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क्या आप जानते हैं... देश की पहली बूथ लूट की घटना कहां हुई थी ? - etv bharat news

जिला में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए प्रशासन ने पुरी तैयारी कर ली है. इसके लिए प्रशासन जिला बदर, थाना बदर और 107 के तहत कार्रवाई कर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है.

सुरक्षा को लेकर तैयारी पूरी
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Published : Apr 1, 2019, 8:43 AM IST

बेगूसराय: देश में पहली बूथ लूट की घटना बेगूसराय में हुई थी. 1957 के विधानसभा चुनाव में हुई बूथ लूट की यह घटना मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के रचिहाई में की गई थी. मगर आज का दौर काफी बदल गया है. वर्तमान में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए में पुलिस प्रशासन के द्वार तमाम तरह के कानूनी प्रावधान किये जा रहे हैं.

प्रशासनिक तैयारियों की जानकारी देते पुलिस अधिकारी

जिला में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए प्रशासन ने पुरी तैयारी कर ली है. इसके लिए प्रशासन जिला बदर, थाना बदर और 107 के तहत कार्रवाई कर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है. साथ ही उन बूथों पर खास ध्यान रखा जा रहा है. जहां लोगों को डरा धमका कर मतदान को प्रभावित किया जा सकता है.

सीसीए के तहत किया जायेगा कार्रवाई

जिला पुलिस ने अब तक लगभग पांच हज़ार लोगों पर 107 तहत कारवाई कर चुकी है. वहीं 110 लोगों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को लिखा जा चुका है. इसके अलावे हजारो लीटर अवैध शराब और शराब की भाट्ठियां ध्वस्त कर दी गई है. साथ ही साथ 6 महीने से फरार वारंटियों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने की भी कार्रवाई किया जा रहा है.

क्या है जिला बदर

गुंडा नियंत्रण अधिनियम की धारा 3/4 के तहत ऐसे असामाजिक तत्वों, जिनसे समाज में अराजकता व खतरा पैदा होने की आशंका होती है, के मामले में जिला बदर का आदेश जारी होता है. जिला बदर का आदेश पहले छह माह का होता है. इस अवधि में दोनों जिलों अर्थात जिस जिले से बदर किया जाता है और जिस जिले में भेजने के लिए चिह्नित किया जाता है, उस जिले की पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि वह इन अपराधियों पर नजर रखेगी. उनको हाजिरी भी देने का कानून है. इस बीच यदि कोई आरोपी मूल जिले में नजर आ गया तो जिला बदर की अवधि छह माह और बढ़ जाएगी.

क्या है थाना बदर

जिले में अपराध पर नियंत्रण और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों को गृह थाना क्षेत्र से अलग दूसरे थाना में रोज हाजिरी लगाने का निर्देश दिया जाता है.

बेगूसराय: देश में पहली बूथ लूट की घटना बेगूसराय में हुई थी. 1957 के विधानसभा चुनाव में हुई बूथ लूट की यह घटना मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के रचिहाई में की गई थी. मगर आज का दौर काफी बदल गया है. वर्तमान में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए में पुलिस प्रशासन के द्वार तमाम तरह के कानूनी प्रावधान किये जा रहे हैं.

प्रशासनिक तैयारियों की जानकारी देते पुलिस अधिकारी

जिला में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए प्रशासन ने पुरी तैयारी कर ली है. इसके लिए प्रशासन जिला बदर, थाना बदर और 107 के तहत कार्रवाई कर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है. साथ ही उन बूथों पर खास ध्यान रखा जा रहा है. जहां लोगों को डरा धमका कर मतदान को प्रभावित किया जा सकता है.

सीसीए के तहत किया जायेगा कार्रवाई

जिला पुलिस ने अब तक लगभग पांच हज़ार लोगों पर 107 तहत कारवाई कर चुकी है. वहीं 110 लोगों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को लिखा जा चुका है. इसके अलावे हजारो लीटर अवैध शराब और शराब की भाट्ठियां ध्वस्त कर दी गई है. साथ ही साथ 6 महीने से फरार वारंटियों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने की भी कार्रवाई किया जा रहा है.

क्या है जिला बदर

गुंडा नियंत्रण अधिनियम की धारा 3/4 के तहत ऐसे असामाजिक तत्वों, जिनसे समाज में अराजकता व खतरा पैदा होने की आशंका होती है, के मामले में जिला बदर का आदेश जारी होता है. जिला बदर का आदेश पहले छह माह का होता है. इस अवधि में दोनों जिलों अर्थात जिस जिले से बदर किया जाता है और जिस जिले में भेजने के लिए चिह्नित किया जाता है, उस जिले की पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि वह इन अपराधियों पर नजर रखेगी. उनको हाजिरी भी देने का कानून है. इस बीच यदि कोई आरोपी मूल जिले में नजर आ गया तो जिला बदर की अवधि छह माह और बढ़ जाएगी.

क्या है थाना बदर

जिले में अपराध पर नियंत्रण और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों को गृह थाना क्षेत्र से अलग दूसरे थाना में रोज हाजिरी लगाने का निर्देश दिया जाता है.

Intro:1957 में देश की पहली बूथ लूट की घटना बेगुसराय में हुई थी ।1957 के विधानसभा में हुई बूथ लूट की ये घटना मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के रचिहाई में उस बक्त हुई थी जब लोग चुनाव को लेकर इतना जागरूक नही थे, न ही प्रशासन इतनी मुस्तैद थी । वो बक्त और आज का दौर काफी बदल गया है । बर्तमान में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए में तमाम तरह के कानूनी प्राबधान इस बात को दर्शाता है की आज चुनाव कितना बदल गया है । बेगूसराय में स्वक्छ और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए प्रशासन कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहती है इस के लिए प्रशासन जिला बदर , थाना बदर ,107 की कारबाई और अपरादियो को सलाखों के पीछे पहुचाने में कोई कसर नही छोड़ रही है ।


Body:इतिहास गवाह है की देश मे पहली बूथ कैप्चरिंग की घटना बेगुसराय के रचिहाई में हुई थी । 1957 से लेकर आज तक चुनाव के तरीकों में काफी बदलाव आया है । निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए क़ानून में कई नए प्राबधान किये गए । कानून के इस प्राबधान को बेगुसराय प्रशासन पूरी मुस्तैदी से पालन कर रही है । इसके लिए उन बूथो पर खाश ध्यान रखा जा रहा है जहाँ लोगो को डर धमका कर देवांग मतदान को प्रभावित कर सकते है । यैसी लोगो के खिलाफ जिला पुलिस ने लगभग पांच हज़ार लोगो पर अब तक 107 कि कारवाई कर चुकी है वही 110 लोगो के खिलाफ सीसीए की कार्रवई के लिए जिलाधिकारी को लिखा जा चुका है । इंसके अलावे हजारो लीटर अवैध शराब और शराब की भाटिया ध्वस्त की गई है । साथ ही साथ 6 महीने से फरार वारेंटियो का वोटर लिस्ट से नाम काटने की कारबाई भी की जा रही है । कूल मिलाकर जिला प्रशासन ये कोशिश कर रही है कि बेगुसराय में इस बार किसी भी तरह की गड़बड़ी न राह जाए ।
बाइट - कुंदन कुमार सिंह - डीएसपी मुख्यालय


Conclusion:
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