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मक्के की अच्छी पैदावार से किसान खुश, लेकिन फसल सुखाने में आ रही परेशानी

मक्का व्यापारियों ने मक्के को खरीदना शुरू कर दिया है. वे सुदूर देहात में पहुंच कर लोडिंग करा रहे हैं. यहां से मक्के का निर्यात दूसरे देशों में किया जाता है. लेकिन जगह की कमी के कारण मक्का सुखाने में किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सड़क पर मक्का
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Published : May 17, 2019, 6:01 PM IST

अररिया: इस साल मक्के की पैदावार पिछले सालों की तुलना में काफी अच्छी हुई है. मक्के की पैदावार देख किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. साथ ही किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य और श्रमिक को रोजगार मिलने की आस है.

मक्का व्यापारियों में मक्के की खरीद जारी है. वे सुदूर देहात में पहुंच कर लोडिंग करा रहे हैं. यहां से मक्के का निर्यात दूसरे देशों, जैसे श्रीलंका, मलेशिया, ट्यूनेशिया आदि में किया जाता है. सरकार की ओर से मक्का सुखाने के लिए कोई जगह मुहैया नहीं कराई गई है. जिसके कारण किसान फसलों को सड़क पर सुखाने को मजबूर हैं.

सड़क पर सुखाए जा रहे मक्के

सड़क पर अनाज सुखाने को मजबूर किसान

बता दें कि अररिया से रानीगंज मार्ग पर इस तरह से अनाज सुखाने से सड़क दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. सड़कों पर मक्का सुखाने की वजह से यात्रियों और बड़े वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि अगर वक्त रहते मक्के को नहीं सुखाया गया तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी. इस मसले पर NHAI के पेट्रोलिंग इंचार्ज निखिल कुमार बताते हैं कि वे लोग हर रोज गांव में जाकर लोगों को समझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. फिर भी लोग मानने को तैयार नहीं है.

मक्के की फसल से खुश हैं किसान

किसान बताते हैं कि मक्के की कटाई शुरू हो चुकी है. आंधी में फसल बर्बाद होने के बाद भी इस साल मक्के का उत्पादन अच्छा हुआ है. किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि शुरुआती दौर में मक्के की बिक्री 2100 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल होती थी. वहीं बुआई के समय कृषि विभाग की ओर से किसानों को संकर किस्म के बीज उपलब्ध कराया गया था. इसके लिए किसानों को कैम्प के जरिए श्रीविधि तकनीक से खेती करने की सलह दी थी, ताकि पैदावार ज्यादा हो.

अररिया: इस साल मक्के की पैदावार पिछले सालों की तुलना में काफी अच्छी हुई है. मक्के की पैदावार देख किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. साथ ही किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य और श्रमिक को रोजगार मिलने की आस है.

मक्का व्यापारियों में मक्के की खरीद जारी है. वे सुदूर देहात में पहुंच कर लोडिंग करा रहे हैं. यहां से मक्के का निर्यात दूसरे देशों, जैसे श्रीलंका, मलेशिया, ट्यूनेशिया आदि में किया जाता है. सरकार की ओर से मक्का सुखाने के लिए कोई जगह मुहैया नहीं कराई गई है. जिसके कारण किसान फसलों को सड़क पर सुखाने को मजबूर हैं.

सड़क पर सुखाए जा रहे मक्के

सड़क पर अनाज सुखाने को मजबूर किसान

बता दें कि अररिया से रानीगंज मार्ग पर इस तरह से अनाज सुखाने से सड़क दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. सड़कों पर मक्का सुखाने की वजह से यात्रियों और बड़े वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि अगर वक्त रहते मक्के को नहीं सुखाया गया तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी. इस मसले पर NHAI के पेट्रोलिंग इंचार्ज निखिल कुमार बताते हैं कि वे लोग हर रोज गांव में जाकर लोगों को समझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. फिर भी लोग मानने को तैयार नहीं है.

मक्के की फसल से खुश हैं किसान

किसान बताते हैं कि मक्के की कटाई शुरू हो चुकी है. आंधी में फसल बर्बाद होने के बाद भी इस साल मक्के का उत्पादन अच्छा हुआ है. किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि शुरुआती दौर में मक्के की बिक्री 2100 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल होती थी. वहीं बुआई के समय कृषि विभाग की ओर से किसानों को संकर किस्म के बीज उपलब्ध कराया गया था. इसके लिए किसानों को कैम्प के जरिए श्रीविधि तकनीक से खेती करने की सलह दी थी, ताकि पैदावार ज्यादा हो.

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