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बेगूसराय: सिमरिया धाम में कल्पवास मेला की शुरुआत, एक महीने तक होगी गंगा पूजन

सिमरिया धाम पर कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है. मान्यता है कि एक महीने तक गंगा पूजन से न सिर्फ पुण्य प्राप्त होता है. बल्कि लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

कल्पवास मेला की शुरुआत
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Published : Oct 17, 2019, 10:10 AM IST

बेगूसराय: जिले के सिमरिया गंगा तट पर एक महीने तक चलने वाले कल्पवास मेले की शुरुआत हो चुकी है. दूर-दराज के जिलों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा तट पर कुटिया बनाकर एक महीने तक गंगा की पूजा करेंगे. मान्यता है कि एक माह तक गंगा पूजन से न सिर्फ पुण्य प्राप्त होता है बल्कि लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

स्थानीय पुजारियों के मुताबिक सिमरिया धाम पर कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है जो अभी भी अनवरत जारी है. कल्पवास मेले की परंपरा के अनुसार आश्विन पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक श्रद्धालु 1 माह तक गंगा के तट पर कुटिया बनाकर निवास करते हैं. इस दौरान सूर्योदय से पूर्व वह गंगा स्नान करते हैं और दिन भर विभिन्न देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं.

begusarai
कुटिया बनाकर एक माह तक गंगा की पूजा करते हैं श्रद्धालु

कल्पवास मेले का विशेष महत्व
खास कर तुलसी पूजा, सीताराम पूजा और विष्णु पूजा का काफी महत्व माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी अपने जीवन काल में एक माह कल्पवास करते हैं. लोगों का मानना है कि वर्षों की गई पूजा पाठ से जो पूण्य प्राप्त होता है वह 1 माह गंगा तट पर कल्पवास करने से प्राप्त हो जाता है और मनोकामनाएं भी पूरी होती है.

सिमरिया धाम में कल्पवास मेला की शुरुआत

सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था
वहीं प्रशासन ने कल्पवास मेले के सफल आयोजन के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था किए हैं. जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के मुताबिक गंगा तट पर ना सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए शौचालय और चापाकल की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है बल्कि गंगा नदी में अनहोनी की आशंका को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर वोट और तैराक की भी तैनाती की गई है. साथ ही गंगा की साफ सफाई के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.

मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती
लोगों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था के लिए संयुक्त आदेश जारी कर वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई है. जिला प्रशासन का प्रयास होगा एक माह तक कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की तकलीफ ना हो. बता दें कि सिमरिया तट का कल्पवास मेला बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. खास तौर पर जब से यहां अर्धकुंभ जैसे वृहद आयोजन होने लगा है, सिमरिया धाम की महत्ता देश के कोने-कोने में प्रसिद्ध है.

बेगूसराय: जिले के सिमरिया गंगा तट पर एक महीने तक चलने वाले कल्पवास मेले की शुरुआत हो चुकी है. दूर-दराज के जिलों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा तट पर कुटिया बनाकर एक महीने तक गंगा की पूजा करेंगे. मान्यता है कि एक माह तक गंगा पूजन से न सिर्फ पुण्य प्राप्त होता है बल्कि लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

स्थानीय पुजारियों के मुताबिक सिमरिया धाम पर कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है जो अभी भी अनवरत जारी है. कल्पवास मेले की परंपरा के अनुसार आश्विन पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक श्रद्धालु 1 माह तक गंगा के तट पर कुटिया बनाकर निवास करते हैं. इस दौरान सूर्योदय से पूर्व वह गंगा स्नान करते हैं और दिन भर विभिन्न देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं.

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कुटिया बनाकर एक माह तक गंगा की पूजा करते हैं श्रद्धालु

कल्पवास मेले का विशेष महत्व
खास कर तुलसी पूजा, सीताराम पूजा और विष्णु पूजा का काफी महत्व माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी अपने जीवन काल में एक माह कल्पवास करते हैं. लोगों का मानना है कि वर्षों की गई पूजा पाठ से जो पूण्य प्राप्त होता है वह 1 माह गंगा तट पर कल्पवास करने से प्राप्त हो जाता है और मनोकामनाएं भी पूरी होती है.

सिमरिया धाम में कल्पवास मेला की शुरुआत

सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था
वहीं प्रशासन ने कल्पवास मेले के सफल आयोजन के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था किए हैं. जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के मुताबिक गंगा तट पर ना सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए शौचालय और चापाकल की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है बल्कि गंगा नदी में अनहोनी की आशंका को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर वोट और तैराक की भी तैनाती की गई है. साथ ही गंगा की साफ सफाई के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.

मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती
लोगों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था के लिए संयुक्त आदेश जारी कर वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई है. जिला प्रशासन का प्रयास होगा एक माह तक कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की तकलीफ ना हो. बता दें कि सिमरिया तट का कल्पवास मेला बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. खास तौर पर जब से यहां अर्धकुंभ जैसे वृहद आयोजन होने लगा है, सिमरिया धाम की महत्ता देश के कोने-कोने में प्रसिद्ध है.

Intro:एंकर- प्रसिद्ध सिमरिया गंगा तट पर एक माह तक चलने वाले कल्पवास मेले की शुरुआत हो चुकी है ।दूर-दराज के जिलों सहित स्थानीय सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा तट पर कुटिया बनाकर एक माह तक गंगा का सेवन और पूजन करेंगे। मान्यता है कि एक माह तक गंगा पूजन से न सिर्फ पुण्य प्राप्त होता है बल्कि मोक्ष की कामना करने वाले लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।स्थानीय पुजारियों के मुताबिक सिमरिया धाम पर कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है जो अभी भी अनवरत जारी है।


Body:vo- प्रसिद्ध सिमरिया गंगा तट पर सदियों से कल्पवास मेले का आयोजन होता आ रहा है। यह परंपरा अब भी उतने ही धार्मिक भाव से आयोजित की जा रही है। कल्पवास मेले की परंपरा के अनुसार आश्विन पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक श्रद्धालु 1 माह तक गंगा के तट पर झोपड़ी बनाकर निवास करते हैं। इस दौरान सूर्योदय से पूर्व वह गंगा स्नान करते हैं तथा दिन भर विभिन्न देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं ।खास करके तुलसी पूजा, सीताराम पूजा और विष्णु पूजा का काफी महत्व माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी अपने जीवन काल में एक माह कल्पवास करते हैं ।वहीं अन्य लोगों का मानना है की वर्षों पूजा पाठ करने से जो पुण्य प्राप्त होता है वह 1 माह गंगा तट पर कल्पवास करने से प्राप्त हो जाता है तथा लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं जिस वजह से लोग काफी कष्ट उठाकर भी एक माह तक गंगा तट पर निवास करते हैं।
बाइट-बिंदेश्वरी झा,श्रद्धालु
बाइट-मिथिलेश दास,धर्म प्रचारक
बाइट-चिदात्मन जी महाराज,प्रधान पुजारी
vo- वहीं प्रशासन ने कल्पवास मेले के सफल आयोजन के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम किए हैं ।जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के मुताबिक गंगा तट पर ना सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए शौचालय और चापाकल की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। गंगा नदी में अनहोनी की आशंका को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर वोट और तैराक भी तैनात किए गए हैं, साथ ही गंगा की साफ सफाई के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं ।लोगों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था के लिए संयुक्त आदेश जारी कर वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई है ।जिला प्रशासन का प्रयास होगा एक माह तक कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की तकलीफ ना हो।
बाइट-अरविंद कुमार वर्मा,डीएम बेगूसराय

पीटीसी -आशीष कुमार


Conclusion:fvo- सदियों से चली आ रही परंपरा और धार्मिक मान्यताओं से लबरेज प्रसिद्ध सिमरिया तट का कल्पवास मेला बिहार ही नहीं देश स्तर पर प्रसिद्ध है ।खास तौर पर जब से यहां अर्धकुंभ जैसे वृहद आयोजन होने लगे सिमरिया धाम की महत्ता दूर-दूर तक प्रसिद्ध हो चुकी है।
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