अरवलः जनता को कानून का पाठ पढ़ाने वाले खुद नियमों का उल्लंघन कर रही है. ऐसा ही मामला अरवल में देखने को मिल रहा है. यहां प्रशासन प्राइवेट वाहनों को किराए पर लगाकर मोटी कमाई कर रहा है. लेकिन इस ओर विभाग के अफसरों का कोई ध्यान नहीं है.
जिला प्रशासन भारी संख्या में निजी वाहनों का प्रयोग व्यवसायिक तरीके कर रहा है. यही नहीं इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा वाहन मालिकों को मोटी रकम भी भाड़े के रूप में दी जाती है. जबकि परिवहन विभाग की मानें तो प्राइवेट नंबर की गाड़ी को भाड़े पर रखना कानूनन जुर्म है. किसी भी स्तर पर प्राइवेट गाड़ी को व्यवसायिक तरीके उपयोग करना अपराध है.
इसके बावजूद लोग निजी वाहन खरीदकर सवारी वाहन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. इसे सरकारी संस्थानों से लेकर औद्योगिक संस्थानों तक जमकर प्रयोग किया जा रहा है. जो सरकार को प्रति माह करीब दस लाख रुपये की टैक्स की चपत लगा रहे हैं. परिवहन पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, संबंधित पदाधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा एवं नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.