बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में प्रसिद्ध सिमरिया धाम में एक महीने तक चलने वाले कल्पवास मेले का विधिवत उद्घाटन हुआ. इसे बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने अपने हाथो संपन्न किया. प्रत्येक वर्ष की भांति आयोजित इस कल्पवास मेले में देश भर के लोग गंगा के तट पर पर्ण कुटीर में रहकर गंगा की आराधना करते हैं. मिथिलांचल के लिए बेहद ही खास माने जाने वाले इस कल्पवास मेले का धार्मिक दृश्टिकोण से अपना ही महत्व है.
पढ़ें-Simariya Dham: 114.97 करोड़ रुपये की लागत से होगा सिमरिया धाम का विकास, आज CM नीतीश करेंगे शिलान्यास
दीप प्रज्वलित कर किया गया उद्घाटन: बुधवार को आयोजित इस उद्घाटन समारोह में बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा, बेगूसराय के डीएम रोशन कुशवाहा, डीआईजी बाबूराम, एसपी योगेंद्र कुमार, मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह, बेगूसराय सदर विधायक कुंदन कुमार, तेघरा के विधायक रामरतन सिंह एवं बखरी के विधायक सूर्यकांत पासवान, एमएलसी सर्वेश कुमार आदी शामिल हुए. इस मेले का उद्घाटन सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर किया गया.
कल्पवास क्षेत्र में कई सुविधाएं: इस अवसर पर मंत्री संजय झा ने कल्पवास मेला क्षेत्र का भ्रमण किया. वहीं यहां के विकास कार्यों का उद्घाटन भी किया. इस मौके बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि पिछले वर्ष गंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि की वजह से कल्पवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इसके मद्देनजर इस बार बरसात के बाबजूद मिट्टी भराई के साथ ही कल्पवास क्षेत्र के लिए अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई है.
"इस बार जो भी लोग कल्पवास करने आएंगे उनको किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होंगी. जल संसाधन विभाग यहां पर जो भी काम कर रही है वह बेहद ही गुणवत्तापूर्ण तरीके से कर रही है और काम अभी प्रोग्रेस में है. 14 जनवरी के बाद इसके एक भाग का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे." -संजय झा, मंत्री, बिहार सरकार
पर्यटन के क्षेत्र में है खास महत्व: आगे जल संसाधन मंत्री ने बताया कि जून में यहां होने वाले सभी काम को पूरा कर लिया जायेगा. जिसके बाद यह पर्यटन के क्षेत्र में बहुत बड़ा सेंटर बनेगा. पहले से ही इस स्थान का खास महत्व रहा है लेकिन सुविधा मिलने के बाद यह पर्यटन के क्षेत्र में इसका महत्व और भी बढ़ जायेगा. हरिद्वार के मुख्य गंगा में धार घाट नहीं है पर सिमरिया में घाट उपलब्ध हो जायेगा. उन्होंने कुंभ के संबंध में कहा कि जिला प्रशासन के लोग इसकी मॉनीटरिंग कर रहे होंगे पर आज से पहले जल संसाधन विभाग के द्वारा ऐसा काम यहां नहीं हुआ था.