बांका: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सोमवार को बिहार के बांका दौरे पर थे. अपनी समाधान यात्रा के तहत सीएम कटोरिया के मनियां और करझौंसा गए . दोनों गांवों को शानदार तरीके से सजाया गया था. कार्यक्रम को लेकर रविवार को डीएम और एसपी ने सभी तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने मनियां गांव में बनाए गए पोखर का निरीक्षण किया.
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बांका में नीतीश कुमार की समाधान यात्रा : मुख्यमंत्री पटना से 10:15 बजे चलकर हेलीकॉप्टर से 11:15 बजे मनिया गांव पहुंचे. वहां के कार्यक्रम के बाद करझोसा तसर केंद्र कृषि केंद्र के बाद बांका चन्द्रशेखर भवन गए. , फिर निरीक्षण भवन और फिर समाहरणालय गए, कॉलेज से हेलीकॉप्टर द्वारा 5 बजे पटना के लिए रवाना हो गए.
सीएम के कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल: सीएम की समाधान यात्रा से पहले जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने बताया कि समाधान यात्रा के दौरान सीएम मनियां गांव, तसर अग्र परियोजना केंद्र, करझौसा और समेकित कृषि सुविधा केंद्र परिसर करझौसा के अवलोकन करेंगे. उसके बाद मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह भवन में जीविका दीदियों से संवाद करेंगे. उसके बाद वह समाहरणालय सभागार में समीक्षा बैठक भी करेंगे.
मुख्यमंत्री की सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त: सीएम की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजामात किए गए थे. एसपी डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर मीडिया, पुलिस और प्रशासन की गाड़ियां गांव से पहले नदी में बने पुल के नीचे पार्किंग स्थल पर रोक दी गई. सुरक्षा को लेकर सीएम के रूट में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. मनियां गांव से करझौंसा और बांका तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात किया गया था. सीएम के रूट को पूरी तरह से सील कर दिया गया था.
मृत कर्मचारियों की भी कार्यक्रम में लगाई ड्यूटी: समाधान यात्रा में सीएम के आगमन को लेकर मुख्य कार्यक्रम स्थल से इतर 375 स्थानों पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस बलों की तैनाती की गई थी. इसमें कटोरिया और बांका थाना क्षेत्र में अधिकारियों की तैनाती हुई. मगर ड्यूटी लिस्ट में कुछ दंडाधिकारी का नाम देखकर उनके कार्यालय के अधिकारी से कर्मचारी तक भौंचक रह गए. मगर ड्यूटी पर बोलने की किसी की हिम्मत ही नहीं हुई. नतीजा, मुर्दे के ड्यूटी वाली जगह खाली रह गयी. हालांकि इसकी भनक किसी को नहीं हुई.
कई सेवानिवृत के लिस्ट में नाम: कटोरिया प्रखंड कार्यालय गेट पर ही दंडाधिकारी के रूप में गजेंद्र प्रसाद दंडाधिकारी बनाए गए थे. वे बेलहर में राजस्व कर्मचारी थे, लेकिन चार-पांच महीने पूर्व ही उनका निधन हो गया था. उनके साथ ड्यूटी पर पुलिस पदाधिकारी को भी लगाया गया था. इसी तरह पंचायत सचिव बालकृष्ण यादव, राजेंद्र प्रसाद, नागेश्वर यादव को भी दंडाधिकारी बनाकर लगाया गया था, लेकिन ये तीनों भी काफी पहले सेवानिवृत हो चुके हैं.जबकि ड्यूटी का यह पत्र डीएम अंशुल कुमार व एसपी डा. सत्यप्रकाश के संयुक्तादेश से जारी हुआ था. मुख्यमंत्री की सुरक्षा के नाम पर इतनी लापरवाही किसी बड़ी घटना को आमंत्रण दे सकती है.