मुंगेरः मुंगेर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने के बाद जिला प्रशासन ने जमालपुर जंक्शन स्थित होटल व्हाइट हाउस को अधिग्रहण कर उसे आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया. जिसके बाद होटल के संचालक भरत यादव ने अधिग्रहण के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया. होटल मालिक ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि होटल को अधिग्रहण करने के लिए हमें लिखित में लेटर तो मिला. लेकिन प्रशासन ने होटल की वस्तुओं की सूची उन्हें उपलब्ध नहीं कराई. अगर होटल के सामान का नुकसान होता है, तो इसकी भरपाई कौन करेगा?
इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया और मुंगेर जिला प्रशासन को होटल में मौजूद सभी वस्तुओं की फेहरिस्त बनाकर होटल मालिक या मैनेजर को सौंपने का निर्देश दिया. इसकी अगली सुनवाई 2 जून को होनी है. हाईकोर्ट के निर्देश पर मुंगेर जिला प्रशासन के अधिकारी आनन-फानन में होटल पहुंच रहे हैं और होटल में मौजूद एक-एक सामान की सूची बना रहे हैं.
होटल व्हाइट हाउस के अधिग्रहण पर पटना हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
पटना हाईकोर्ट ने जमालपुर के होटल व्हाइट हाउस को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. कोर्ट ने मुंगेर जिला प्रशासन को कहा कि टेकओवर हुए इस होटल के सभी सामानों की फेहरिस्त होटल के मैनेजर की उपस्थिति में 1 हफ्ते के भीतर बनाएं. कोर्ट के आदेश पर सोमवार को मुंगेर सदर अनुमंडल खगेश चंद्र झा, जमालपुर के अंचलाधिकारी शंभू मंडल सहित एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की टीम होटल पहुंचकर होटल के वस्तुओं की सूची बनाने में जुट गया है.
अधिग्रहण के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर
होटल संचालक भरत यादव ने कहा कि मेरे होटल को क्वॉरेंटाइन एवं आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. इसका वे विरोध नहीं करते हैं. लेकिन प्रशासन कब्जे में लेते वक्त होटल के सभी फर्नीचर व अन्य सामान की कोई (फेहरिस्त) इन्वेंटरी बनाकर होटल मालिक को नहीं दिया. इससे होटल की संपत्ति असुरक्षित हो गई है. उन्होंने कहा कि जब प्रशासन होटल वापस करेगा, तो होटल के तमाम सामान उसे वापस मिले, यह सुनिश्चित होना चाहिए.
बिहार के कई होटलों का किया गया अधिग्रहण
भरत यादव ने कहा कि पूरे देश में जिस तरह कोरोना ने अपना रूप दिखाया है. उसको लेकर बिहार के कई होटलों का अधिग्रहण किया गया. लेकिन अधिग्रहण करते समय प्रशासन नियम, कायदा, कानून क अनदेखी कर रहा है, यह गलत है. अगर न्यायालय नहीं रहता तो हम लोग काफी परेशान होते. वैसे सरकार के तरफ से अपर महाधिवक्ता सर्वेश कुमार सिंह ने जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का समय मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 2 जून को होगी.