ETV Bharat / state

यहां अपनी मर्जी से आती और जाती है ट्रेन, ना सिंग्नल है और ना ही स्टेशन मास्टर - bihar news

यहां के ज्यादातर लोग रोजगार ढूंढ़ने के लिए दिल्ली या पंजाब जाते हैं. जिन्हें आने जाने में काफी परेशानी होती है. हालांकि इस मामले पर सांसद सरफराज आलम ने कहा कि इसका काम बहुत तेज़ी से चल रहा है. इसे बहुत जल्द सुधार लिया जाएगा.

कोर्ट स्टेशन
author img

By

Published : May 9, 2019, 10:19 AM IST

अररियाः जिला के कोर्ट स्टेशन पर सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां ट्रेन बगैर किसी सिग्नल के आती है, रुकती और चली जाती है. दूर सफर के लिए एक मात्र ट्रेन सीमांचल एक्सप्रेस है, जिसमें यात्रियों की काफी भीड़ होती है. यहां से काफी संख्या में लोग बाहर मजदूरी करने जाते हैं. जिन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

लम्बी दूरी की ट्रेनें नहीं
अररिया कोर्ट स्टेशन तीसरी कैटेगरी का स्टेशन है. यह स्टेशन कटिहार डिवीजन में आता है. जबकि इसे NRF जोन में रखा गया है, स्टेशन पर मात्र एक ही पटरी है, जिस पर ट्रेन चलती है. स्टेशन से मुख्यतः दो सुपर फास्ट ट्रेन गुजरती है. सीमांचल और कोलकाता एक्सप्रेस, बाकी कई पैसेन्जर ट्रेनें हैं, जो कटिहार से जोगबनी आती और जाती हैं.

बयान देते यात्री और एमपी सरफराज आलम

सुविधाओं का अभाव
अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन पर मात्र एक ही टिकट काउंटर है. जिससे यहां के लोगों को टिकट बनवाने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है. यहां कोई स्टेशन मास्टर भी नहीं है. जिससे ट्रेन के आने जाने या रुकने के समय का पता चल सके. आज़ादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्टेशन पर सिग्नल नहीं लग सका है. यही वजह है कि ट्रेन अपनी मर्ज़ी से आती और जाती है. यहां के लोगों की मांग है कि इस स्टेशन पर जिन सुविधाओं का अभाव है उसे दरुस्त किया जाए. ताकि आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी ना हो.

क्या बोले एमपी
दरअसल, यहां के ज्यादातर लोग रोजगार ढूंढ़ने के लिए दिल्ली या पंजाब जाते हैं. जिन्हें आने जाने में काफी परेशानी होती है. हालांकि इस मामले पर सांसद सरफराज आलम ने कहा कि इसका काम बहुत तेज़ी से चल रहा है. इसे बहुत जल्द सुधार लिया जाएगा. लोगों की तकलीफ भी दूर हो जाएगी. मालूम हो कि इस स्टेशन को अररिया सांसद के पिता स्वर्गीय तस्लीमउद्दीन ने आदर्श स्टेशन बनाने का जिम्मा लिया था. लेकिन उनके रहते हुए तक कुछ नहीं हो सका.

अररियाः जिला के कोर्ट स्टेशन पर सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां ट्रेन बगैर किसी सिग्नल के आती है, रुकती और चली जाती है. दूर सफर के लिए एक मात्र ट्रेन सीमांचल एक्सप्रेस है, जिसमें यात्रियों की काफी भीड़ होती है. यहां से काफी संख्या में लोग बाहर मजदूरी करने जाते हैं. जिन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

लम्बी दूरी की ट्रेनें नहीं
अररिया कोर्ट स्टेशन तीसरी कैटेगरी का स्टेशन है. यह स्टेशन कटिहार डिवीजन में आता है. जबकि इसे NRF जोन में रखा गया है, स्टेशन पर मात्र एक ही पटरी है, जिस पर ट्रेन चलती है. स्टेशन से मुख्यतः दो सुपर फास्ट ट्रेन गुजरती है. सीमांचल और कोलकाता एक्सप्रेस, बाकी कई पैसेन्जर ट्रेनें हैं, जो कटिहार से जोगबनी आती और जाती हैं.

बयान देते यात्री और एमपी सरफराज आलम

सुविधाओं का अभाव
अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन पर मात्र एक ही टिकट काउंटर है. जिससे यहां के लोगों को टिकट बनवाने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है. यहां कोई स्टेशन मास्टर भी नहीं है. जिससे ट्रेन के आने जाने या रुकने के समय का पता चल सके. आज़ादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्टेशन पर सिग्नल नहीं लग सका है. यही वजह है कि ट्रेन अपनी मर्ज़ी से आती और जाती है. यहां के लोगों की मांग है कि इस स्टेशन पर जिन सुविधाओं का अभाव है उसे दरुस्त किया जाए. ताकि आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी ना हो.

क्या बोले एमपी
दरअसल, यहां के ज्यादातर लोग रोजगार ढूंढ़ने के लिए दिल्ली या पंजाब जाते हैं. जिन्हें आने जाने में काफी परेशानी होती है. हालांकि इस मामले पर सांसद सरफराज आलम ने कहा कि इसका काम बहुत तेज़ी से चल रहा है. इसे बहुत जल्द सुधार लिया जाएगा. लोगों की तकलीफ भी दूर हो जाएगी. मालूम हो कि इस स्टेशन को अररिया सांसद के पिता स्वर्गीय तस्लीमउद्दीन ने आदर्श स्टेशन बनाने का जिम्मा लिया था. लेकिन उनके रहते हुए तक कुछ नहीं हो सका.

Intro:अररिया कोर्ट स्टेशन पर सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां ट्रेन बगैर किसी सिग्नल के आती रुकती और चली जाती है। दूर सफ़र का एक मात्र ट्रेन है सीमांचल एक्सप्रेस यात्रियों की काफ़ी भीड़ होती है। यहां के लोग बाहर में मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। यात्रियों को काफ़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।


Body:अररिया ज़िला मुख्यालय को जोड़ने यहां का सबसे बड़ा और पुराना रेलवे स्टेशन है, जिसका नाम अररिया कोर्ट स्टेशन है, जो कैटेगरी का तीन स्टेशन है। यह स्टेशन कटिहार डिवीज़न में आता है जबकि यह स्टेशन NRF ज़ोन में रखा गया है, इस स्टेशन पर मात्र एक ही पटरी है जिस पर ट्रेन चलती है। इस स्टेशन से मुख्यतः दो सुपर फ़ास्ट ट्रेन गुज़रती है सीमांचल और कोलकाता एक्सप्रेस बाक़ी कई पैसेन्जर ट्रेन है जो कटिहार से जोगबनी आती और जाति है। अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन पर मात्र एक ही टिकट काउंटर है जिससे यहां के लोगों को टिकट बनवाने में तीन से चार दिन का वक़्त गुज़र जाता है। यहां कोई स्टेशन मास्टर भी नहीं है जिससे ट्रेन के आने जाने या रुकने का कोई वक़्त नहीं पता चलता है। आज़ादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्टेशन पर सिग्नल नहीं लग सका है यही वजह है कि ट्रेन मर्ज़ी से आती और जाति है। यहां के लोगों की मांग है कि इस स्टेशन पर जो सुविधाओं का अभाव है उसे दरुस्त किया जाए ताकि आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी ना हो। ज़्यादा तर लोग रोज़गार ढूंढने के लिए दिल्ली या पंजाब जाते हैं। हालांकि इस मामले पर सांसद सरफ़राज़ आलम ने कहा कि इसका काम बहुत तेज़ी से चल रहा है इसे बहुत जल्द सुधार लिया जाएगा और लोगों का तकलीफ भी दूर हो जाएगा। इस स्टेशन को अररिया सांसद के पिता स्वर्गीय तस्लीमउद्दीन ने आदर्श स्टेशन बनाने का ज़िम्मा लिया था पर उनके रहते हुए तक कुछ नहीं हो सका था।


Conclusion:अब देखना यह होगा कि इस स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए आने वाली सरकार और उसके जनप्रतिनिधियों के दुवारा यहां की जनता को किस तरह से लाभान्वित करते हैं।
विसुअल, बाइट यात्री, बाइट एम पी सरफ़राज़ आलम
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.