अररियाः जिले का एकमात्र रानीगंज विधानसभा क्षेत्र में एससी-एसटी के नेता ही अपना दावा करते आ रहे हैं. हाल के दिनों में राजद के एससी-एसटी नेता शक्ति मलिक ने यहां अपनी गतिविधियां बढ़ा दी थी और रानीगंज विधानसभा से चुनाव लड़ने की बात कह रहे थे. उनका तेजस्वी यादव पर टिकट के एवज में पैसे मांगने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. जिसके बाद पूर्णिया स्थित आवास पर शक्ति मलिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
तेजस्वी यादव पर आरोप
शक्ति मलिक की हत्या के बाद से राजनीतिक गलियारे में काफी लोग अपनी प्रतिक्रिया देने लगे कि यह हत्या राजनीति से प्रेरित है. परिवार वालों की ओर से तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, रानीगंज के कालू पासवान सहित पांच लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है. हत्या का मुख्य कारण शक्ति मलिक के निष्कासित किए जाने से जुड़ा बताया गया है.
दो महीने से शुरू हुई थी गतिविधि
राजद नेता की हत्या मामले पर वरिष्ठ पत्रकारों ने कुछ अलग ही तथ्य बताए. उनका कहना है कि शक्ति मलिक की हत्या रानीगंज से जुड़ी नहीं हो सकती क्योंकि मात्र दो महीने से ही उनकी गतिविधि यहां शुरू हुई थी. लोग अभी तक उन्हें ठीक से पहचानते तक नहीं हैं.
कालू पासवान से हुई थी कहासुनी
पत्रकारों ने बताया कि रानीगंज से राजद के ही एससी-एसटी नेता कालू पासवान भी भाग्य आजमा रहे हैं. इसको लेकर शक्ति मलिक और कालू पासवान में कहासुनी भी हुई थी. मामला रानीगंज थाने तक पहुंचा था, लेकिन आपसी बातचीत के बाद दोनों ने सुलह कर ली गई थी.
पुलिस अनुसंधान में सच आएगा सामने
शक्ति मलिक के परिवार वालों ने कालू पासवान को आरोपी बनाया है. इस पर यहां के लोगों का कहना है कि हत्या किसी और कारण से भी हो सकती है. इसके अलावा पूरा सच पुलिस के अनुसंधान में सामने आएगा.