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एंबुलेंस का ऑक्सीजन खत्म हाेने से नवजात की माैत, परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप - बांका न्यूज

बांका में नवजात बच्चे की इलाज के लिए भागलपुर ले जाते समय मौत हो गई. पीड़ित परिजन ने नवजात की मौत के लिए डॉक्टर व एएनएम को जिम्मेदार बताया है. नवजात की मौत को लेकर मुआवजे की भी मांग की गई है.

ऑक्सीजन खत्म हाेने के कारण नवजात की माैत
ऑक्सीजन खत्म हाेने के कारण नवजात की माैत
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Published : Oct 7, 2021, 12:43 AM IST

बांका: बिहार के बांका जिले के धोरैया प्रखंड स्थित अस्पताल मेें नवजात के जन्म लेने के बाद जच्चा व बच्चा की स्थिति काे नाजुक देखते हुए डाॅक्टराें ने भागलपुर रेफर कर दिया. भागलपुर जाने से पहले ही एंबुलेस में ऑक्सीजन की कमी होने से नवजात की माैत (Newborn Baby Dies Due to Lack of Oxygen) हाे गयी. घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने एम्बुलेंस चालक काे बंधक बना लिया.

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दरअसल, धनकुंड थाना क्षेत्र के मकैता गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह की गर्भवती पत्नी चांदनी देवी अपने परिजनों के साथ बुधवार को प्रसव कराने अस्पताल पहुंची. जहां एएनएम माधवी ने महिला का चेकअप करते हुए दोपहर करीब एक बजे के बाद प्रसव कराया. जच्चा-बच्चा की स्थिति खराब देख डॉ. साजिद ने दोनों को भागलपुर रेफर कर दिया. भागलपुर जाने के दौरान एंबुलेस में ऑक्सीजन की कमी से नवजात की मौत हो गई.

प्रसव कराने पहुंची महिला के पति धर्मेंद्र ने बताया कि दो बजे धोरैया अस्पताल से एम्बुलेंस लेकर भागलपुर के लिए निकले. भागलपुर जाने के दौरान अस्पातल में डॉ. साजिद ने एम्बुलेंस में मौजूद ऑक्सीजन को चेक करते हुए बताया कि यहां से भागलपुर तक जाने में कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन अस्पताल से करीब 10 किलोमीटर दूर निकलने पर ऑक्सीजन खत्म हो गया.

ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी मामले में कांग्रेस ने बांका में सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका

भागलपुर पहुंचने पर डॉ. चंद्रकांत ने बच्चे को देखते ही मृत घोषित कर दिया. नवजात बच्चे की मौत से नाराज परिजनों ने अपने गांव मकैता में ही एबुलेंस सहित चालक मृत्युंजय कुमार व ईएमटी प्रिंस अमर को बंधक बना लिया. परिजन डॉक्टर व एएनएम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नवजात की मौत को लेकर मुआवजे की मांग करने लगे. मृत नवजात के पिता धर्मेंद्र सिंह ने इसको लेकर जिला शल्य चिकित्सा पदाधिकारी को आवेदन भी प्रेषित किया है.

पूरे मामले पर धोरैया अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्याम सुंदर दास ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी. परिजनाें के द्वारा एम्बुलेंस वाहन काे रखना बेहद गलत है और भी मरीज अस्पताल में आते हैं जिन्हें एम्बुलेंस की जरूरत पड़ती है. मामले की जांच कराई जाएगी. जांच के दौरान जो भी दाेषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी.

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दरअसल, धनकुंड थाना क्षेत्र के मकैता गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह की गर्भवती पत्नी चांदनी देवी अपने परिजनों के साथ बुधवार को प्रसव कराने अस्पताल पहुंची. जहां एएनएम माधवी ने महिला का चेकअप करते हुए दोपहर करीब एक बजे के बाद प्रसव कराया. जच्चा-बच्चा की स्थिति खराब देख डॉ. साजिद ने दोनों को भागलपुर रेफर कर दिया. भागलपुर जाने के दौरान एंबुलेस में ऑक्सीजन की कमी से नवजात की मौत हो गई.

प्रसव कराने पहुंची महिला के पति धर्मेंद्र ने बताया कि दो बजे धोरैया अस्पताल से एम्बुलेंस लेकर भागलपुर के लिए निकले. भागलपुर जाने के दौरान अस्पातल में डॉ. साजिद ने एम्बुलेंस में मौजूद ऑक्सीजन को चेक करते हुए बताया कि यहां से भागलपुर तक जाने में कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन अस्पताल से करीब 10 किलोमीटर दूर निकलने पर ऑक्सीजन खत्म हो गया.

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भागलपुर पहुंचने पर डॉ. चंद्रकांत ने बच्चे को देखते ही मृत घोषित कर दिया. नवजात बच्चे की मौत से नाराज परिजनों ने अपने गांव मकैता में ही एबुलेंस सहित चालक मृत्युंजय कुमार व ईएमटी प्रिंस अमर को बंधक बना लिया. परिजन डॉक्टर व एएनएम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नवजात की मौत को लेकर मुआवजे की मांग करने लगे. मृत नवजात के पिता धर्मेंद्र सिंह ने इसको लेकर जिला शल्य चिकित्सा पदाधिकारी को आवेदन भी प्रेषित किया है.

पूरे मामले पर धोरैया अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्याम सुंदर दास ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी. परिजनाें के द्वारा एम्बुलेंस वाहन काे रखना बेहद गलत है और भी मरीज अस्पताल में आते हैं जिन्हें एम्बुलेंस की जरूरत पड़ती है. मामले की जांच कराई जाएगी. जांच के दौरान जो भी दाेषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी.

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