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इस शख्स ने की है 3 शादियां, दर्जन भर से ज्यादा हैं बच्चे, लॉकडाउन में खाने के पड़े लाले

दैनिक मजदूरी कर मो. हुसैन अपने परिवार का भरण पोषण करता था, लेकिन लॉकडाउन हो जाने के कारण अब इसके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. हालांकि जिला प्रशासन की ओर नियमित रूप से उसे राशन देने की बात कही जा रही है.

अरवल
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Published : Apr 10, 2020, 11:52 AM IST

अरवल : लॉकडाउन लागू होने के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त है. इसका सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर हुआ है. वहीं, इस बंदी के कारण तीन शादियां करने वाले मो. हुसैन के लिए तो मानो मुसीबत और बढ़ गई है. क्योंकि न केवल तीन बीवियों की जिम्मेदारी है, बल्कि 12 बच्चों का भरण-पोषण भी करना पड़ रहा है. अब जबकि लॉकडाउन के कारण काम मिल नहीं रहा है तो सभी के लिए भोजन उपलब्ध कराना उसके लिए बेहद मुश्किल हो गया है.

हुसैन की 3 शादियां और 12 बच्चे

तीन शादियां कितनी महंगी पड़ सकती है, यह बात मो. हुसैन को अब समझ में आ रही है. लॉकडाउन की वजह से दैनिक मजदूरी कर अपना परिवार का लालन-पालन करने वाले मो. हुसैन के लिए खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं. हालांकि मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन की ओर से उसे राशन की व्यवस्था करा दी गई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

भुखमरी की स्थिति उत्पन्न
बता दें कि मो. हुसैन की पहली शादी अरवल जिले के कुर्था गांव में हुई थी. वहीं, दूसरी शादी गया जिले और तीसरी शादी औरंगाबाद जिले के खुदवा में हुई थी. मो. हुसैन की तीनों पत्नियां अभी जिंदा है. तीनों पत्नियों से 12 बच्चे हैं. दो घरों के मकान में इसका पूरा परिवार रहता है. दैनिक मजदूरी कर यह अपने परिवार का भरण पोषण करता था. लेकिन लॉकडाउन हो जाने के कारण अब इसके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर नियमित रूप से इसे राशन देने की बात कही जा रही है. जानकारी के मुताबिक इसे राशन कार्ड भी उपलब्ध है. लेकिन राशन कार्ड से मिलने वाले राशन पर्याप्त मात्रा में नहीं होते.

arwal
मो. हुसैन के बच्चें

लॉकडाउन के कारण स्थिति हुई उत्पन्न
प्रशासनिक पदाधिकारियों का कहना है कि 3 शादियां करने वाले हुसैन ने सबसे बड़ी गलती की है. हालांकि जिला प्रशासन ने लॉकडाउन के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए राशन उपलब्ध करा दिया है. वहीं, देखना यह होगा कि लॉकडाउन में किस तरह ये शख्स अपने परिवार का गुजारा कर पाता है.

अरवल : लॉकडाउन लागू होने के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त है. इसका सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर हुआ है. वहीं, इस बंदी के कारण तीन शादियां करने वाले मो. हुसैन के लिए तो मानो मुसीबत और बढ़ गई है. क्योंकि न केवल तीन बीवियों की जिम्मेदारी है, बल्कि 12 बच्चों का भरण-पोषण भी करना पड़ रहा है. अब जबकि लॉकडाउन के कारण काम मिल नहीं रहा है तो सभी के लिए भोजन उपलब्ध कराना उसके लिए बेहद मुश्किल हो गया है.

हुसैन की 3 शादियां और 12 बच्चे

तीन शादियां कितनी महंगी पड़ सकती है, यह बात मो. हुसैन को अब समझ में आ रही है. लॉकडाउन की वजह से दैनिक मजदूरी कर अपना परिवार का लालन-पालन करने वाले मो. हुसैन के लिए खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं. हालांकि मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन की ओर से उसे राशन की व्यवस्था करा दी गई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

भुखमरी की स्थिति उत्पन्न
बता दें कि मो. हुसैन की पहली शादी अरवल जिले के कुर्था गांव में हुई थी. वहीं, दूसरी शादी गया जिले और तीसरी शादी औरंगाबाद जिले के खुदवा में हुई थी. मो. हुसैन की तीनों पत्नियां अभी जिंदा है. तीनों पत्नियों से 12 बच्चे हैं. दो घरों के मकान में इसका पूरा परिवार रहता है. दैनिक मजदूरी कर यह अपने परिवार का भरण पोषण करता था. लेकिन लॉकडाउन हो जाने के कारण अब इसके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर नियमित रूप से इसे राशन देने की बात कही जा रही है. जानकारी के मुताबिक इसे राशन कार्ड भी उपलब्ध है. लेकिन राशन कार्ड से मिलने वाले राशन पर्याप्त मात्रा में नहीं होते.

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मो. हुसैन के बच्चें

लॉकडाउन के कारण स्थिति हुई उत्पन्न
प्रशासनिक पदाधिकारियों का कहना है कि 3 शादियां करने वाले हुसैन ने सबसे बड़ी गलती की है. हालांकि जिला प्रशासन ने लॉकडाउन के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए राशन उपलब्ध करा दिया है. वहीं, देखना यह होगा कि लॉकडाउन में किस तरह ये शख्स अपने परिवार का गुजारा कर पाता है.

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