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बेगूसराय: श्रम कानून में बदलाव को लेकर विरोध, सरकार पर मौलिक अधिकारों के हनन का आरोप - औद्योगिक विकास

बेगूसराय हड़ताली चौक पर मजदूर संघ ने भारत सरकार के श्रम कानून का विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि 8 घंटों की जगह 12 घंटे काम करना होगा. कार्यकर्ताओं का कहना है कि आद्योगिक प्रबंधन मजदूरों के साथ मनमानी करेगा.

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Published : May 20, 2020, 11:52 PM IST

Updated : May 21, 2020, 11:51 PM IST

बेगूसराय: भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भारत सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. शहर के हड़ताली चौक पर आयोजित इस प्रदर्शन में भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्ती और बैनर लेकर सरकार विरोधी नारे लगाए. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बेगूसराय के जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.

कार्यकर्ता
प्रदर्शन करते भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता

श्रम कानून में बदलाव

सरकार के द्वारा अगले 4 साल के लिए श्रम कानून में बदलाव के तहत 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम किए जाने के नए आदेश के विरोध में ये प्रदर्शन किया गया. मजदूर संघ ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए प्रदर्शन किया. वहीं, सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए. कार्यकर्ताओं का कहना है कि 8 घंटे के बदले 12 घंटे काम लिए जाने से आद्योगिक प्रबंधन निरंकुश बन जाएगा.

देखें वीडियो

मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

इनका कहना है कि भारतीय मजदूर संघ देश में औद्योगिक विकास चाहता है, लेकिन भूखे मजदूरों के अधिकार को रौंदकर नहीं. इनका यह भी कहना है कि सरकार की यह हरकत भ्रामक गैरकानूनी अनुचित मानवता के खिलाफ और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

बेगूसराय: भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भारत सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. शहर के हड़ताली चौक पर आयोजित इस प्रदर्शन में भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्ती और बैनर लेकर सरकार विरोधी नारे लगाए. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बेगूसराय के जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.

कार्यकर्ता
प्रदर्शन करते भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता

श्रम कानून में बदलाव

सरकार के द्वारा अगले 4 साल के लिए श्रम कानून में बदलाव के तहत 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम किए जाने के नए आदेश के विरोध में ये प्रदर्शन किया गया. मजदूर संघ ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए प्रदर्शन किया. वहीं, सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए. कार्यकर्ताओं का कहना है कि 8 घंटे के बदले 12 घंटे काम लिए जाने से आद्योगिक प्रबंधन निरंकुश बन जाएगा.

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मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

इनका कहना है कि भारतीय मजदूर संघ देश में औद्योगिक विकास चाहता है, लेकिन भूखे मजदूरों के अधिकार को रौंदकर नहीं. इनका यह भी कहना है कि सरकार की यह हरकत भ्रामक गैरकानूनी अनुचित मानवता के खिलाफ और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

Last Updated : May 21, 2020, 11:51 PM IST
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