बांका (बेलहर): बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के साथ ही बेलहर विधानसभा से खासकर जदयू से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले लगभग आधा दर्जन नेता पार्टी का टिकट लेने के लिए पटना में बने हुए हैं. लेकिन कुछ ही माह पूर्व बेलहर विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में जदयू को अपनी इस सीट से हार खानी पड़ी थी. जिसका प्रभाव इस विधानसभा चुनाव में सुनने को मिल रहा है.
सीट के लिए माथापच्ची
पटना पहुंचे जदयू नेता और जदयू के वरीय कार्यकर्ताओं ने अनौपचारिक रूप से बताया कि उपचुनाव में हार की वजह से कुम्हार (प्रजापति) जाति के उम्मीदवार को प्राथमिकता देने के लिए काफी माथापच्ची हो रही है. इसके लिए बेलहर विधानसभा क्षेत्र से तीन-चार कुम्हार (प्रजापति) जाति के व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारने के लिए जदयू के राज्य और राष्ट्रीय स्तरीय पदाधिकारी के समक्ष साक्षात्कार के लिए भेजा गया है.
मतदाता की संख्या
बेलहर विधानसभा क्षेत्र में कुम्हार (प्रजापति) जाति के मतदाता की संख्या जातीय आधार पर तीसरे और चौथे स्थान पर है. बेलहर विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार गिरधारी यादव विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं.
लेकिन उनके इस सीट को छोड़कर लोकसभा में जीत हासिल करने के बाद उनके भाई लालधारी यादव के उपचुनाव में चुनाव हार जाने पर यहां राजद उम्मीदवार पूर्व विधायक रामदेव यादव ने जीत हासिल कर ली थी. इसलिए इस बार जदयू से यादव उम्मीदवार को नहीं उतारने का फैसला लिए जाने की बात सामने आ रही है.
अतिपिछड़ा जाति को मिलेगा मौका
यहां कुम्हार प्रजापति जाति के उम्मीदवार को जदयू चुनाव मैदान में उतारना चाह रही है. लेकिन सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि यदि कुम्हार (प्रजापति) जाति के अच्छे प्रत्याशी नहीं मिले तो, अतिपिछड़ा जाति के नेता को भी मौका दिया जा सकता है.
रणनीति तय करने में परेशानी
इन्हीं सब चर्चाओं को लेकर विधानसभा क्षेत्र में जदयू के प्रत्याशी का ऐलान नहीं हो पाने के कारण अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों को भी अपने चुनाव प्रचार की रणनीतियां तय करने में परेशानी हो रही है. इस संबंध में जदयू के प्रखंड अध्यक्ष बबलू सिंह ने बताया कि बेलहर विधानसभा क्षेत्र में यादव जाति के बाद अति पिछड़ा जाति की संख्या है.
जिसमें कुम्हार (प्रजापति), कुशवाहा आदि कई जातियां आती है. पार्टी जिन्हें टिकट देकर भेजेगी, कार्यकर्ता उन्हें जिताने के लिए प्रयास करेगी.