बेगूसराय: देश में जारी लॉकडाउन का असर हर सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों पर पड़ा है. इसका खामियाजा निबंधन कार्यालय बेगूसराय को भी भुगतना पड़ रहा है. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिस तरीके से यहां सोशल डिस्टेंसिंग का शत-प्रतिशत पालन करवाया जा रहा है. वह जिले के लिए मिसाल बन गया है. एक तरफ लॉकडाउन को लेकर पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है. वहीं, दबसरी ओर स्थानीय स्तर पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. खासकर जमीन की खरीद-फरोख्त की रफ्तार काफी कमी आई है.
निबंधन कार्यालय में कम दिख रही भीड़
जिला निबंधन अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि निबंधन विभाग बेगूसराय को हर साल 120 करोड़ राजस्व की प्राप्ति होती थी. लेकिन इस साल ऐसा नहीं हो रहा है. लॉकडाउन में मिली छूट के बाद जब 20 मई से कार्यालय खुला है. लेकिन पहले के मुकाबले अब यहां आने वालों की संख्या काफी कम हो गई है. लॉकडाउन की वजह से लोगों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है ऐसे में भीड़ कम होना लाजमी सा है. वहीं, 2 महीने से निबंधन विभाग के कार्यालय बंद होने के कारण विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान भी हुआ है. इस सब के बावजूद भी विभाग के लोगों की प्राथमिकता कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की है. इसको लेकर निबंधन विभाग के अधिकारी और कर्मी पूरी तरह से सजग हैं.
कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
निबंधन कार्यालय में प्रवेश से लेकर निबंधन कार्य के दौरान तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जाता है. साथ ही हर 2 घंटे पर पूरे भवन को सेनिटाइज किया जाता है. निबंधन करवाने के लिए जो भी व्यक्ति निबंधन कार्यालय पहुंचेंगे. उन्हें 1 दिन पहले अपॉइंटमेंट लेना पड़ेगा और एक बार में निबंधन कार्यालय में सिर्फ 5 ही आदमी प्रवेश कर सकते हैं. इस दौरान जगह-जगह उनकी थर्मल स्क्रिनिंग और हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा है.
राज्य सरकार से लगातार मिलता है मार्गदर्शन
कार्यालय में प्रवेश के समय से मास्क की बाध्यता, हाथों को सेनेटाइज करना, थर्मल स्क्रिनिंग इन तमाम चीजों को सख्ती से लागू किया गया है. साथ ही निबंधन कार्यालय में जुटने वाली भीड़ को रोकने के लिए यह आदेश जारी कर दिया गया है कि एक बार में सिर्फ पांच व्यक्ति कार्यालय में प्रवेश कर सकेंगे. ऐसा करके यहां शत-प्रतिशत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. निबंधन अधिकारी ने बताया कि कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन को लेकर डीएम अरविंद कुमार वर्मा और राज्य सरकार से लगातार मार्गदर्शन मिलता रहा है. इसको देखते हुए विभाग ने यहां यह प्रक्रिया सख्ती से लागू की है.