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बांका पहुंचे डीजी होमगार्ड, सुनीं होमगार्डों की समस्याएं

डीजी होमगार्ड आरके मिश्रा ने बताया कि होमगार्डों की जो बुनियादी समस्याएं थीं. उसके निस्तारण के रास्ते निकाले गए हैं. पहले भुगतान की प्रक्रिया ठीक नहीं थी. दो से छह महीने में वेतन भुगतान होता था. एक संकल्प लेकर होमगार्डों को वेतन भुगतान के नियम में परिवर्तन लाया गया है.

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बांका पहुंचे डीजी होमगार्ड
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Published : Jan 11, 2020, 10:10 PM IST

बांका: डीजी होमगार्ड आरके मिश्रा शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर बांका पहुंचे. जहां होमगार्ड के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके उपरांत डीजी होमगार्ड कार्यालय में बुनियादी समस्याओं से रूबरू हुए. उन्होंने बताया कि होमगार्ड की वेतन प्रक्रिया को दुरुस्त कर दिया गया है. अब सभी होमगार्ड जवानों के खाते में प्रत्येक महीने की पहली तारीख को वेतन डाला जा रहा है. हालांकि इसमें अब कुछ विसंगतियां है. जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि होमगार्ड की बहाली प्रक्रिया जो लंबित है. उसे सेंट्रलाइज तरीके से कराने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही होमगार्ड के रिक्त पदों पर बहाली प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. बताया कि कुछ ऐसे अधिकार जो डीजे के पास थे, वह समादेष्टा को दे दिए गए हैं.

सुनीं होमगार्डों की समस्याएं
डीजी होमगार्ड आरके मिश्रा ने बताया कि होमगार्डों की जो बुनियादी समस्याएं थीं. उसके निस्तारण के रास्ते निकाले गए हैं. पहले भुगतान की प्रक्रिया ठीक नहीं थी. दो से छह महीने में वेतन भुगतान होता था. एक संकल्प लेकर होमगार्डों को वेतन भुगतान के नियम में परिवर्तन लाया गया है. पिछले तीन माह से महीने की पहली तारीख को होमगार्डों के खाते में पैसा भेजा जा रहा है. कुछ दिक्कतें भी सामने आई हैं फिर भी 30 से 32 जिलों में होमगार्डों के खाते में प्रत्येक महीने राशि जाने लगी है.

बांका पहुंचे डीजी होमगार्ड, सुनीं होमगार्डों की समस्याएं

डीएम के आदेश पर मिलती है ड्यूटी
उन्होंने बताया कि होमगार्ड को ड्यूटी डीएम के आदेश पर दी जाती है. अगर होमगार्ड को लंबे समय से राशि भुगतान नहीं किया जाता है. तो इसकी जवाबदेही संबंधित अधिकारी की होती है. इसके लिए साधारण रास्ता निकाला. जिस वर्ष का भुगतान लंबित है और मानस दिवस शेष है. संबंधित विभाग के अधिकारी भुगतान करने से मना कर रहे हैं. ऐसे मामलों में 17 से 18 करोड़ रुपए संबंधित विभाग के अधिकारी से होमगार्डों को दिलवाया गया है.

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डीजी से मिलने आए होमगार्ड

निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं समादेष्टा
उन्होंने बताया कि अगर ड्यूटी आने के क्रम में किसी होमगार्ड की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसे ड्यूटी पर माना जाएगा. डीजे ने बताया कि वह 774 रुपए दैनिक भत्ते के लिए नहीं निकला है. वह अपने घर से सरकार के काम के उद्देश्य से चला है. ऐसे में सरकार के इंश्योरेंस के चार लाख रूपये के साथ ही अनुदान राशि और परिवार के इंटर पास एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे अधिकार जो डीजे के पास ही थे, वह अब समादेष्टा को दे दिए गए हैं. समादेष्टा निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं की होमगार्ड से किस प्रकार का काम लिया जाना है. कहां उनकी तैनाती की जानी है.

सेंट्रलाइज तरीके से होगी बहाली
उन्होंने बताया कि लंबे समय से होमगार्डों की बहाली प्रक्रिया रुकी हुई है. होमगार्ड के 12 हजार पद रिक्त पड़े हुए हैं. सेंट्रलाइज तरीके से होमगार्ड की बहाली कराने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है.

बांका: डीजी होमगार्ड आरके मिश्रा शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर बांका पहुंचे. जहां होमगार्ड के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके उपरांत डीजी होमगार्ड कार्यालय में बुनियादी समस्याओं से रूबरू हुए. उन्होंने बताया कि होमगार्ड की वेतन प्रक्रिया को दुरुस्त कर दिया गया है. अब सभी होमगार्ड जवानों के खाते में प्रत्येक महीने की पहली तारीख को वेतन डाला जा रहा है. हालांकि इसमें अब कुछ विसंगतियां है. जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि होमगार्ड की बहाली प्रक्रिया जो लंबित है. उसे सेंट्रलाइज तरीके से कराने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही होमगार्ड के रिक्त पदों पर बहाली प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. बताया कि कुछ ऐसे अधिकार जो डीजे के पास थे, वह समादेष्टा को दे दिए गए हैं.

सुनीं होमगार्डों की समस्याएं
डीजी होमगार्ड आरके मिश्रा ने बताया कि होमगार्डों की जो बुनियादी समस्याएं थीं. उसके निस्तारण के रास्ते निकाले गए हैं. पहले भुगतान की प्रक्रिया ठीक नहीं थी. दो से छह महीने में वेतन भुगतान होता था. एक संकल्प लेकर होमगार्डों को वेतन भुगतान के नियम में परिवर्तन लाया गया है. पिछले तीन माह से महीने की पहली तारीख को होमगार्डों के खाते में पैसा भेजा जा रहा है. कुछ दिक्कतें भी सामने आई हैं फिर भी 30 से 32 जिलों में होमगार्डों के खाते में प्रत्येक महीने राशि जाने लगी है.

बांका पहुंचे डीजी होमगार्ड, सुनीं होमगार्डों की समस्याएं

डीएम के आदेश पर मिलती है ड्यूटी
उन्होंने बताया कि होमगार्ड को ड्यूटी डीएम के आदेश पर दी जाती है. अगर होमगार्ड को लंबे समय से राशि भुगतान नहीं किया जाता है. तो इसकी जवाबदेही संबंधित अधिकारी की होती है. इसके लिए साधारण रास्ता निकाला. जिस वर्ष का भुगतान लंबित है और मानस दिवस शेष है. संबंधित विभाग के अधिकारी भुगतान करने से मना कर रहे हैं. ऐसे मामलों में 17 से 18 करोड़ रुपए संबंधित विभाग के अधिकारी से होमगार्डों को दिलवाया गया है.

Banka
डीजी से मिलने आए होमगार्ड

निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं समादेष्टा
उन्होंने बताया कि अगर ड्यूटी आने के क्रम में किसी होमगार्ड की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसे ड्यूटी पर माना जाएगा. डीजे ने बताया कि वह 774 रुपए दैनिक भत्ते के लिए नहीं निकला है. वह अपने घर से सरकार के काम के उद्देश्य से चला है. ऐसे में सरकार के इंश्योरेंस के चार लाख रूपये के साथ ही अनुदान राशि और परिवार के इंटर पास एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे अधिकार जो डीजे के पास ही थे, वह अब समादेष्टा को दे दिए गए हैं. समादेष्टा निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं की होमगार्ड से किस प्रकार का काम लिया जाना है. कहां उनकी तैनाती की जानी है.

सेंट्रलाइज तरीके से होगी बहाली
उन्होंने बताया कि लंबे समय से होमगार्डों की बहाली प्रक्रिया रुकी हुई है. होमगार्ड के 12 हजार पद रिक्त पड़े हुए हैं. सेंट्रलाइज तरीके से होमगार्ड की बहाली कराने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है.

Intro:होमगार्ड के डीजी आरके मिश्रा ने बताया कि वेतन की प्रक्रिया को दुरुस्त कर दिया गया है। अब होमगार्ड को प्रत्येक महीने के पहली तारीख को खाते में वेतन डाला जा रहा है।


Body:- होमगार्ड के डीजी एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे बांका

- डीजी को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

- होमगार्ड के समस्याओं से रूबरू हुए डीजी

- वेतन भुगतान के पुराने प्रक्रिया में किया गया है परिवर्तन

- पिछले तीन माह से पहली तारीख को होमगार्ड के खाते में भेजी जा रही है राशि

- लंबे अरसे से लंबित राशि भुगतान कराने की प्रक्रिया का भी निकाला गया है रास्ता

- बिहार में होमगार्ड के 12 हजार पद है रिक्त

- सेंट्रलाइज तरीके से होमगार्ड की बहाली के लिए सरकार को भेजा गया है प्रस्ताव

बांका। होमगार्ड के डीजी आरके मिश्रा एक दिवसीय दौरे पर बांका पहुंचे। जहां होमगार्ड के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके उपरांत डीजी ने होमगार्ड कार्यालय में बुनियादी समस्याओं से रूबरू हुए। होमगार्ड के डीजी आरके मिश्रा ने बताया कि होमगार्ड की वेतन प्रक्रिया को दुरुस्त कर दिया गया है। अब सभी होमगार्ड जवानों के खाते में प्रत्येक महीने की पहली तारीख को वेतन डाल दिया जा रहा है। हालांकि इसमें अब कुछ विसंगतियां है। जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही बताया कि होमगार्ड की बहाली प्रक्रिया जो लंबित है उसे सेंट्रलाइज तरीके से कराने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही होमगार्ड के रिक्त पड़े सीटों पर बाली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। साथ ही बताया कि कुछ ऐसे अधिकार जो डीजे के पास थे वह अधिकार समादेष्टा को दे दिया गया है।

होमगार्ड जवानों की समस्या से डीजी हुए रूबरू
होमगार्ड के डीजी आरके मिश्रा एक दिवसीय दौरे पर बांका आए हुए हैं। होमगार्ड के कार्यालय पहुंचकर उन्होंने बारी-बारी से सभी जवानों की समस्या को सुना। डीजे आरके मिश्रा ने बताया कि होमगार्ड की जो बुनियादी समस्याएं थी उसके हल के रास्ते निकाले गए हैं।पहले भुगतान की प्रक्रिया ठीक नहीं थी और दो से छह महीने में वेतन भुगतान होता था। एक संकल्प लेकर होमगार्ड को वेतन भुगतान के नियम में परिवर्तन लाया गया है। पिछले तीन माह से महीने के पहली तारीख को होमगार्ड जवानों के खाते में जाने लगा है। कुछ दिक्कतें भी सामने आई है फिर भी 30 से 32 जिलों में होमगार्ड के खाते में प्रत्येक महीने राशि जाने लगी है।

डीएम के आदेश पर होमगार्ड को मिलती है ड्यूटी
डीजे आरके मिश्रा ने बताया कि होमगार्ड को ड्यूटी डीएम के आदेश पर दिया जाता है। अगर होमगार्ड को लंबे अरसे से राशि भुगतान नहीं किया जाता है तो इसकी जवाबदेही संबंधित अधिकारी की होती है। इसके लिए साधारण रास्ता निकाला की जिस वर्ष का भुगतान लंबित है और मानस दिवस शेष है और संबंधित विभाग के अधिकारी भुगतान करने से मना कर रहे हैं। ऐसे मामलों में 17 से 18 करोड़ रुपए संबंधित विभाग के अधिकारी से होमगार्ड को दिलवाया गया है।

डीजे आरके मिश्रा ने बताया कि अगर ड्यूटी आने के क्रम में किसी होमगार्ड जवान की दुर्घटना हो जाती है और मृत्यु भी हो जाती है तो उसे ड्यूटी पर माना जाएगा। डीजे ने बताया कि वह 774 रुपए दैनिक भत्ता के लिए नहीं निकला है। वह अपने घर से सरकार के काम के उद्देश्य चला है। ऐसे में सरकार के इंसुरेंस का चार लाख के साथ- साथ अनुदान और परिवार के एक सदस्य जो इंटर पास हैं उन्हें नौकरी मिलनी चाहिए।

समादेष्टा को भी दिया गया अधिकार
डीजे आरके मिश्रा ने बताया कि कुछ ऐसे अधिकार जो डीजे के पास ही थे। वह अधिकार अब समादेष्टा को दे दिया गया है। समादेष्टा निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं की होमगार्ड से किस प्रकार का काम लिया जाना है और कहां उनकी तैनाती की जानी है।




Conclusion:सेंट्रलाइज तरीके से होमगार्ड की होगी बहाली
होमगार्ड के डीजी आरके मिश्रा ने बताया कि लंबे अरसे से होमगार्ड की बहाली प्रक्रिया रुकी हुई है। होमगार्ड के 12 हजार पद रिक्त पड़े हुए हैं। सेंट्रलाइज तरीके से होमगार्ड की बहाली कराने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

बाईट- आरके मिश्रा, डीजी होमगार्ड
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