बेगूसराय: देश में पहली बूथ लूट की घटना बेगूसराय में हुई थी. 1957 के विधानसभा चुनाव में हुई बूथ लूट की यह घटना मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के रचिहाई में की गई थी. मगर आज का दौर काफी बदल गया है. वर्तमान में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए में पुलिस प्रशासन के द्वार तमाम तरह के कानूनी प्रावधान किये जा रहे हैं.
जिला में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए प्रशासन ने पुरी तैयारी कर ली है. इसके लिए प्रशासन जिला बदर, थाना बदर और 107 के तहत कार्रवाई कर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है. साथ ही उन बूथों पर खास ध्यान रखा जा रहा है. जहां लोगों को डरा धमका कर मतदान को प्रभावित किया जा सकता है.
सीसीए के तहत किया जायेगा कार्रवाई
जिला पुलिस ने अब तक लगभग पांच हज़ार लोगों पर 107 तहत कारवाई कर चुकी है. वहीं 110 लोगों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को लिखा जा चुका है. इसके अलावे हजारो लीटर अवैध शराब और शराब की भाट्ठियां ध्वस्त कर दी गई है. साथ ही साथ 6 महीने से फरार वारंटियों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने की भी कार्रवाई किया जा रहा है.
क्या है जिला बदर
गुंडा नियंत्रण अधिनियम की धारा 3/4 के तहत ऐसे असामाजिक तत्वों, जिनसे समाज में अराजकता व खतरा पैदा होने की आशंका होती है, के मामले में जिला बदर का आदेश जारी होता है. जिला बदर का आदेश पहले छह माह का होता है. इस अवधि में दोनों जिलों अर्थात जिस जिले से बदर किया जाता है और जिस जिले में भेजने के लिए चिह्नित किया जाता है, उस जिले की पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि वह इन अपराधियों पर नजर रखेगी. उनको हाजिरी भी देने का कानून है. इस बीच यदि कोई आरोपी मूल जिले में नजर आ गया तो जिला बदर की अवधि छह माह और बढ़ जाएगी.
क्या है थाना बदर
जिले में अपराध पर नियंत्रण और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों को गृह थाना क्षेत्र से अलग दूसरे थाना में रोज हाजिरी लगाने का निर्देश दिया जाता है.