बेगूसरायः जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लगी है. मामला एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग का है. दरअसल बीते माह एससी एसटी एक्ट के धड़ल्ले से हो रहे दुरुपयोग की खबर ईटीवी भारत की ओर से प्रमुखता से दिखाई गई थी. जिस पर डीएम ने संज्ञान लिया है. डीएम ने भी स्वीकार किया कि कुछ लोग इस एक्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं. जिससे सही मामलें की जांच प्रक्रिया प्रभावित हो रही है.
एससी एसटी एक्ट का हो रहा था दुरुपयोग
मामले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा था. बीते 16 महीनों के अंदर 200 से ज्यादा एससी-एसटी एक्ट से जुड़े मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं. जिसमें पुलिस अधिकारी ने स्वीकार किया था कि कई मामले झूठे और आधारहीन होते हैं. वहीं, व्यवहार न्यायालय बेगूसराय के नामी वकील ने भी अपना पक्ष रखा था और दावा किया था कि इस एक्ट का ज्यादा उपयोग लोगों को फंसाने या भय दोहन के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि बाद में यह मामलें पुलिस अनुसंधान में झूठे साबित हो जाते हैं. जिससे ना सिर्फ पुलिस और कोर्ट का समय बर्बाद होता है. बल्कि आरोपित व्यक्ति को आर्थिक हानी के साथ-साथ सामाजिक प्रतिष्ठा का भी नुकसान होता है.
'क्या है इनका कहना'
इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ने जिले में नव पदस्थापित जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा से पक्ष जानने का प्रयास किया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा की खबर मेरे संज्ञान में है. और अनुसूचित जाति जनजाति जिला कमेटी की बैठक में भी यह मुद्दा प्रमुखता से लोगों ने उठाया था. मेरा मानना है कि कोई भी एक्ट सरकार की ओर से लाई जाती है तो उसमें लोगों का हित जुड़ा हुआ होता है. लेकिन यह बातें प्रकाश में आई हैं कि कुछ लोग इस एक्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं.
झूठे मुकदमे दर्ज नहीं करने के निर्देश
ऐसे में जो सही मामले हैं या जो सही में प्रताड़ित किए गए लोग हैं. उनके ओर से की गई शिकायत की जांच में भी लोग ढिलाई दिखा सकते हैं. इसलिए सभी वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है की निर्दोष लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज नहीं किए जाए.