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बांका: क्वॉरेंटाइन सेंटर का हाल बदहाल, लोग बोले- जानवरों जैसा होता है सलूक

जिले के बाराहाट स्थित प्रखंड के प्रवासी मजदूरों ने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर पर सुविधा नदारद है. यहां जानवरों जैसा सलूक किया जाता है और खाना भी सही से नहीं मिल पाता है.

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Published : May 18, 2020, 5:43 PM IST

बांका: जिले के कई क्वॉरेंटाइन सेंटर पर खराब खाने की शिकायत को लेकर प्रवासी मजदूर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. जिले के बाराहाट प्रखंड स्थित महंत अयोध्या दास कॉलेज ढाकामोड़ में बनाए गए प्रखंड क्वॉरेंटाइन सेंटर पर अधिकांश मजदूरों ने यहां दिए जा रहे खाने को लेकर शिकायत की. उन्होंने व्यवस्था के नाम पर प्रशासन की तरफ से खानापूर्ति किए जाने की बात कही.

वहीं, इस क्वॉरेंटाइन केंद्र पर झड़प भी हो चुकी है. एक झड़प में दो प्रवासी मजदूरों के सर फट गए. मजदूरों ने बताया कि महंत आयोध्या दास कॉलेज ढाकामोड़ स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगभग लगभग 400 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं. सुबह लाल चाय, नास्ते में चूड़ा व दालमोट और खाने में चावल के साथ पानी वाला दाल और थोड़ी सब्जी दी जाती है. गुणवत्तापूर्ण खाने की मांग की जाती है तो घर से मंगा लेने की बात कही जाती है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक प्रवासी मजदूरों को रखने के नाम पर सरकार प्रति श्रमिक 2,400 रुपए दे रही है. इसके बाद भी महज खानापूर्ति हो रही है.

पेश है रिपोर्ट

यातना गृह बना क्वॉरेंटाइन सेंटर
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि जो खाना जानवरों को दिया जाता है उसी तरह का खाना मिल रहा है. हमारे साथ जानवरों की तरह बर्ताव किया जा रहा है. मजबूरन प्रवासी मजदूर घर से खाना मंगा कर खा रहे हैं. प्रवासी मजदूरों ने बताया कि यह क्वॉरेंटाइन सेंटर कम यातना गृह ज्यादा है. यहां भेड़-बकरी के तरह हमलोगों को रखा जा रहा है. मजदूरों ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात है स्वच्छता का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. यहां आने के समय एक साबुन दिया गया था जो कि खत्म हो गया है. लगातार कहने पर भी कोई सुनने वाला नहीं है. मांग करने पर घर जाने के लिए कह दिया जाता है.

बांका: जिले के कई क्वॉरेंटाइन सेंटर पर खराब खाने की शिकायत को लेकर प्रवासी मजदूर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. जिले के बाराहाट प्रखंड स्थित महंत अयोध्या दास कॉलेज ढाकामोड़ में बनाए गए प्रखंड क्वॉरेंटाइन सेंटर पर अधिकांश मजदूरों ने यहां दिए जा रहे खाने को लेकर शिकायत की. उन्होंने व्यवस्था के नाम पर प्रशासन की तरफ से खानापूर्ति किए जाने की बात कही.

वहीं, इस क्वॉरेंटाइन केंद्र पर झड़प भी हो चुकी है. एक झड़प में दो प्रवासी मजदूरों के सर फट गए. मजदूरों ने बताया कि महंत आयोध्या दास कॉलेज ढाकामोड़ स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगभग लगभग 400 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं. सुबह लाल चाय, नास्ते में चूड़ा व दालमोट और खाने में चावल के साथ पानी वाला दाल और थोड़ी सब्जी दी जाती है. गुणवत्तापूर्ण खाने की मांग की जाती है तो घर से मंगा लेने की बात कही जाती है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक प्रवासी मजदूरों को रखने के नाम पर सरकार प्रति श्रमिक 2,400 रुपए दे रही है. इसके बाद भी महज खानापूर्ति हो रही है.

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यातना गृह बना क्वॉरेंटाइन सेंटर
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि जो खाना जानवरों को दिया जाता है उसी तरह का खाना मिल रहा है. हमारे साथ जानवरों की तरह बर्ताव किया जा रहा है. मजबूरन प्रवासी मजदूर घर से खाना मंगा कर खा रहे हैं. प्रवासी मजदूरों ने बताया कि यह क्वॉरेंटाइन सेंटर कम यातना गृह ज्यादा है. यहां भेड़-बकरी के तरह हमलोगों को रखा जा रहा है. मजदूरों ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात है स्वच्छता का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. यहां आने के समय एक साबुन दिया गया था जो कि खत्म हो गया है. लगातार कहने पर भी कोई सुनने वाला नहीं है. मांग करने पर घर जाने के लिए कह दिया जाता है.

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