बांका: जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बिहार में 15 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन लगने के बाद से ही बांका की सड़कों पर 11 बजे के बाद से सन्नाटा पसर जाता है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रविवार को जिला प्रशासन ने पूर्ण लॉकडाउन लगाया है. इसका असर साफ तौर पर देखा जा रहा है. लोग अपने घरों में कैद हैं और प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस सड़कों पर है.
यह भी पढ़ें- अररिया: अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, बेटी ने खुद गड्ढा खोदा...और मां को दफनाया
वाहनों की आवाजाही बंद
पूर्ण लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए जिला के तमाम पुलिस पदाधिकारी सड़क पर हैं. पूर्ण लॉकडाउन के दौरान सिर्फ दवाई की दुकानें खुली हुई हैं. बसों की आवाजाही बंद है. झारखंड से लगने वाली सीमा को सील कर दिया गया है. एनएच से लेकर स्टेट हाईवे पर वाहनों की आवजाही बिल्कुल बंद है. लोग कोरोना के भय से इतने सहमे हुए है कि अपने घरों में कैद है.
लॉकडाउन का सख्ती से पालन
प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर अजय कुमार ने बताया कि पूर्ण लॉकडाउन का पूरी सख्ती से पालन कराया जा रहा है. इक्का-दुक्का वाहन ही सड़कों पर दिख रहे हैं. उनसे भी कड़ी पूछताछ की जा रही है. सटीक कारण होने पर ही आगे जाने की अनुमति दी जा रही है. बता दें कि जिले में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. जिले में 9 मई तक कुल 2 हजार 34 लोग संक्रमित हो चुके हैं. जिसमें से 1 हजार 86 लोग स्वस्थ हुए हैं. जबकि कुल एक्टिव केस 833 है.
यह भी पढ़ें- तीन बेटों की कोरोना से मौत, माता-पिता भी पॉजिटिव, अस्पताल में हंगामा कर रहे परिजन पहुंचे हवालात
अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जिले में 1 हजार 43 माइक्रो कंटोनमेंट एक्टिव है. रोजाना 11 हजार से अधिक लोगों की जांच हो रही है. सदर अस्पताल में 36 मरीज एडमिट है. जिसमें 28 को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. राहत भरी खबर यह है कि जिले में युवाओं के वैक्सिनेशन का काम रविवार से शुरू हो गया है.