बेगूसराय: जिले के सिमरिया गंगा तट पर एक महीने तक चलने वाले कल्पवास मेले की शुरुआत हो चुकी है. दूर-दराज के जिलों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा तट पर कुटिया बनाकर एक महीने तक गंगा की पूजा करेंगे. मान्यता है कि एक माह तक गंगा पूजन से न सिर्फ पुण्य प्राप्त होता है बल्कि लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
स्थानीय पुजारियों के मुताबिक सिमरिया धाम पर कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है जो अभी भी अनवरत जारी है. कल्पवास मेले की परंपरा के अनुसार आश्विन पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक श्रद्धालु 1 माह तक गंगा के तट पर कुटिया बनाकर निवास करते हैं. इस दौरान सूर्योदय से पूर्व वह गंगा स्नान करते हैं और दिन भर विभिन्न देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं.
कल्पवास मेले का विशेष महत्व
खास कर तुलसी पूजा, सीताराम पूजा और विष्णु पूजा का काफी महत्व माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी अपने जीवन काल में एक माह कल्पवास करते हैं. लोगों का मानना है कि वर्षों की गई पूजा पाठ से जो पूण्य प्राप्त होता है वह 1 माह गंगा तट पर कल्पवास करने से प्राप्त हो जाता है और मनोकामनाएं भी पूरी होती है.
सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था
वहीं प्रशासन ने कल्पवास मेले के सफल आयोजन के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था किए हैं. जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के मुताबिक गंगा तट पर ना सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए शौचालय और चापाकल की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है बल्कि गंगा नदी में अनहोनी की आशंका को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर वोट और तैराक की भी तैनाती की गई है. साथ ही गंगा की साफ सफाई के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.
मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती
लोगों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था के लिए संयुक्त आदेश जारी कर वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई है. जिला प्रशासन का प्रयास होगा एक माह तक कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की तकलीफ ना हो. बता दें कि सिमरिया तट का कल्पवास मेला बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. खास तौर पर जब से यहां अर्धकुंभ जैसे वृहद आयोजन होने लगा है, सिमरिया धाम की महत्ता देश के कोने-कोने में प्रसिद्ध है.