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बांका: 23 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस ने मनाया राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस

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Published : Sep 23, 2020, 10:41 PM IST

जिले में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटर के द्वारा 23 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्व्यापी विरोध दिवस मनाया. शहर के सड़कों पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन करते हुए चमन नाले मुख्य गेट पर पहुंचकर जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए. इंटक का एक शिष्टमंडल पर सूत्री मांगों का ज्ञापन पीएम के नाम डीएम को सौंपा.

राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस
राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस

बांका: जिले में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक ने 23 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया. देश मे बढ़ते
बेराेजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, निजीकरण, सरकार द्वारा मजदूराें के हित की अनदेखी, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन के विरोध में इंटक के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला.

यह जुलूस शहर के डीएम आवास चौक से निकलकर समाहरणालय मुख्य गेट तक पहुंचा. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हांथ में बैनर सरकार के नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं ने केंद्र से जुड़े 14 और राज्य से जुड़े 9 सूत्री मांगपत्र प्रधानमंत्री के नाम डीएम को सौंपा.

पीएम के नाम डीएम को सौंपा 23 सूत्री मांग
इंटक जिलाध्यक्ष विनय कापरी ने कहा कि केंद्र सरकार न ताे युवाओं काे राेजगार दे पा रही है और न ही किसानाें के हिताें के लिए काम कर पा रही है. साथ ही श्रम कानूनाें में मजदूर विराेधी परिवर्तन किया जा रहा है. राष्ट्रीय संसाधनाें और संपत्तियाें काे निजी कंपनियाें के हवाले किया जा रहा है. जिसके विराेध में इंटक राष्ट्रव्यापी विराेध दिवस मना रही है. विराेध प्रदर्शन के बाद एक शिष्ट मंडल डीएम से मिलकर पीएम के नाम 23 सूत्री मांगाें का पत्र साैंपा है. 23 सूत्री मांगाें में 14 मांगे केंद्र से और 9 मांगे राज्य से जुड़ी है. जिसपर पीएम का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए डीएम को सौंपा गया है.

कोरोना फ्रंटलाइन श्रमिकों की निरंतर हो रही है उपेक्षा
इंटक जिलाध्यक्ष विनय कापरी ने बताया कि स्वच्छता दूत, स्वास्थ्य कर्मियाें एवं काेराेना के खिलाफ जंग में कार्यरत अन्य फ्रंट लाइन श्रमिकाें की निरंतर हाे रही उपेक्षा बंद किया जाना चहिए. प्रवासी श्रमिकाें काे उनके घराें तक सुरक्षिति पहुंचाने, सभी काे भाेजन उपलब्ध कराने, बिना किसी शर्त के राशन वितरण के सार्वभाैमिक कवरेज करने, पूरे लाॅक डाउन अवधि के लिए सभी काे मजदूरी सुनिश्चित का सरकार से मांग किया. राज्य से संबंधित मांगाें में बिहार काे विशेष राज्य का दर्जा देने, बिहार में बढ़ती बेराेजगारी दर एवं लाखाें की संख्या में घर लाैटे प्रवासी मजदूराें काे राेजगार दिए जाने और भत्ता देने की भी मांग की.

बांका: जिले में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक ने 23 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया. देश मे बढ़ते
बेराेजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, निजीकरण, सरकार द्वारा मजदूराें के हित की अनदेखी, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन के विरोध में इंटक के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला.

यह जुलूस शहर के डीएम आवास चौक से निकलकर समाहरणालय मुख्य गेट तक पहुंचा. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हांथ में बैनर सरकार के नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं ने केंद्र से जुड़े 14 और राज्य से जुड़े 9 सूत्री मांगपत्र प्रधानमंत्री के नाम डीएम को सौंपा.

पीएम के नाम डीएम को सौंपा 23 सूत्री मांग
इंटक जिलाध्यक्ष विनय कापरी ने कहा कि केंद्र सरकार न ताे युवाओं काे राेजगार दे पा रही है और न ही किसानाें के हिताें के लिए काम कर पा रही है. साथ ही श्रम कानूनाें में मजदूर विराेधी परिवर्तन किया जा रहा है. राष्ट्रीय संसाधनाें और संपत्तियाें काे निजी कंपनियाें के हवाले किया जा रहा है. जिसके विराेध में इंटक राष्ट्रव्यापी विराेध दिवस मना रही है. विराेध प्रदर्शन के बाद एक शिष्ट मंडल डीएम से मिलकर पीएम के नाम 23 सूत्री मांगाें का पत्र साैंपा है. 23 सूत्री मांगाें में 14 मांगे केंद्र से और 9 मांगे राज्य से जुड़ी है. जिसपर पीएम का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए डीएम को सौंपा गया है.

कोरोना फ्रंटलाइन श्रमिकों की निरंतर हो रही है उपेक्षा
इंटक जिलाध्यक्ष विनय कापरी ने बताया कि स्वच्छता दूत, स्वास्थ्य कर्मियाें एवं काेराेना के खिलाफ जंग में कार्यरत अन्य फ्रंट लाइन श्रमिकाें की निरंतर हाे रही उपेक्षा बंद किया जाना चहिए. प्रवासी श्रमिकाें काे उनके घराें तक सुरक्षिति पहुंचाने, सभी काे भाेजन उपलब्ध कराने, बिना किसी शर्त के राशन वितरण के सार्वभाैमिक कवरेज करने, पूरे लाॅक डाउन अवधि के लिए सभी काे मजदूरी सुनिश्चित का सरकार से मांग किया. राज्य से संबंधित मांगाें में बिहार काे विशेष राज्य का दर्जा देने, बिहार में बढ़ती बेराेजगारी दर एवं लाखाें की संख्या में घर लाैटे प्रवासी मजदूराें काे राेजगार दिए जाने और भत्ता देने की भी मांग की.

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