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SSP बाबूराम की सुरक्षा में तैनात जवान ने की आत्महत्या, 20 जून को थी शादी - Chintu Paswan suicide case

दरभंगा के एसएसपी बाबूराम की सुरक्षा में तैनात जवान चिंटू पासवान की खुदकुशी करने का मामला सामने आया है. वो अरवल के रहने वाला थे. वहीं, परिजन हत्या करने की बात कह रहे हैं.

शोकाकुल परिजन
शोकाकुल परिजन
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Published : Jun 17, 2020, 8:43 AM IST

अरवल: जिले में बंसी थाना क्षेत्र के माली गांव का रहने वाला दरभंगा के एसएसपी बाबूराम की सुरक्षा में तैनात जवान चिंटू पासवान की आत्महत्या की खबर सामने आई है. इस घटना को लेकर उसके परिजन अचंभित हैं. उनका कहना है कि वो आत्महत्या कर ही नहीं सकता है. उसकी हत्या हुई है.

दरभंगा के एसएसपी बाबूराम की सुरक्षा में तैनात बिहार पुलिस के जवान चिंटू पासवान की आत्महत्या करने की खबर मंगलवार की सुबह उसके परिजनों को मिली. परिजनों का आरोप है कि चिंटू पासवान काफी खुश और जिंदादिल इंसान था, वो आत्महत्या नहीं कर सकता है. उसके गर्दन पर तीन गोलियों के निशान हैं, जबकि आदमी की मौत गले पर एक गोली लगने से ही हो जाती है. इस मामले में पुलिस अधिकारी भी आत्महत्या का रूप देकर सच्चाई पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं.

परिजनों ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
बता दें कि चिंटू पासवान के पिता की भी हत्या 1995 में नक्सलियों ने कर दी थी. इसके बाद उसके चाचा ने उसके पूरे परिवार की परवरिश की. चिंटू पासवान की 20 जून को तिलक और 24 जून को बरात जाना था. हालही में वो छुट्टी से लौटा था. शादी की तमाम तैयारियां कर वो वापस ड्यूटी ज्वाइन किया था. वहीं, परिजनों ने कहा कि वो किसी प्रकार के तनाव में नहीं था, फिर वो आत्महत्या कैसे कर सकता है? इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.

अरवल: जिले में बंसी थाना क्षेत्र के माली गांव का रहने वाला दरभंगा के एसएसपी बाबूराम की सुरक्षा में तैनात जवान चिंटू पासवान की आत्महत्या की खबर सामने आई है. इस घटना को लेकर उसके परिजन अचंभित हैं. उनका कहना है कि वो आत्महत्या कर ही नहीं सकता है. उसकी हत्या हुई है.

दरभंगा के एसएसपी बाबूराम की सुरक्षा में तैनात बिहार पुलिस के जवान चिंटू पासवान की आत्महत्या करने की खबर मंगलवार की सुबह उसके परिजनों को मिली. परिजनों का आरोप है कि चिंटू पासवान काफी खुश और जिंदादिल इंसान था, वो आत्महत्या नहीं कर सकता है. उसके गर्दन पर तीन गोलियों के निशान हैं, जबकि आदमी की मौत गले पर एक गोली लगने से ही हो जाती है. इस मामले में पुलिस अधिकारी भी आत्महत्या का रूप देकर सच्चाई पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं.

परिजनों ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
बता दें कि चिंटू पासवान के पिता की भी हत्या 1995 में नक्सलियों ने कर दी थी. इसके बाद उसके चाचा ने उसके पूरे परिवार की परवरिश की. चिंटू पासवान की 20 जून को तिलक और 24 जून को बरात जाना था. हालही में वो छुट्टी से लौटा था. शादी की तमाम तैयारियां कर वो वापस ड्यूटी ज्वाइन किया था. वहीं, परिजनों ने कहा कि वो किसी प्रकार के तनाव में नहीं था, फिर वो आत्महत्या कैसे कर सकता है? इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.

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