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सरकारी नीतियों के खिलाफ मजदूरों का प्रदर्शन, श्रम कानूनों में किए गए संशोधन को रद्द करने की मांग

भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री विनोद कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के बढ़ाए गए काम के घंटे तत्काल वापस लिए जाए. श्रमिकों का भुगतान सुनिश्चित हो.

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Published : May 20, 2020, 5:46 PM IST

पटना: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में श्रमिकों को काफी परेशानी हो रही है. उन्हें काम नहीं मिल रहा है. इस कारण खाने के भी लाले पड़ गए हैं. बुधवार को भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री विनोद कुमार के नेतृत्व में क्षेत्रीय संगठन मंत्री सुरेश प्रसाद के मार्गदर्शन में श्रम कानूनों में हुए संशोधन के विरोध में एक मार्च निकाला गया.ये मार्च जीपीओ गोलंबर से शुरू होकर डीएम कार्यालय, हिंदी भवन छज्जू बाग में खत्म हुआ. इस दौरान मजदूर संघ के सदस्य नारेबाजी भी कर रहे थे.

श्रम कानूनों में किए गए संशोधन को रद्द किया जाए
महामहिम राष्ट्रपति के नाम से डीएम को एक पत्र सौंपा जाएगा. अपनी मांगों को लेकर सभी ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का साफ कहना है कि जिन श्रमिकों को काम दिया जा रहा है, उनमें सरकार काफी कटौती कर रही है. 8 घंटे के बजाए 12 घंटे काम लिया जा रहा है, सरकार को तत्काल ही इसपर रोक लगानी चाहिए. सरकार वेतन में कटौती भी कर रही है. इन हालातों में मजदूर कैसे रह पाएंगे. श्रमिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मजदूर की कुछ मांगे है कि सरकार सभी राज्य सरकारों के श्रम कानूनों में किए गए संशोधन को रद्द कर उन्हें पुनः बहाल करें.

पेश है रिपोर्ट

भारतीय मजदूर संघ की मांगें
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री विनोद कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के बढ़ाए गए काम के घंटे तत्काल वापस लिए जाए. श्रमिकों का भुगतान सुनिश्चित हो, स्वास्थ्य सुनिश्चित हो. प्रवासी मजदूरों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कर्मियों का लंबित वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए. स्वास्थ्य कर्मियों को समुचित किट सुरक्षा मुहैया कराई जाए. भारत सरकार आंगनबाड़ी कर्मचारियों के लिए भी समुचित व्यवस्था करें.

पटना: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में श्रमिकों को काफी परेशानी हो रही है. उन्हें काम नहीं मिल रहा है. इस कारण खाने के भी लाले पड़ गए हैं. बुधवार को भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री विनोद कुमार के नेतृत्व में क्षेत्रीय संगठन मंत्री सुरेश प्रसाद के मार्गदर्शन में श्रम कानूनों में हुए संशोधन के विरोध में एक मार्च निकाला गया.ये मार्च जीपीओ गोलंबर से शुरू होकर डीएम कार्यालय, हिंदी भवन छज्जू बाग में खत्म हुआ. इस दौरान मजदूर संघ के सदस्य नारेबाजी भी कर रहे थे.

श्रम कानूनों में किए गए संशोधन को रद्द किया जाए
महामहिम राष्ट्रपति के नाम से डीएम को एक पत्र सौंपा जाएगा. अपनी मांगों को लेकर सभी ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का साफ कहना है कि जिन श्रमिकों को काम दिया जा रहा है, उनमें सरकार काफी कटौती कर रही है. 8 घंटे के बजाए 12 घंटे काम लिया जा रहा है, सरकार को तत्काल ही इसपर रोक लगानी चाहिए. सरकार वेतन में कटौती भी कर रही है. इन हालातों में मजदूर कैसे रह पाएंगे. श्रमिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मजदूर की कुछ मांगे है कि सरकार सभी राज्य सरकारों के श्रम कानूनों में किए गए संशोधन को रद्द कर उन्हें पुनः बहाल करें.

पेश है रिपोर्ट

भारतीय मजदूर संघ की मांगें
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री विनोद कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के बढ़ाए गए काम के घंटे तत्काल वापस लिए जाए. श्रमिकों का भुगतान सुनिश्चित हो, स्वास्थ्य सुनिश्चित हो. प्रवासी मजदूरों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कर्मियों का लंबित वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए. स्वास्थ्य कर्मियों को समुचित किट सुरक्षा मुहैया कराई जाए. भारत सरकार आंगनबाड़ी कर्मचारियों के लिए भी समुचित व्यवस्था करें.

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