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कोटा से आये छात्रों को जांच के बाद किया गया होम क्वॉरेंटाइन, बोले- रास्ते में नहीं मिला खाना

सोमवार को बांका से आये 145 स्टूडेंट्स 9 बसों से बांका पहुंचे. जहां, उनकी स्क्रीनिंग कर सेल्फ क्वारेंटाइन के लिए घर भेजा गया.

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Published : May 4, 2020, 9:19 PM IST

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बांका: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में जिले के कई स्टूडेंट्स कोटा में फंस गए. वहीं केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कोटा से बच्चों को बांका लाने का सिलसिला शुरू हो गया है. सोमवार को 9 बसों से 145 बच्चों को बांका का लाया गया. सभी स्टूडेंट्स शहर से दूर पीबीएस कॉलेज पहुंचे जहां, मेडिकल टीम ने इनकी स्क्रीनिंग की. वहीं, स्टूडेंट्स से होम क्वॉरेंटाइन के लिए शपथ पत्र भी भरवाया गया.

छात्रों के अभिभावक शपथपत्र पर हस्ताक्षर कर अपने बच्चों को घर ले गए. बच्चों की पहचान के लिए उनके उंगली पर मार्किंग भी की गई. कोटा से बांका पहुंचे बच्चों ने यात्रा का अनुभव ईटीवी भारत के साथ साझा किया. पल्लवी अनिकेत स्नेहा सहित दर्जनों बच्चों ने बताया कि कोटा स्टेशन पर व्यवस्था अच्छी थी और खाने को मिला था. कोटा से चलने के बाद सिर्फ कानपुर में ही खाना मिला. वहीं, बिहार आगमन पर बरौनी में सिर्फ कुछ स्नेक्स और एक पानी का बोतल दिया गया. बच्चों ने कहा की सरकार की ओर से की गई व्यवस्था सिर्फ दिखाने के लिए थी. बरौनी रेलवे स्टेशन से डेढ़ किलोमीटर तक लगेज के साथ बस पकड़ने के लिए पैदल चलना पड़ा. इस दौरान रास्ते में भी खाने को कुछ नहीं मिला. बांका पहुंचे के बाद ही खाने को मिला.

थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद छात्र
थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद छात्र

स्क्रीनिंग के बाद घर भेजे गए स्टूडेंट्स
बच्चों की स्क्रीनिंग कर रहे चिकित्सक डॉ. बजरंग कुमार गुप्ता ने बताया कि सभी की स्क्रीनिंग की गई है. सभी का तापमान सामान्य है और बच्चे स्वस्थ हैं. एहतियात के तौर पर सभी बच्चों का नाम, मोबाइल नंबर और पता नोट कर लिया गया है. वहीं, सभी को घर पर सेल्फ क्वॉरेंटाइन में रहने की सलाह दी गई है. साथ ही बच्चों को यह भी बताया गया है कि बुखार या कोरोना के अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों से संपर्क करें.

बांका: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में जिले के कई स्टूडेंट्स कोटा में फंस गए. वहीं केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कोटा से बच्चों को बांका लाने का सिलसिला शुरू हो गया है. सोमवार को 9 बसों से 145 बच्चों को बांका का लाया गया. सभी स्टूडेंट्स शहर से दूर पीबीएस कॉलेज पहुंचे जहां, मेडिकल टीम ने इनकी स्क्रीनिंग की. वहीं, स्टूडेंट्स से होम क्वॉरेंटाइन के लिए शपथ पत्र भी भरवाया गया.

छात्रों के अभिभावक शपथपत्र पर हस्ताक्षर कर अपने बच्चों को घर ले गए. बच्चों की पहचान के लिए उनके उंगली पर मार्किंग भी की गई. कोटा से बांका पहुंचे बच्चों ने यात्रा का अनुभव ईटीवी भारत के साथ साझा किया. पल्लवी अनिकेत स्नेहा सहित दर्जनों बच्चों ने बताया कि कोटा स्टेशन पर व्यवस्था अच्छी थी और खाने को मिला था. कोटा से चलने के बाद सिर्फ कानपुर में ही खाना मिला. वहीं, बिहार आगमन पर बरौनी में सिर्फ कुछ स्नेक्स और एक पानी का बोतल दिया गया. बच्चों ने कहा की सरकार की ओर से की गई व्यवस्था सिर्फ दिखाने के लिए थी. बरौनी रेलवे स्टेशन से डेढ़ किलोमीटर तक लगेज के साथ बस पकड़ने के लिए पैदल चलना पड़ा. इस दौरान रास्ते में भी खाने को कुछ नहीं मिला. बांका पहुंचे के बाद ही खाने को मिला.

थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद छात्र
थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद छात्र

स्क्रीनिंग के बाद घर भेजे गए स्टूडेंट्स
बच्चों की स्क्रीनिंग कर रहे चिकित्सक डॉ. बजरंग कुमार गुप्ता ने बताया कि सभी की स्क्रीनिंग की गई है. सभी का तापमान सामान्य है और बच्चे स्वस्थ हैं. एहतियात के तौर पर सभी बच्चों का नाम, मोबाइल नंबर और पता नोट कर लिया गया है. वहीं, सभी को घर पर सेल्फ क्वॉरेंटाइन में रहने की सलाह दी गई है. साथ ही बच्चों को यह भी बताया गया है कि बुखार या कोरोना के अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों से संपर्क करें.

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