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बांकाः गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रहा है इंजीनियरिंग कॉलेज, मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. के एन प्रसाद ने बताया कि यहां 64 शिक्षकों की जरूरत है. वर्तमान में 4 नियमित शिक्षक और 20 गेस्ट टीचर हैं, लेकिन जल्द ही शिक्षकों की कमी दूर कर ली जाएगी.

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Published : Dec 18, 2019, 12:18 PM IST

बांकाः जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज बांका शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहा है. हालांकि नवनिर्मित भवन में नवंबर 2019 से विधिवत पढ़ाई शुरू हो चुकी है. इससे पहले पढ़ाई रजौन के कोतवाली स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में करवाई जा रही थी. लेकिन छात्रों ने बताया कि कॉलेज में अभी मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है.

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प्रेक्टिकल क्लास में पढ़ाई करते छात्र

'शिक्षकों की है कमी'
छात्र मणिकांत सिंह ने बताया कि कॉलेज में महज 4 नियमित शिक्षक हैं. पढाई गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रहा है. जबकि कॉलेज में 64 शिक्षकों की जरूरत है. छात्रों ने बताया कि टीचर की कमी की वजह से पढ़ाई समय से पूरी नहीं हो पाती है. जिससे हमारा रिजल्ट भी प्रभावित होता है. उन्होंने बताया कि भविष्य को लेकर अनिश्चितता सताती है.

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कॉलेज में छात्राएं

400 छात्रों का है नामांकन
छात्र विपुल शेखर ने बताया कि कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है. हॉस्टल में बिजली नहीं रहती है. जिससे पढ़ाई नहीं हो पा रही है. छात्रों को बेड नहीं दिया गया है. इस ठंडी में भी नीचे सोने को मजबूर हैं. बता दें कि कॉलेज में फिलहाल 400 छात्रों का नामांकन है.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

'सरकार से मिला है आश्वासन'
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएन प्रसाद ने बताया कि यहां 64 शिक्षकों की जरूरत है. वर्तमान में 4 नियमित शिक्षक और 20 गेस्ट टीचर हैं. लेकिन जल्द ही शिक्षकों की कमी दूर कर ली जाएगी. साथ ही मूलभूत सुविधाओं की जो कमी है, उसे भी दुरुस्त करने के आश्वासन सरकार से मिला है.

बांकाः जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज बांका शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहा है. हालांकि नवनिर्मित भवन में नवंबर 2019 से विधिवत पढ़ाई शुरू हो चुकी है. इससे पहले पढ़ाई रजौन के कोतवाली स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में करवाई जा रही थी. लेकिन छात्रों ने बताया कि कॉलेज में अभी मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है.

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प्रेक्टिकल क्लास में पढ़ाई करते छात्र

'शिक्षकों की है कमी'
छात्र मणिकांत सिंह ने बताया कि कॉलेज में महज 4 नियमित शिक्षक हैं. पढाई गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रहा है. जबकि कॉलेज में 64 शिक्षकों की जरूरत है. छात्रों ने बताया कि टीचर की कमी की वजह से पढ़ाई समय से पूरी नहीं हो पाती है. जिससे हमारा रिजल्ट भी प्रभावित होता है. उन्होंने बताया कि भविष्य को लेकर अनिश्चितता सताती है.

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कॉलेज में छात्राएं

400 छात्रों का है नामांकन
छात्र विपुल शेखर ने बताया कि कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है. हॉस्टल में बिजली नहीं रहती है. जिससे पढ़ाई नहीं हो पा रही है. छात्रों को बेड नहीं दिया गया है. इस ठंडी में भी नीचे सोने को मजबूर हैं. बता दें कि कॉलेज में फिलहाल 400 छात्रों का नामांकन है.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

'सरकार से मिला है आश्वासन'
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएन प्रसाद ने बताया कि यहां 64 शिक्षकों की जरूरत है. वर्तमान में 4 नियमित शिक्षक और 20 गेस्ट टीचर हैं. लेकिन जल्द ही शिक्षकों की कमी दूर कर ली जाएगी. साथ ही मूलभूत सुविधाओं की जो कमी है, उसे भी दुरुस्त करने के आश्वासन सरकार से मिला है.

Intro:इंजीनियरिंग कॉलेज बांका के प्राचार्य डॉ. केएन प्रसाद ने बताया कि कॉलेज में 64 शिक्षकों की जरूरत है। वर्तमान में 4 शिक्षक और 20 गेस्ट टीचर के सहारे ही पठन-पाठन का काम करवाया जा रहा है। एआईईसी ने बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की कमी को पूरा करने का भरोसा दिया है।


Body:- बांका के लकड़ीकोला में है इंजीनियरिंग कॉलेज - नवंबर 2019 से नए भवन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हुई शुरू - बांका इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों की है घोर कमी - चार नियमित और 20 गेस्ट टीचर के भरोसे चल रहा है पठन-पाठन का कार्य -बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की कमी को किया जाएगा पूरा - वर्ष 2018 में कोर्स पूरा नहीं होने से दो सौ छात्र चले गए बैक स्टेज पर बांका। जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित इंजीनियरिंग कॉलेज बांका शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहा है। नवनिर्मित इंजीनियरिंग कॉलेज में नवंबर 2019 से विधिवत पढ़ाई शुरू हो चुकी है। इससे पहले इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन का कार्य पूरा नहीं होने की वजह से छात्र-छात्राओं का नामांकन लेकर वर्तमान सत्र की पढ़ाई रजौन के कोतवाली स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में करवाई जा रही थी। पॉलिटेक्निक कॉलेज से इंजीनियरिंग कॉलेज बांका में शिफ्ट होने के बाद से छात्र-छात्राओं को शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं होने का दर्द सहला रहा है। महज चार शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन का कार्य चल रहा है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएन प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 12 दिसंबर को एआईसीसी की बैठक हुई थी। जिसमें अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा। प्राचार्य ने आगे बताया कि हॉस्टल में और लैब दोनों में फर्नीचर की कमी है। सरकार के द्वारा इसकी व्यवस्था की जा रही है। एलॉटमेंट मिलने के बाद जल्द ही व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी। 64 शिक्षकों की है जरूरत प्राचार्य डॉ. केएन प्रसाद ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज बांका में शिक्षकों की घोर कमी है कायदे से 64 शिक्षकों की जरूरत है। वर्तमान में 4 शिक्षक ही है। छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन प्रभावित ना हो इसलिए 20 गेस्ट टीचर के सहयोग से पठन-पाठन का कार्य करवाया जा रहा है। सरकार ने शिक्षकों की कमी को दूर करने का आश्वासन दिया है। आशा है छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए जल्द ही कॉलेज को शिक्षक मिल जाएंगे। कॉलेज में बिजली भी एक अहम समस्या है।बिजली निर्बाध रूप से रहे इसके लिए विद्युत विभाग से बात की गई है। इंजीनियरिंग कॉलेज में चार सौ से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्र अमित रंजन मणिकांत सिंह विपुल शेखर सहित अन्य ने बताया कि कॉलेज में चार सौ से अधिक छात्र छात्राओं के लिए मात्र चार शिक्षक है। शेष गेस्ट टीचर के तौर पर बाहर से पढ़ाने के लिए आते हैं। कभी आते हैं कभी नहीं भी आते हैं। जिससे हमेशा पढ़ाई प्रभावित होती है। गत वर्ष इस कॉलेज का दो सौ छात्र बैक स्टेज पर चले गए क्योंकि पढ़ाई पूरी नहीं हो सकी थी। जिसके वजह से रिजल्ट खराब हो गया। बेसिक नीड्स फुल फील होना जरूरी छात्रों ने बताया कि हमारा कैरियर आगे चलकर इस इसी से बनेगा, इसलिए बेसिक नीड्स फुलफील होना जरूरी है। इंजीनियरिंग कोई आम पढ़ाई नहीं होती है। यदि पढ़ाई अच्छे से नहीं होगी तो हम अच्छे भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि अच्छे शिक्षक मिले। हॉस्टल की भी स्थिति बद से बदतर है। बिजली चली जाती है, जिसे पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित होती है। सोने के लिए बेड भी नहीं मिला है।ठंड बढ़ गई है जमीन पर सोने को विवश हो रहे हैं।


Conclusion:संसाधनों की है घोर कमी प्राचार्य डॉ. केएन प्रसाद ने बताया कि कॉलेज में संसाधनों की घोर कमी है। इसके लिए सरकार से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं की समस्या को दूर करने एवं शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास जारी है। इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकित छात्र-छात्राओं को को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए प्रयासरत हैं। बाईट- अमित रंजन, छात्र बाईट- मणिकांत सिंह, छात्र बाईट- विपुल शेखर, छात्र बाईट- डॉ. केएन प्रसाद, प्राचार्य, इंजीनियरिंग कॉलेज बांका
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