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कानून का पाठ पढ़ाने वाले कर रहे कानून का उल्लंघन, निजी वाहनों का व्यावसायिक तरीके से हो रहा इस्तेमाल

कानून का डंडा चलाने वाले ही कानून की धज्जियां उड़ा रहे है. मामला अरवल जिला प्रशासन से जुड़ा हुआ है.

निजी वाहन
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Published : Feb 1, 2019, 8:22 AM IST

Updated : Feb 4, 2019, 6:16 PM IST

अरवलः जनता को कानून का पाठ पढ़ाने वाले खुद नियमों का उल्लंघन कर रही है. ऐसा ही मामला अरवल में देखने को मिल रहा है. यहां प्रशासन प्राइवेट वाहनों को किराए पर लगाकर मोटी कमाई कर रहा है. लेकिन इस ओर विभाग के अफसरों का कोई ध्यान नहीं है.

जिला प्रशासन भारी संख्या में निजी वाहनों का प्रयोग व्यवसायिक तरीके कर रहा है. यही नहीं इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा वाहन मालिकों को मोटी रकम भी भाड़े के रूप में दी जाती है. जबकि परिवहन विभाग की मानें तो प्राइवेट नंबर की गाड़ी को भाड़े पर रखना कानूनन जुर्म है. किसी भी स्तर पर प्राइवेट गाड़ी को व्यवसायिक तरीके उपयोग करना अपराध है.

जाकारी देते परिवहन पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार
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इसके बावजूद लोग निजी वाहन खरीदकर सवारी वाहन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. इसे सरकारी संस्थानों से लेकर औद्योगिक संस्थानों तक जमकर प्रयोग किया जा रहा है. जो सरकार को प्रति माह करीब दस लाख रुपये की टैक्स की चपत लगा रहे हैं. परिवहन पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, संबंधित पदाधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा एवं नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

अरवलः जनता को कानून का पाठ पढ़ाने वाले खुद नियमों का उल्लंघन कर रही है. ऐसा ही मामला अरवल में देखने को मिल रहा है. यहां प्रशासन प्राइवेट वाहनों को किराए पर लगाकर मोटी कमाई कर रहा है. लेकिन इस ओर विभाग के अफसरों का कोई ध्यान नहीं है.

जिला प्रशासन भारी संख्या में निजी वाहनों का प्रयोग व्यवसायिक तरीके कर रहा है. यही नहीं इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा वाहन मालिकों को मोटी रकम भी भाड़े के रूप में दी जाती है. जबकि परिवहन विभाग की मानें तो प्राइवेट नंबर की गाड़ी को भाड़े पर रखना कानूनन जुर्म है. किसी भी स्तर पर प्राइवेट गाड़ी को व्यवसायिक तरीके उपयोग करना अपराध है.

जाकारी देते परिवहन पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार
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इसके बावजूद लोग निजी वाहन खरीदकर सवारी वाहन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. इसे सरकारी संस्थानों से लेकर औद्योगिक संस्थानों तक जमकर प्रयोग किया जा रहा है. जो सरकार को प्रति माह करीब दस लाख रुपये की टैक्स की चपत लगा रहे हैं. परिवहन पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, संबंधित पदाधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा एवं नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

Intro:अरवल से संजीत कुमार

कानून का पाठ पढ़ाने वाले अगर कानून का खुद ही उल्लंघन करने लगे, तो आप लोगों की बात ही क्या की जाए। वाहन जांच के क्रम में यदि आम लोगों के द्वारा कोई कागज प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो उनके ऊपर कानून का डंडा चलाने वाले खुद ही कानून की खुल्लम-खुल्ला धज्जी उड़ा रहे हैं।मामला अरवल जिला प्रशासन से जुड़ा हुआ है। जिला प्रशासन के द्वारा जिन वाहनों का उपयोग भाड़े पर लेकर बरसों से अधिकारी उपयोग कर रहे हैं। जिसका नंबर प्लेट प्राइवेट है। परिवहन विभाग की मानें तो प्राइवेट नंबर की गाड़ी को भाड़ा पर रखना कानूनन जुर्म है। किसी भी स्तर पर प्राइवेट गाड़ी को आप व्यवसायिक उपयोग के लिए आप नहीं ले सकते हैं, परंतु दूसरों को कानून का ज्ञान सिखाने वाले बरसों से खुद कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।


Body:अरवल जिला प्रशासन के द्वारा कई ऐसी गाड़ियां भाड़े पर ली गई है। जिस का प्राइवेट उपयोग के लिए वाहन मालिकों के द्वारा खरीदा गया था। परंतु वर्षों पहले सभी नियमों को ताक पर रखकर जिला प्रशासन के द्वारा प्राइवेट गाड़ियों को भाड़े पर ले कर व्यवसायिक उपयोग में लाया जा रहा है, यही नहीं वाहन मालिकों को जिला प्रशासन के नजारत के द्वारा मोटी रकम भी भाड़े के रूप में दी जाती है।प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी मौन रखकर सब कुछ देख रहा है।


Conclusion:जिला प्रशासन के द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली प्राइवेट नंबर की गाड़ियों पर मीडिया का कैमरा जब घुमा तो काफी लोग जिला प्रशासन के बोर्ड को ढकने लगे। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला परिवहन पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, संबंधित पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से जवाब मांगा जाएगा एवं नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


बाइट-

धीरेंद्र कुमार
जिला परिवहन पदाधिकारी अरवल
Last Updated : Feb 4, 2019, 6:16 PM IST
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