने की स्थिति में व्यक्ति को मृत माना जाता है. वहीं कानूनी तौर पर भी देखे तो यह मामला काफी रोचक है. कानून रूपी से व्यक्ति अभी मृत घोषित नहीं किया जा सकता. बता दें कि लापता विश्वनाथ चौधरी को 5 पुत्र एवं दो पुत्री हैं. फिलहाल यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

बेगूसराय: भारतीय संस्कृति में दाह संस्कार का बेहद खास महत्व है. मौत के बाद परिजन इस विधि को करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से मरने वाले व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है. इसी रिवाज से जुड़ा बेगूसराय में एक अनोखा मामला (Son Cremated Missing Father) सामने आया है. दरअसल, वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के नौला गांव निवासी विश्वनाथ चौधरी उर्फ ड्राइवर चौधरी (70) पिछले सात वर्षों से लापता हैं. कुछ दिन पहले वे अपने बड़े पुत्र के सपने में आए और कहा कि "मेरा दाह संस्कार कर दो". पुत्रों ने इस सपने को सच माना और उनका विधिवत दाह संस्कार कर दिया.

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घर से दिल्ली जाने के क्रम में लापता: जानकारी के मुताबिक मामला वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के नौला गांव का है. जहां 7 साल से लापता पिता विश्वनाथ चौधरी उर्फ ड्राइवर चौधरी (70) का उनके पुत्र ने अंतिम संस्कार किया. लापता पिता के पुत्र मुकेश चौधरी ने बताया की 7 साल पहले मेरे पिता नौला से दिल्ली के लिए घर से निकले थे, लेकिन आज तक वापस नहीं लौट सके. रिश्तेदारों सहित विभिन्न जगहों पर काफी खोजबीन करने के बाद भी उनका पता नहीं चल सका. एक दिन अचानक मेरे भाई विनोद चौधरी के सपने में पिता ने दर्शन दिया और कहा कि मेरी मृत्यु हो गई है. अब मेरा श्राद्ध कार्यक्रम कर दो. हमलोगों ने सपना का सच माना और पिता जी की आखिरी इच्छा मानकर अंतिम संस्कार कर दिया.

हिंदू रीति रिवाजों का किया गया पालन: लापता पिता का पुत्रों ने विधिवत अंतिम संस्कार किया. इस दौरान मृत्यु के बाद अपनाए जाने वाली हर उस प्रक्रिया को अपनाया गया, जो हिंदू रीति रिवाज में अपनाया जाता है. सुनने में अजीब लगने वाली इस घटना में महिलाओं सहित घर के लोगों की चीख पुकार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. परिजन प्रतिकात्मक शव के सामने रोते-बिलखते नजर आए. इसके बाद शव यात्रा निकाला गया और उनका अंतिम संस्कार सिमरिया घाट में किया गया. कार्यक्रम में गांव के लोग भी शामिल हुए.

गांव में दाह संस्कार को लेकर चर्चा: इस अजीबोगरीब वाक्या को जिसने भी सुना, वह देखने के लिए पहुंच गया. गांव में इस दाह संस्कार कार्यक्रम को लेकर कई चर्चाएं हो रहीं है. लोगों का मानना है कि हिंदू धर्म में 12 वर्ष लापता होने की स्थिति में व्यक्ति को मृत माना जाता है. वहीं कानूनी तौर पर भी देखे तो यह मामला काफी रोचक है. कानून रूपी से व्यक्ति अभी मृत घोषित नहीं किया जा सकता. बता दें कि लापता विश्वनाथ चौधरी को 5 पुत्र एवं दो पुत्री हैं. फिलहाल यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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