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बांकाः विपक्ष ने किसान बिल का किया विरोध, RJD विधायक ने बिल को बताया काला कानून

आरजेडी विधायक रामदेव यादव ने किसान बिल को काला कानून बताते हुए कहा कि इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह बिल किसानों पर बोझ डालेगा. जब तक बिल को वापस नहीं लिया जाएगा, आदोलन जारी रहेगा.

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Published : Sep 25, 2020, 6:01 PM IST

बांका: किसान बिल को वापस लेने की मांग को लेकर शुक्रवार को तमाम विपक्षी पार्टियां सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं. बांका में आरजेडी, जाप और वाम दल के कार्यकर्ता सड़क पर उतर पर बिल का विरोध कर रहे हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारी शहर के मुख्य चौक चौराहों से होते हुए समाहरणालय के मुख्य गेट पर पहुंचे. वहां सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई. उसके बाद डीएम को राज्यपाल और राष्ट्रपति के नाम बिल वापस लेने की मांग को लेकर एक मेमोरेंडम सौंपा.

'किसानों की हकमारी बर्दाश्त नहीं'
आरजेडी जिलाध्यक्ष अर्जुन ठाकुर ने बताया कि देश में किसान विरोधी बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. बिहार की 80 प्रतिशत आबादी खेती-किसानी पर निर्भर हैं. किसान अपने खून-पसीने से फसल उपजाते हैं, लेकिन अपनी फसल की कीमत खुद तय नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के फसल की कीमत पूंजीपति तय करते हैं. यह बिल जमाखोरों, बिचौलिए और पूंजीपतियों के लिए बनाया गया है. किसानों की हकमारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसलिए इस बिल का पुरजोर विरोध किया जा रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'काला कानून के खिलाफ प्रदर्शन'
वहीं, आरजेडी विधायक रामदेव यादव ने बताया कि राज्यसभा और लोकसभा में किसान संबंधी जो बिल पास कराया गया है. सही मायने में वह किसान विरोधी बिल है. उसी के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. इस काला कानून को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह बिल किसानों पर बोझ डालने वाला है. केंद्र की सरकार सभी संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने के लिए आतुर है. केंद्र सरकार देश को बेचने की साजिश रच रही है. सरकार का यह मंसूबा कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. देश में महंगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है.

बांका: किसान बिल को वापस लेने की मांग को लेकर शुक्रवार को तमाम विपक्षी पार्टियां सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं. बांका में आरजेडी, जाप और वाम दल के कार्यकर्ता सड़क पर उतर पर बिल का विरोध कर रहे हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारी शहर के मुख्य चौक चौराहों से होते हुए समाहरणालय के मुख्य गेट पर पहुंचे. वहां सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई. उसके बाद डीएम को राज्यपाल और राष्ट्रपति के नाम बिल वापस लेने की मांग को लेकर एक मेमोरेंडम सौंपा.

'किसानों की हकमारी बर्दाश्त नहीं'
आरजेडी जिलाध्यक्ष अर्जुन ठाकुर ने बताया कि देश में किसान विरोधी बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. बिहार की 80 प्रतिशत आबादी खेती-किसानी पर निर्भर हैं. किसान अपने खून-पसीने से फसल उपजाते हैं, लेकिन अपनी फसल की कीमत खुद तय नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के फसल की कीमत पूंजीपति तय करते हैं. यह बिल जमाखोरों, बिचौलिए और पूंजीपतियों के लिए बनाया गया है. किसानों की हकमारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसलिए इस बिल का पुरजोर विरोध किया जा रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'काला कानून के खिलाफ प्रदर्शन'
वहीं, आरजेडी विधायक रामदेव यादव ने बताया कि राज्यसभा और लोकसभा में किसान संबंधी जो बिल पास कराया गया है. सही मायने में वह किसान विरोधी बिल है. उसी के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. इस काला कानून को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह बिल किसानों पर बोझ डालने वाला है. केंद्र की सरकार सभी संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने के लिए आतुर है. केंद्र सरकार देश को बेचने की साजिश रच रही है. सरकार का यह मंसूबा कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. देश में महंगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है.

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