बांकाः जिले में लेमनग्रास की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. अब लेमन ग्रास की खेती करने वाले किसानों को तेल की बिक्री के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. क्योंकि जिला प्रशासन ने अब हैंड सैनिटाइजर में लेमनग्रास तेल का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. जिससे रोजाना 5 हजार लीटर हैंड सैनिटाइजर तैयार किए जाएंगे.
लेमनग्रास की खेती करने की तैयारी
जिला प्रशासन के इस पहल से किसानों में काफी खुशी है और वे लोग लेमनग्रास की खेती करने की तैयारी कर रहे हैं. तेल उत्पादन के बाद बाजार की समस्या से लेमनग्रास की खेती करने वाले किसान अक्सर जूझ रहे थे. किसानों की समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने हैंड सैनिटाइजर बनाने में लेमनग्रास के तेल का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है.
रोजाना बनेंगे 5 हजार लीटर सैनिटाइजर
जिले के रजौन प्रखंड में बंद पड़ी शराब फैक्ट्री में रोजाना 5 हजार लीटर हैंड सैनिटाइजर बनाने का वर्क प्लान तैयार किया गया है. हैंड सैनिटाइजर में अल्कोहल की महक को खत्म करने और सुगंधित बनाने के लिए लेमनग्रास के तेल का प्रयोग किया जाएगा.
वर्तमान में जिले के कई प्रखंडों में 110 एकड़ में किसान लेमन ग्रास की खेती कर रहे हैं. इसे बढ़ाकर 1 हजार एकड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हालांकि जिले में लेमनग्रास की खेती करवाने की शुरुआत 2018 में डीएम कुंदन कुमार ने की थी.
आसानी से होगी तेल की बिक्री
जिले के जयपुर इलाके में बंजर भूमि पर लेमनग्रास की खेती करने वाले किसान हरेंद्र शर्मा बताते हैं कि लॉकडाउन के बावजूद डिस्टलेशन प्लांट से 36 लीटर तेल निकाला गया है. जब से हैंड सैनिटाइजर में लेमनग्रास के तेल का इस्तेमाल करने की खबर आई है, तब से इलाके के किसानों में खुशी है. किसानों ने लेमनग्रास की खेती करने की तैयारी शुरू कर दी है.
प्रति लीटर एक हजार का होगा मुनाफा
डिस्टलेशन प्लांट में एक बार में 600 किलो घास की जरूरत पड़ती है. जिसमें 3.5 लीटर तेल निकलता है. डीएम ने 2 हजार प्रति लीटर तेल का रेट तय किया है. इसमें भी किसानों को एक हजार का मुनाफा होगा. एक अन्य किसान उदय किशोर शाह ने बताया कि जिला प्रशासन के इस निर्णय से वो काफी खुश हैं. अब तेल की बिक्री के लिए मुंबई और बेंगलुरु की तरफ नहीं देखना पड़ेगा. बिक्री की समस्या दूर हो गई है.
ये भी पढ़ेंः तो अमेरिका से लेकर यूरोप तक नहीं पहुंच पाएगा जर्दालु आम और शाही लीची का स्वाद?
'सैनिटाइजर से दूर होगी अल्कोहल की महक'
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि लेमन ग्रास की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. वर्तमान में 110 एकड़ में खेती हो रही है. इसे बढ़ाकर 1हजार एकड़ तक करने का प्लान है. सैनिटाइजर में अल्कोहल की महक को खत्म करने के लिए लेमनग्रास के तेल का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे और किसान को तेल की बिक्री के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.