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अक्टूबर में आई बाढ़ से धान की फसल बर्बाद, किसानों ने की सरकार से मुआवजे की मांग

किसानों का कहना है कि बाढ़ के कारण धान की फसल (Paddy Crop) पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. अब अगली खेती करने के लिए पैसे भी नहीं हैं, लिहाजा सरकार से मांग है कि हमें मुआवजा (Demand for Compensation) दिया जाए.

धान की फसल बर्बाद
धान की फसल बर्बाद
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Published : Nov 15, 2021, 5:49 PM IST

अररिया: पिछले अक्टूबर महीने में बारिश और बाढ़ ने बिहार के अररिया (Araria) जिले में भारी तबाही मचाई थी. बाढ़ के कारण खेतों में लगी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. अब किसान इस बात से चिंतित हैं कि बर्बाद हुई धान की फसल को खेत से कैसे हटाएं और दोबारा से कैसे खेती की जा सके. किसानों का कहना है कि धान की फसल (Paddy Crop) बर्बाद होने से उनकी कमर टूट गई है. लिहाजा सरकार क्षतिपूर्ति के तौर पर मुआवजा राशि (Demand for Compensation) दें, ताकि अगली फसल लगा सकें.

ये भी पढ़ें: औसत से चार गुणा ज्यादा बारिश से धान की फसल तबाह, किसानों ने की मुआवजे की मांग

अररिया प्रखंड के हड़िया पंचायत में सैकड़ों एकड़ में फैली धान की फसल को बाढ़ के पानी ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. खेत में लगातार पानी जमा रहने के कारण फसल के दाने पूरी तरह से खराब हो गए हैं. इस बात को लेकर हड़िया पंचायत के किसान अब्दुल रशीद, शाहिद, अफरोज आलम, साकिन, अकरम, वदूद, असरारुल, नूरुद्दीन, नजीर, नियाज, अखलाक, एजाज आलम ने बताया कि धान की फसल के ऊपर डेढ़ फीट से ज्यादा पानी चल रहा था. पानी कई दिनों तक खेत में रह गया इससे धान की बालियों के दाने पूरी तरह से खराब हो गए. अब आलम यह है कि जिन किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी, उनके सामने भारी समस्या उत्पन्न हो गई है.

देखें रिपोर्ट

किसानों का कहना है कि अगर उन्हें सरकारी मदद नहीं मिली तो उनके सामने भुखमरी की नौबत आ जाएगी. किसानों ने बताया कि इस बार धान की फसल बहुत अच्छी हुई थी, पौधों में बेहतर बालियां आई थी. उम्मीद ये जगी थी कि इस बार उपज अच्छी होगा, लेकिन बेमौसम आई बाढ़ ने फसल को बर्बाद कर दिया. अब स्थिति ऐसी हो गई है के खेत से इन खराब पड़ी फसलों को भी काटने वाला कोई नहीं मिल रहा है. जबतक यह फसल काटकर हटाई नहीं जाएंगी, तबतक दोबारा खेत में मक्के की फसल की रोपाई नहीं हो पाएगी. इसलिए सरकारी मुआवजा मिलना बहुत जरूरी है.

ये भी पढ़ें: क्षतिपूर्ति के दायरे में होंगे अतिवृष्टि के कारण खेती नहीं कर पाने वाले किसान: कृषि मंत्री

स्थानीय मुखिया शबाना परवीन ने बताया कि इस बात को लेकर हम लोगों ने अररिया विधायक आबिद उर रहमान (MLA Abid Ur Rehman) से भी बात की है. उन्होंने आश्वासन दिलाया है कि जिला प्रशासन से बात कर जल्द ही इस और कोई ठोस कार्रवाई कराई जाएगी, ताकि किसानों को मुआवजा मिल सके और वह दोबारा दूसरी खेती कर पाएं. मुखिया प्रतिनिधि परवेज आलम ने बताया कि हम लोग पंचायत में फसल क्षति को लेकर किसानों का डाटा तैयार कर रहे हैं, ताकि प्रभावित कोई भी किसान छूटे नहीं. जल्द डाटा तैयार कर विभाग को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि हड़िया पंचायत की ज्यादातर खेती नहर के पूरब की ओर होती है. बाढ़ ने इसी तरफ तबाही मचाई है. जिस वजह से धान की फसल बर्बाद हो गई है.

वहीं, फसल क्षति को लेकर अररिया विधायक आबिद उर रहमान ने बताया कि इस बार अचानक आई बाढ़ ने किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इससे बड़ी संख्या में किसान प्रभावित हुए हैं. उन्होंने अपने स्तर से जिला पदाधिकारी से बात कर उन्हें अवगत कराया है. उन्होंने बताया कि जिला पदाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि किसानों के धान की फसल के नुकसान का सारा बायोडाटा राज्य सरकार को भेज दिया गया है. जल्द ही इस दिशा में कार्य होगा जैसे ही पोर्टल खुलता है, किसान अपना आवेदन कर कर सकते हैं.

अररिया: पिछले अक्टूबर महीने में बारिश और बाढ़ ने बिहार के अररिया (Araria) जिले में भारी तबाही मचाई थी. बाढ़ के कारण खेतों में लगी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. अब किसान इस बात से चिंतित हैं कि बर्बाद हुई धान की फसल को खेत से कैसे हटाएं और दोबारा से कैसे खेती की जा सके. किसानों का कहना है कि धान की फसल (Paddy Crop) बर्बाद होने से उनकी कमर टूट गई है. लिहाजा सरकार क्षतिपूर्ति के तौर पर मुआवजा राशि (Demand for Compensation) दें, ताकि अगली फसल लगा सकें.

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अररिया प्रखंड के हड़िया पंचायत में सैकड़ों एकड़ में फैली धान की फसल को बाढ़ के पानी ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. खेत में लगातार पानी जमा रहने के कारण फसल के दाने पूरी तरह से खराब हो गए हैं. इस बात को लेकर हड़िया पंचायत के किसान अब्दुल रशीद, शाहिद, अफरोज आलम, साकिन, अकरम, वदूद, असरारुल, नूरुद्दीन, नजीर, नियाज, अखलाक, एजाज आलम ने बताया कि धान की फसल के ऊपर डेढ़ फीट से ज्यादा पानी चल रहा था. पानी कई दिनों तक खेत में रह गया इससे धान की बालियों के दाने पूरी तरह से खराब हो गए. अब आलम यह है कि जिन किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी, उनके सामने भारी समस्या उत्पन्न हो गई है.

देखें रिपोर्ट

किसानों का कहना है कि अगर उन्हें सरकारी मदद नहीं मिली तो उनके सामने भुखमरी की नौबत आ जाएगी. किसानों ने बताया कि इस बार धान की फसल बहुत अच्छी हुई थी, पौधों में बेहतर बालियां आई थी. उम्मीद ये जगी थी कि इस बार उपज अच्छी होगा, लेकिन बेमौसम आई बाढ़ ने फसल को बर्बाद कर दिया. अब स्थिति ऐसी हो गई है के खेत से इन खराब पड़ी फसलों को भी काटने वाला कोई नहीं मिल रहा है. जबतक यह फसल काटकर हटाई नहीं जाएंगी, तबतक दोबारा खेत में मक्के की फसल की रोपाई नहीं हो पाएगी. इसलिए सरकारी मुआवजा मिलना बहुत जरूरी है.

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स्थानीय मुखिया शबाना परवीन ने बताया कि इस बात को लेकर हम लोगों ने अररिया विधायक आबिद उर रहमान (MLA Abid Ur Rehman) से भी बात की है. उन्होंने आश्वासन दिलाया है कि जिला प्रशासन से बात कर जल्द ही इस और कोई ठोस कार्रवाई कराई जाएगी, ताकि किसानों को मुआवजा मिल सके और वह दोबारा दूसरी खेती कर पाएं. मुखिया प्रतिनिधि परवेज आलम ने बताया कि हम लोग पंचायत में फसल क्षति को लेकर किसानों का डाटा तैयार कर रहे हैं, ताकि प्रभावित कोई भी किसान छूटे नहीं. जल्द डाटा तैयार कर विभाग को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि हड़िया पंचायत की ज्यादातर खेती नहर के पूरब की ओर होती है. बाढ़ ने इसी तरफ तबाही मचाई है. जिस वजह से धान की फसल बर्बाद हो गई है.

वहीं, फसल क्षति को लेकर अररिया विधायक आबिद उर रहमान ने बताया कि इस बार अचानक आई बाढ़ ने किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इससे बड़ी संख्या में किसान प्रभावित हुए हैं. उन्होंने अपने स्तर से जिला पदाधिकारी से बात कर उन्हें अवगत कराया है. उन्होंने बताया कि जिला पदाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि किसानों के धान की फसल के नुकसान का सारा बायोडाटा राज्य सरकार को भेज दिया गया है. जल्द ही इस दिशा में कार्य होगा जैसे ही पोर्टल खुलता है, किसान अपना आवेदन कर कर सकते हैं.

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