बेगूसराय: जिले के गढ़पुरा में बैंगन की खेत में अफीम की खेती का बड़ा पर्दाफाश हुआ है. घटना मालीपुर के चौरी बहियार की है, जहां अफीम की खेती की जा रही थी. जिसे बखरी डीएसपी के मौजूदगी में अफीम को कटाकर जलाया गया.
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गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी
गढ़पुरा थाना क्षेत्र के मालीपुर में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की सूचना पुलिस को मिली थी. इस सम्बंध में बखरी डीएसपी ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस कप्तान के गुप्त सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि उक्त खेत मालीपुर निवासी मो जाकिर का बताया जा रहा है, जिस पर मालीपुर निवासी रामकुमार महतो लीज पर लेकर खेती किया करता था. वर्तमान में उस खेत में बैंगन लगा हुआ था और उसी बीच में अफीम का फसल भी लगा था.
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अफीम को एकत्रित कर जला दिया गया
सूचना मिलते ही शुक्रवार शाम पुलिस खेतों को पूरी तरह से घेर लिया था. शनिवार को बखरी डीएसपी के नेतृत्व में खेतों में लगे अफीम को मजदूरों के द्वारा कटवाया गया, जिसके बाद उसे एकत्रित कर जला दिया गया.
'पुलिस को जैसे ही अफीम की खेती की जानकारी मिली, जिसके बाद मालीपुर निवासी राम कुमार महतो एवं भूमि स्वामी मो जाकिर के घर छापेमारी की गई. इस दौरान दोनों मौके का फायदा उठाकर घर से फरार हो गया. जिस कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी. दोनों के ऊपर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी आरंभ कर दिया है'.- प्रतोष कुमार, थानाध्यक्ष
'अफीम मादक पदार्थ है. इसकी खेती भारत में दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है. बताया कि एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा आठ के अनुसार कोई भी व्यक्ति अफीम अथवा भांग की खेती, व्यापार और तस्करी नहीं कर सकता है. प्रतिबंध के बावजूद इसकी खेती करने वाले व्यक्तियों और किसानों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. एनडीपीएस एक्ट की धारा 18 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अफीम और गांजे की खेती, व्यापार अथवा तस्करी करते हुए पाया जाता है तो उसे 10 से 20 साल की सजा का प्रावधान है, जबकि धारा 31 (ए) के तहत उसे मृत्युदंड का भी प्रावधान है.- ओमप्रकाश, डीएसपी