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आदर्श गांव का नहीं हुआ विकास, बुनियादी सुविधाओं से मरहूम हैं ग्रामीण

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Published : Apr 14, 2019, 12:05 AM IST

आदर्श ग्राम योजना के तहत 2015 में स्वर्गीय सांसद तस्लीमुउद्दीन ने इस गांव को गोद लिया था. इस वजह से यहां के लोगों को एक उम्मीद जगी थी कि यहां विकास होगा.

हल्दिया गांव

अररियाः लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है. ऐसे में अररिया जिले का आदर्श ग्राम के तहत गोद लिया गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ है. यहां में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है.

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गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

दरअसल, आदर्श ग्राम योजना के तहत 2015 में स्वर्गीय सांसद तस्लीमुउद्दीन ने इस गांव को गोद लिया था. इस वजह से यहां के लोगों को एक उम्मीद जगी थी कि यहां विकास होगा. लेकिन 13 अगस्त 2017 को आए बाढ़ के कुछ दिन बाद ही उनकी म्रत्यु हो गई. इससे अब विकास वहीं का वहीं धरा रह गया है.

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गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

झूठे वादों के अलावा कुछ नहीं

यहां के लोगों का कहना है कि वे लोग ऐसे उम्मीदवार को वोट करेंगे जो इस गांव के लोगों का हिफाजत करेगा. साथ ही विकास पर भी ध्यान दें. इस गांव में कई वादे किये गए. लेकिन यहां ना ही मॉडल स्टेशन बना, ना ही हाई स्कूल और ना ही शौचालय. यहां के लोग आज भी खुले में शौच करते हैं.

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गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

नहीं आती बिजली

विकास के नाम पर यहां केवल सड़क का निर्माण और बिजली की पोल दो साल पहले से लगा हुआ है. लेकिन आज भी गांव के लोग बगल के गांव के दुकान या घर पर मोबाइल चार्ज करते हैं.लोगों ने ये भी कहा कि अगर यहां कोई किसी लेता के खेलाफ बोलता है तो उसे पीटा जाता है. साथ ही उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है. कुछ लोगों को ये डर सता रहा है कि अगर वे लोग वोट का बहिष्कार करते हैं तो उन लोगों का वोटर लिस्ट से नाम कटवा दिया जाएगा.

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गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

सरकार से आस गांव का विकास

गांव के 75% नौजवान दिल्ली हरयाणा में रह कर मजदूरी करते हैं. सरकार के तरफ से चलाई जा रही आवास योजना के तहत सिर्फ 200 लोगों को मिला है. जबकी गांव की आबादी 20 हज़ार है. इस गांव के लोग सिर्फ चाहते हैं कि चुनाव के वक्त जो नेता आए वो झूठे वादे ना करें. वो यहां आकर गांव का हाल देखें और विकास करने का काम करें.

गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

इस लोकसभा चुनाव में जनता किसके हाथ में जिले का नेतृत्व सौंपती है. जनता के प्रति कितना खरा उतरने का काम प्रतिनिधि करेगा ये तो समय ही बताएगा.

अररियाः लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है. ऐसे में अररिया जिले का आदर्श ग्राम के तहत गोद लिया गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ है. यहां में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है.

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गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

दरअसल, आदर्श ग्राम योजना के तहत 2015 में स्वर्गीय सांसद तस्लीमुउद्दीन ने इस गांव को गोद लिया था. इस वजह से यहां के लोगों को एक उम्मीद जगी थी कि यहां विकास होगा. लेकिन 13 अगस्त 2017 को आए बाढ़ के कुछ दिन बाद ही उनकी म्रत्यु हो गई. इससे अब विकास वहीं का वहीं धरा रह गया है.

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गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

झूठे वादों के अलावा कुछ नहीं

यहां के लोगों का कहना है कि वे लोग ऐसे उम्मीदवार को वोट करेंगे जो इस गांव के लोगों का हिफाजत करेगा. साथ ही विकास पर भी ध्यान दें. इस गांव में कई वादे किये गए. लेकिन यहां ना ही मॉडल स्टेशन बना, ना ही हाई स्कूल और ना ही शौचालय. यहां के लोग आज भी खुले में शौच करते हैं.

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गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

नहीं आती बिजली

विकास के नाम पर यहां केवल सड़क का निर्माण और बिजली की पोल दो साल पहले से लगा हुआ है. लेकिन आज भी गांव के लोग बगल के गांव के दुकान या घर पर मोबाइल चार्ज करते हैं.लोगों ने ये भी कहा कि अगर यहां कोई किसी लेता के खेलाफ बोलता है तो उसे पीटा जाता है. साथ ही उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है. कुछ लोगों को ये डर सता रहा है कि अगर वे लोग वोट का बहिष्कार करते हैं तो उन लोगों का वोटर लिस्ट से नाम कटवा दिया जाएगा.

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गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

सरकार से आस गांव का विकास

गांव के 75% नौजवान दिल्ली हरयाणा में रह कर मजदूरी करते हैं. सरकार के तरफ से चलाई जा रही आवास योजना के तहत सिर्फ 200 लोगों को मिला है. जबकी गांव की आबादी 20 हज़ार है. इस गांव के लोग सिर्फ चाहते हैं कि चुनाव के वक्त जो नेता आए वो झूठे वादे ना करें. वो यहां आकर गांव का हाल देखें और विकास करने का काम करें.

गांव हल्दिया में विकास के नाम पर कुछ नहीं

इस लोकसभा चुनाव में जनता किसके हाथ में जिले का नेतृत्व सौंपती है. जनता के प्रति कितना खरा उतरने का काम प्रतिनिधि करेगा ये तो समय ही बताएगा.

Intro:आदर्श ग्राम के तहत गोद लिया गया गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। गांव की स्थिति बद से बदतर है, लोग डर की वजह से अपने मत का प्रयोग करने पर मजबूर हैं यहां के आवाम को डर है कि अगर वोट नही करेंगे तो वोटर लिस्ट से नाम ना काट दिया जाएगा। आदर्श गांव के नाम पर यहां के निवासी को लोकल जनप्रतिनिधियों के दुवारा सिर्फ़ झलावा दिया गया है। इसकी तहक़ीक़ात करने के लिए Etv ज़िला संवाददाता उस गांव पहुंच कर वहां के लोगों से सुविधा के बारे में जाना।


Body:लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है ऐसे में अररिया ज़िले का आदर्श ग्राम के तहत गोद लिया गांव हल्दिया का कितना विकास हुआ और किया होना चाहिए जिसकी जानकारी यहां के आवाम से बात करने दौरान मिला। आदर्श ग्राम योजना के तहत 2015 में स्वर्गीय सांसद तस्लीमुउद्दीन ने इस गांव को गोद लिया था। जिस वजह से यहां के लोगों को एक उम्मीद जगी थी कि विकास होगा पर 13 अगस्त 2017 को आए बाढ़ के कुछ दिन बाद ही म्रत्यु हो गई और अब तक विकास वहीं का वहीं धरा रह गया है। यहां के लोगों का कहना है कि हम लोग वैसे उम्मीदवार को वोट करेंगे जो इस गांव के लोगों का हिफाज़त करेगा साथ ही विकास पर भी ध्यान देगा। ना ही मॉडल स्टेशन बना, ना ही हाई स्कूल बना, ना ही शौचालय बना, लोग आज भी खुले में शौच करते हैं सिर्फ़ एक विकास हुआ वो है सड़क का निर्माण बिजली की पोल दो साल पहले से लगा हुआ है पर आज भी गांव के लोग बगल के गांव के दुकान या घर पर मोबाइल चार्ज करते हैं लोगों ने ये भी कहा कि अगर यहां कोई किसी के ख़िलाफ़ बोलता है तो उसे पीटा जाता है साथ ही उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है। कुछ लोगों को ये डर सता रहा है कि अगर हम लोग वोट का बहिष्कार करते हैं तो हम लोगों को वोटर लिस्ट से नाम कटवा दिया जाएगा तो हम लोग कहां जाएंगे। गांव के 75% नॉजवान दिल्ली हरयाणा में रह कर मजदूरी करते हैं। सरकार के तरफ़ से चलाई जा रही आवास योजना के तहत सिर्फ़ 200 लोगों को मिला है और गांव की आबादी है 20 हज़ार सब लोग खेती मजदूरी कर घर चलाते हैं। इस गांव के लोग सिर्फ़ चाहते हैं कि चुनाव के वक़्त जो नेता आते हैं और झूठे वायदे कर के चले जाते हैं वो यहां आकर गांव का हाल देखें और विकास करने का काम करें।


Conclusion:अब देखना इस लोकसभा चुनाव में जनता किसके हाथ में ज़िले का नेतृत्व शौपती है और जनता के प्रति कितना खरा उतरने का काम प्रतिनिधि करेगा ये तो समय ही बताएगा बाक़ी आने वाले 23 अप्रैल को जनता किसे अपना नेता बनाएगी ये 23 मई को फैसला हो जाएगा।
विसुअल बाइट के साथ 1 टू 1 है उसे थोड़ा बेहतर से लगाने का कष्ट करेंगे सर् थोड़ा बड़ा ज़्यादा है उसे अपने तरीक़े से छोटा कर देंगे प्ल्ज़
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