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एंबुलेंस ड्राइवरों के हड़ताल से मरीज हलकान, निजी गाड़ी के चालक वसूल रहे मनमाने पैसे - bihar news

आरोप है कि यूनियन के कुछ कर्मियों को नौकरी से निकालने के लिए डराया और धमकाया भी जा रहा है. उनका कहना है कि कुछ कर्मी को निलंबित भी कर दिया गया है उसे वापस लिया जाए और अतिरिक्त घंटे के काम का भुगतान किया जाए.

हड़ताल पर एम्बुलेंस ड्राइवर
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Published : Aug 8, 2019, 12:41 PM IST

अररिया: जिले के सदर अस्पताल में एंबुलेंस ड्राइवरों के हड़ताल से मरीज़ बेहाल हैं. जिससे वहां के निजी गाड़ी के ड्राइवर मनचाहे भाड़े की मांग कर रहे हैं. जिससे मरीज़ों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एम्बुलेंस कर्मचारी
बिहार सरकार के ग़लत रवैये के शिकार एम्बुलेंस कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिसका खामियाजा मरीज़ों को भुगतना पड़ रहा है. मरीज़ अस्पताल में काफ़ी परेशान हाल में दिख रहे हैं. वहीं एम्बुलेंस कर्मचारी सुबह से ही धरना स्थल पर बैठकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

हड़ताल
हड़ताल

प्राइवेट गाड़ियों के ड्राइवर की चांदी
इमरजेंसी के दौरान मरीज को लोग प्राइवेट गाड़ी पर ही इलाज के लिए दूसरी जगह ले जा रहे हैं. जहां मरीज़ के परिजनों से निजी गाड़ी के चालक मनमाना तरीके से पैसा वसूल रहे हैं.

श्रम कानून के तहत मिले सुविधा- ड्राइवर
हड़ताल कर्मचारियों का कहना है कि पीडीपीएल और सम्मान फाउंडेशन के द्वारा 102 एम्बुलेंस कर्मियों को श्रम कानून के तहत जो सुविधा मिलनी चाहिए, उससे दूर रखा जा रहा है. सदर अस्पताल में कुल 16 एम्बुलेंस है, जिसमें सिर्फ़ आठ ही काम कर रहा है, बाकी खराब पड़े हैं, कोई भी उसे देखने वाला नहीं है. मरीज़ को लेकर परिजन घंटों अस्पताल परिसर में बैठे रहते हैं.

हड़ताल पर एम्बुलेंस ड्राइवर

'यूनियन के कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है'
आरोप है कि यूनियन के कुछ कर्मियों को नौकरी से निकालने के लिए डराया और धमकाया भी जा रहा है. उनका कहना है कि कुछ कर्मी को निलंबित भी कर दिया गया है उसे वापस लिया जाए और अतिरिक्त घंटे के काम का भुगतान किया जाए.

अररिया: जिले के सदर अस्पताल में एंबुलेंस ड्राइवरों के हड़ताल से मरीज़ बेहाल हैं. जिससे वहां के निजी गाड़ी के ड्राइवर मनचाहे भाड़े की मांग कर रहे हैं. जिससे मरीज़ों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एम्बुलेंस कर्मचारी
बिहार सरकार के ग़लत रवैये के शिकार एम्बुलेंस कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिसका खामियाजा मरीज़ों को भुगतना पड़ रहा है. मरीज़ अस्पताल में काफ़ी परेशान हाल में दिख रहे हैं. वहीं एम्बुलेंस कर्मचारी सुबह से ही धरना स्थल पर बैठकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

हड़ताल
हड़ताल

प्राइवेट गाड़ियों के ड्राइवर की चांदी
इमरजेंसी के दौरान मरीज को लोग प्राइवेट गाड़ी पर ही इलाज के लिए दूसरी जगह ले जा रहे हैं. जहां मरीज़ के परिजनों से निजी गाड़ी के चालक मनमाना तरीके से पैसा वसूल रहे हैं.

श्रम कानून के तहत मिले सुविधा- ड्राइवर
हड़ताल कर्मचारियों का कहना है कि पीडीपीएल और सम्मान फाउंडेशन के द्वारा 102 एम्बुलेंस कर्मियों को श्रम कानून के तहत जो सुविधा मिलनी चाहिए, उससे दूर रखा जा रहा है. सदर अस्पताल में कुल 16 एम्बुलेंस है, जिसमें सिर्फ़ आठ ही काम कर रहा है, बाकी खराब पड़े हैं, कोई भी उसे देखने वाला नहीं है. मरीज़ को लेकर परिजन घंटों अस्पताल परिसर में बैठे रहते हैं.

हड़ताल पर एम्बुलेंस ड्राइवर

'यूनियन के कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है'
आरोप है कि यूनियन के कुछ कर्मियों को नौकरी से निकालने के लिए डराया और धमकाया भी जा रहा है. उनका कहना है कि कुछ कर्मी को निलंबित भी कर दिया गया है उसे वापस लिया जाए और अतिरिक्त घंटे के काम का भुगतान किया जाए.

Intro:एम्बुलेंस हड़ताल से मरीज़ बेहाल, निजी गाड़ी ड्राइवर और ऑटो ड्राइवर मालामाल। सरकार के ग़लत नीतियों के शिकार एम्बुलेंस ड्राइवर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे मरीज़ों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मनमाने तरीक़े से पैसा वसूल रहे निजी गाड़ी चालक। एम्बुलेंस कर्मचारियों ने कहा शोषण किया जा रहा है और पैसा मिल ही नहीं रहा है वक़्त से।


Body:जहां एक तरफ़ बिहार सरकार के ग़लत रवैए का शिकार एम्बुलेंस कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं अपने विभिन्न मांगों को लेकर तो वहीं इसका खामियाजा मरीज़ों को भोगतना पड़ रहा है। मरीज़ अस्पताल में काफ़ी परेशान हाल में दिखे तो वहीं एम्बुलेंस कर्मचारी सुबह से धरना स्थल पर बैठ धरना को सफ़ल बना रहे हैं। एमरजेंसी के लिए प्राइवेट गाड़ी कर इलाज के लिए दूसरे जगह ले जा रहे हैं। जहां मरीज़ के परिजनों से निजी गाड़ी के चालक मनमाना तरीके से पैसा वसूल रहे हैं। हड़ताल कर्मचारियों का कहना है कि हम लोग घर चलाने को मजबूर हैं, पीडीपीएल एवं सम्मान फाउंडेशन के दुवारा 102 एम्बुलेंस कर्मियों को श्रम कानून के तहत जो सुविधा मिलना चाहिए उससे दूर रखा जा रहा है। यूनियन के पदाधिकारियों को नौकरी से निकालने के लिए डराया और धमकाया जा रहा है। कुछ कर्मी को निलंबित कर दिया गया है उसे वापस लिया जाए। अतिरिक्त घंटे के काम का भुगतान किया जाए। सदर अस्पताल में कुल 16 एम्बुलेंस हैं जिसमें सिर्फ़ आठ ही काम कर रहा है बाक़ी ख़राब पड़ा है कोई भी देखने वाला नहीं है। मरीज़ को लेकर परिजन घंटो अस्पताल परिसर में बैठे हुए हैं।


Conclusion:संबंधित विसुअल वॉइस ओवर के साथ बाइट एम्बुलेंस ड्राइवर बाइट मरीज़
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