बांका: जिले में प्रशासन और पूजा समितियों के बीच जारी खींचतान ने इस बार दुर्गा पूजा और दशहरा मेले के आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति कायम कर दी है. कोरोना संकट के हवाले से जिला प्रशासन ने इस बार हर हाल में 25 अक्टूबर को विजयादशमी मनाते हुए प्रतिमा विसर्जन का आदेश पूजा समितियों को जारी किया है. लेकिन पूजा समितियों ने इस आदेश को धर्म विरुद्ध करार देते हुए 26 अक्टूबर को विजयादशमी मनाने और प्रतिमा विसर्जन का फैसला ले लिया है.
दुर्गा पुजा को लेकर किया गया बैठक
बांका शहर और इसके आसपास की दुर्गा पूजा समितियों के प्रमुख संचालकों और मेढ़पतियों की शुक्रवार को कृष्णा इंटरनेशनल में बैठक हुई. जिसमें कहा गया कि 25 अक्टूबर को विजयादशमी मनाते हुए इसी दिन प्रतिमा विसर्जन करने का प्रशासन का आदेश धर्म, परंपराओं और लोकाचार नियमों के विरुद्ध है. वहीं बैठक की अध्यक्षता विजयनगर दुर्गा स्थान के मेढ़पति सच्चिदानंद तिवारी ने की, जबकि पुरानी ठाकुरबाड़ी पूजा समिति वीणा सेवक समाज के संचालक गौरव कुमार मिश्रा सहित करहरिया देवी मंडप के बाल किशोर घोष, संजय मित्रा, जगतपुर दुर्गास्थान के शंकर सिन्हा और मानिक रंजन आदि ने बैठक में भाग लिया.
धर्म और परंपराओं के अनुकूल नहीं- विजयादशमी
श्री लक्ष्मीनारायण पुरानी ठाकुरबाड़ी दुर्गा मंदिर पूजा आयोजन समिति के गौरव कुमार मिश्रा ने कहा 25 अक्टूबर को आधे दिन तक महानवमी की तिथि है. इस दिन सूर्योदय नवमी तिथि में हो रहा है. ऐसे में इस दिन को विजयादशमी मान लेना धर्म और परंपराओं के अनुकूल नहीं, बल्कि यह धर्म विरुद्ध है और ऐसा सभी विद्वान पंडितों ने भी प्रतिपादित किया है.
26 अक्टूबर को विजयादशमी का मुहूर्त
बांका सहित कटोरिया, बेलहर, सूईया, चांदन और इनारावरण सहित कई पूजा समिति के आचार्य के अनुसार 26 अक्टूबर को विजयादशमी का मुहूर्त दोपहर से ठीक पहले तक है. इसलिए विजयादशमी मनाते हुए इसी दिन प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा.