ETV Bharat / state

बांका: बैंक कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, एक अरब से ज्यादा का व्यवसाय प्रभावित होने का अनुमान - bank union strike in banka

बांका के कटोरिया रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया शाखा से हड़ताली बैंक कर्मियों ने विरोध मार्च निकाला. मार्च के दौरान बैंक कर्मियों ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और निजी बैंक के साथ-साथ एटीएम को भी बंद करा दिया. जिससे आम लोगों को परेशानी का करना पड़ रहा है.

बांका
बैंक कर्मियों का हड़ताल
author img

By

Published : Mar 16, 2021, 3:27 PM IST

बांका: बैंकों के निजीकरण के खिलाफ पूर्व घोषित दो दिवसीय बैंक हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही. बांका जिले के विभिन्न बैंकों के कर्मियों ने यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले अपनी-अपनी शाखाओं पर ताला लगाकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए. कर्मियों के हड़ताल से जिले के विभिन्न बैंकों का लगभग एक अरब का व्यवसाय प्रभावित होने का अनुमान है.

ये भी पढ़ें- पटना: बैंकों के निजीकरण के विरोध में आज से दो दिवसीय हड़ताल शुरू

सरकार के खिलाफ किया जमकर प्रदर्शन
वहीं, शहर से रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच के समक्ष से हड़ताली बैंक कर्मियों ने विरोध मार्च निकाला. मार्च के दौरान बैंक कर्मियों ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. सभी निजी बैंक को भी बंद कराते हुए एटीएम भी बंद करा दिया. साथ ही बैंक कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण के फैसले को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार को इस निर्णय को हरहाल में वापस लेना होगा, अन्यथा अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.

ये भी पढ़ें- ऐतिहासिक फैसला: ट्रांसजेंडर युवती को एनसीसी में जाने की अनुमति

प्राइवेटाइजेशन पर है सरकार की नजर
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि सरकार बैंकों को प्राइवेटाइजेशन की ओर ले जा रही है. बैंक कर्मियों की ड्यूटी मात्र साढ़े छह घंटे की है. बावजूद इसके बैंक कर्मी 12 घंटे काम करते हैं. फिर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है. सरकार एक-एक कर सारे सरकारी उपक्रम को निजी हाथों में सौंपते जा रही है. जिस तरह से बीएसएनल को सरकार ने बेचने का काम किया है. ठीक उसी तरह बैंकों पर भी सरकार की नजर है. सरकार के इन मंशा को रोकना सभी की जिम्मेदारी है. अन्यथा देश को कॉर्पोरेट घरानों का गुलाम बना दिया जाएगा.

बांका: बैंकों के निजीकरण के खिलाफ पूर्व घोषित दो दिवसीय बैंक हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही. बांका जिले के विभिन्न बैंकों के कर्मियों ने यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले अपनी-अपनी शाखाओं पर ताला लगाकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए. कर्मियों के हड़ताल से जिले के विभिन्न बैंकों का लगभग एक अरब का व्यवसाय प्रभावित होने का अनुमान है.

ये भी पढ़ें- पटना: बैंकों के निजीकरण के विरोध में आज से दो दिवसीय हड़ताल शुरू

सरकार के खिलाफ किया जमकर प्रदर्शन
वहीं, शहर से रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच के समक्ष से हड़ताली बैंक कर्मियों ने विरोध मार्च निकाला. मार्च के दौरान बैंक कर्मियों ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. सभी निजी बैंक को भी बंद कराते हुए एटीएम भी बंद करा दिया. साथ ही बैंक कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण के फैसले को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार को इस निर्णय को हरहाल में वापस लेना होगा, अन्यथा अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.

ये भी पढ़ें- ऐतिहासिक फैसला: ट्रांसजेंडर युवती को एनसीसी में जाने की अनुमति

प्राइवेटाइजेशन पर है सरकार की नजर
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि सरकार बैंकों को प्राइवेटाइजेशन की ओर ले जा रही है. बैंक कर्मियों की ड्यूटी मात्र साढ़े छह घंटे की है. बावजूद इसके बैंक कर्मी 12 घंटे काम करते हैं. फिर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है. सरकार एक-एक कर सारे सरकारी उपक्रम को निजी हाथों में सौंपते जा रही है. जिस तरह से बीएसएनल को सरकार ने बेचने का काम किया है. ठीक उसी तरह बैंकों पर भी सरकार की नजर है. सरकार के इन मंशा को रोकना सभी की जिम्मेदारी है. अन्यथा देश को कॉर्पोरेट घरानों का गुलाम बना दिया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.