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अररियाः रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे मजदूर, दो से ढाई गुना वसूला जा रहा किराया

अररिया प्रखंड से रोगजार की तलाश में मजदूर अलग-अलग राज्यों में जा रहे हैं. ऐसे में बस वाले उनसे मनमाने तरीके के किसाया वसूल रहे हैं. मजदूरों से दो से ढाई गुना किया वसूला जा रहा है.

अररिया
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Published : Aug 21, 2020, 12:56 PM IST

Updated : Sep 23, 2020, 5:25 PM IST

अररियाः अररिया प्रखंड के बैरगाछी चौक से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के लिए रोजाना हजारों की संख्या में रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन हो रहा है. बस संचालक और एजेंट इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं. मजदूरों से मनमाने तरीके से भाड़े वसूले जा रहे हैं.

अररिया
बस का टिकट कटाते मजदूर

दिल्ली जा रहे एक मजदूर ने बताया कि आम तौर पर यहां से दिल्ली की किराया एक हजार रुपए होते हैं. लेकिन अभी 2 से ढाई हजार रुपए वसूले जा रहे हैं. मजदूरों को मजबूरी में ज्यादा पैसे देकर जाना पड़ रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'मजबूरी में करना पड़ रहा पलायन'
पलायन कर रहे मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन में काम छिन गया था तो किसी तरह घर लौटे थे. तब कहा गया था कि प्रदेश में ही काम मिल जाएंगें. 4 महीने से घर पर हूं. कोई काम नहीं मिल रहा है. घर चलाना और परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो रहा है. ऐसे में रोजगार की तलाश में एक बार फिर से दूसरा प्रदेश जाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बस वाले मजदूरों का फायदा उठाकर दो से ढाई गुना ज्यादा किराया वसूल रहे हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं हैं.

अररियाः अररिया प्रखंड के बैरगाछी चौक से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के लिए रोजाना हजारों की संख्या में रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन हो रहा है. बस संचालक और एजेंट इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं. मजदूरों से मनमाने तरीके से भाड़े वसूले जा रहे हैं.

अररिया
बस का टिकट कटाते मजदूर

दिल्ली जा रहे एक मजदूर ने बताया कि आम तौर पर यहां से दिल्ली की किराया एक हजार रुपए होते हैं. लेकिन अभी 2 से ढाई हजार रुपए वसूले जा रहे हैं. मजदूरों को मजबूरी में ज्यादा पैसे देकर जाना पड़ रहा है.

पेश है रिपोर्ट

'मजबूरी में करना पड़ रहा पलायन'
पलायन कर रहे मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन में काम छिन गया था तो किसी तरह घर लौटे थे. तब कहा गया था कि प्रदेश में ही काम मिल जाएंगें. 4 महीने से घर पर हूं. कोई काम नहीं मिल रहा है. घर चलाना और परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो रहा है. ऐसे में रोजगार की तलाश में एक बार फिर से दूसरा प्रदेश जाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बस वाले मजदूरों का फायदा उठाकर दो से ढाई गुना ज्यादा किराया वसूल रहे हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं हैं.

Last Updated : Sep 23, 2020, 5:25 PM IST
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