बांका: जिले के चांदन प्रखंड के सिलजोरी ग्राम निवासी बासुकीनाथ दुबे ने स्नातक कि पढाई पूरी करने के बाद केले की खेती कर अपने आप को स्वावलंबी बनाया. अपने काम के साथ बासुकीनाथ अब गांव के लोगों को भी खेती का गुर सिखाकर एक मिसाल पेश कर रहे हैं.
बासुकीनाथ ने बताया कि बैंक से कर्ज लेकर पहले उन्होंने लेमन ग्रास की खेती की लेकिन उसमें समुचित सुविधा और लेमन ग्रास की बिक्री की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें करीब तीन लाख रुपए का नुकसान हुआ. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने उसी जमीन पर केले की खेती शुरू कर दी.
3 एकड़ की जमीन पर करते हैं खेती
3 एकड़ की जमीन पर केले की खेती कर बासुकीनाथ दुबे सालाना एक लाख से अधिक की आमदनी कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से उन्हें ट्रेनिंग के अलावा और कुछ नहीं मिल रहा. अगर सरकार केले की बिक्री और उसके लिए कुछ ऋण उपलब्ध करा दे तो पूरे गांव को इस धंधे से स्वावलंबी बना सकते हैं.
केले के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती भी कर रहे हैं
केले के धंधे के साथ-साथ बासुकीनाथ ने इस साल स्ट्रॉबेरी की खेती भी शुरु कर दी है जो अभी शुरुआती दौर में है. इसके लिए अलग-अलग जगहों से बीज मंगा कर खेती कर रहे हैं और अपने ग्रामीण भाईयों को भी इसके लिये प्रेरित कर रहे हैं.