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मानसून की पहली बारिश के बाद पटना के मोहल्लों का हाल देख लीजिये - पटना नगर निगम

गुरुवार की रात हुई बारिश के बाद एक बार फिर से पटना में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. सीएम नीतीश कुमार से लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सभी शुक्रवार को जलमग्न इलाकों का जायजा लेने पहुंचे.

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Published : Jun 19, 2020, 6:03 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 7:31 PM IST

पटना: साल 2019 में बरसात के मौसम में पटना की जो स्थिति हुई थी, उससे कोई अछूता नहीं रहा है. भारी बारिश के कारण पटना पूरी तरह से डूब गया था. हालांकि इसके बाद सरकार और नगर निगम की तरफ से दावा किया गया था कि इस साल की बारिश में पटना नहीं डूबेगा और जलजमाव की स्थिति नहीं होगी. लेकिन गुरुवार को मॉनसून की पहली बारिश ने सभी दावों की पोल खोल दी.

झमामझ बारिश ने राजधानी के निचले इलाकों में रहने वालों को नींद उड़ा दी है. गुरुवार की देर रात हुई बारिश से शुक्रवार की सुबह गालियों से लेकर सड़कों तक पानी भर गया.

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पिछले साल जेसीबी की मदद से लड़कियों को बचाया गया था

राजेंद्र नगर, कदमकुंआ, लोहानीपुर, राजवंशी नगर, पुनाईचक जैसे इलाके तो पानी में डूबे ही, स्टेशन रोड और फ्रेजर रोड जैसे पॉश इलाकों में भी मुख्य सड़क पर पानी जमा हो गया है.

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पिछले साल बाढ़ ने मचाई थी तबाही

बारिश ने बरपाया कहर
एक तो लॉकडाउन ने लोगों को 2 महीने घर में रहने को मजबूर कर दिया. अब मानसून की बारिश ने घर में ही रहने को मजबूर कर दिया है. अब तो यह स्थिति उत्पन्न हो गई है कि फिर से एक बार उन्हें घरों में कैद रहने की मजबूरी सता रही है. वहीं, इस बारिश के पानी से हुए जलजमाव के कारण त्रस्त पटना की जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बदलने का मन बनाती नजर आ रही है.

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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जलमग्न इलाकों का लिया जायजा

पुनाइचाक में रहने वाले युवक अभिषेक ने बताया कि यहां हर बार ऐसा ही होता है. अभी तो हल्की बारिश हुई है तो यह हाल हो गया है. उन्होंने बताया कि जलजमाव का मुख्य कारण नाले की सफाई नहीं होना है. उनके घर के पीछे नाले का निर्माण हुआ था. लेकिन साफ सफाई नहीं होने के कारण पिछले साल भी जलजमाव हुआ और काफी परेशानी झेलनी पड़ी. अभिषेक ने कहा कि इस बार भी अगर अधिक वर्षा होती है तो हालात वही हो सकती है.

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पिछले साल जलजमाव में फंसे थे मंत्री रवि शंकर प्रसाद

राजेंद्र नगर स्थित मोइनुल हक स्टेडियम तालाब में तब्दील हो गया. यहां घुटने तक पानी भर गया. यही हाल सड़कों पर दिखा. लोग घुटने भर पानी में चलने को मजबूर दिखे.

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लोगों को हो रही परेशानी

घरों में घुसा पानी
इस जलजमाव के कारण पटना के लोहानीपुर के उपाध्याय लेन के कई घरों में पानी घुस गया है. जिनके घरों में पानी घुसा है. वह लोग कहते नजर आ रहे हैं कि पिछले वर्ष भी इस जलजमाव के कारण उन्हें अपने परिवार को लेकर गांव की ओर रुख करना पड़ा था और इस वर्ष भी यह स्थिति बन रही है. घरों में मौजूद महिलाएं कह रही हैं कि इस वर्ष भी उन लोगों ने अपने परिवार के साथ गांव जाने की तैयारी कर रखी है.

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जलजमाव का मंजर

निचले इलाके में स्थिति ज्यादा भयावह
जानकार बताते हैं कि पटना किसी कटोरे की तरह है. चारों तरफ ऊंची और बीच में निचले इलाके हैं. यही वजह है कि पिछले साल भारी बारिश के कारण राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, बेऊर और कुम्हरार जैसे निचले इलाके में स्थिति सबसे भयावह थी. राजेंद्र नगर स्थित अपने निजी आवास में उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी कई दिनों तक फंसे रहे हैं. बाद में परिवार समेत उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. वहीं, सरकार के कई और मंत्रियों व अधिकारियों के आवास में कई दिनों तक पानी भरा रहा.

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पिछले साल की तस्वीर

ड्रेनेज सिस्टम पर सवाल
पिछले साल जो भयावह तस्वीर दिखी, उसे राज्य सरकार और नगर निगम ने भले ही प्राकृतिक आपदा का नाम दिया हो, लेकिन उनकी ये दलील लोगों के गले नहीं उतरी. क्योंकि ये पहली बार नहीं थी, जब बारिश हुई. लेकिन जब ड्रेनेज सिस्टम ही काम नहीं करेगा तो पानी भला कहां जाएगा?

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घर में घुसा पानी

संप हाउस को दुरुस्त करने का काम जारी
पिछले सबसे अधिक फजीहत इस बात को लेकर भी हुई थी कि ऐन मौके पर संप हाउस ने काम करना बंद कर दिया. पटना में फिलहाल 39 संप हाउस हैं. जबकि 17 जगहों पर नए संप हाउस बनाने की योजना है. पिछली बार जैसी स्थिति दोबारा उपन्न न हो. लिहाजा बुडको ने संप हाउसों के संचालन का ज़िम्मा तीन वर्षो के लिए निजी हाथों को सौंप दिया. इसके अलावे निगम क्षेत्र के करीब 8 लाख फीट खुले नाले, 24,349 मेनहॉल और 18,444 कैचपीट की उड़ाही की जा चुकी है.

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जल जमाव की स्थिति का जायजा लेने निकले सीएम नीतीश कुमार

सीएम नीतीश ने लिया जायजा
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में जल जमाव से निपटने के लिए की गई तैयारियों का जायजा लेने सड़क पर उतरे. उन्होंने पटना नगर निगम के सात अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा किया. फिलहाल, मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक बारिश का दौर बना रहेगा.

  • पहली बारिश के बाद स्मार्ट सिटी पटना में फिर हुआ जल जमाव।विगत वर्ष पटना में जो हुआ उससे भी कोई सबक़ नहीं लिया।कथित सुशासन के भ्रष्टाचारिक कचरे ने पटना सहित सभी ज़िला मुख्यालयों को नरक बना दिया है।क्या 15 वर्षीय नीतीश सरकार इसका दोष अब विपक्ष को देगी।हम जलजमाव का जायजा लेने जाएँगे। pic.twitter.com/LVBjFxzxHX

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तेजस्वी यादव ने उठाए सवाल
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना में हुए जलजमाव पर ट्वीट कर सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा- 'पहली बारिश के बाद स्मार्ट सिटी पटना में फिर जलजमाव हुआ. पिछले साल पटना में जो हुआ उससे भी कोई सबक नहीं लिया। कथित सुशासन के भ्रष्टाचारिक कचरे ने पटना सहित सभी जिला मुख्यालयों को नरक बना दिया है. क्या 15 वर्षीय नीतीश सरकार इसका दोष अब विपक्ष को देगी?

देखें पूरी रिपोर्ट

हालात से निपटने को तैयार निगम?
बहरहाल बरसात शुरू हो चुकी है, लेकिन लॉकडाउन के कारण जलजमाव से निपटने के लिए अबतक निगम की कोई भी तैयारी मुकम्मल नहीं हो पाई है. हालांकि दावे जरूर किए जा रहे हैं कि पिछली बार जैसी स्थिति नहीं होगी. मगर दावों का क्या, वो तो पिछली बार भी हुए थे. सरकार तो जलजमाव का ठीकरा एक बार फिर हथिया नक्षत्र पर फोड़कर अपना पल्ला झाड़ लेगी. मुसीबत तो आम लोगों को ही झेलनी पड़ेगी.

पटना: साल 2019 में बरसात के मौसम में पटना की जो स्थिति हुई थी, उससे कोई अछूता नहीं रहा है. भारी बारिश के कारण पटना पूरी तरह से डूब गया था. हालांकि इसके बाद सरकार और नगर निगम की तरफ से दावा किया गया था कि इस साल की बारिश में पटना नहीं डूबेगा और जलजमाव की स्थिति नहीं होगी. लेकिन गुरुवार को मॉनसून की पहली बारिश ने सभी दावों की पोल खोल दी.

झमामझ बारिश ने राजधानी के निचले इलाकों में रहने वालों को नींद उड़ा दी है. गुरुवार की देर रात हुई बारिश से शुक्रवार की सुबह गालियों से लेकर सड़कों तक पानी भर गया.

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पिछले साल जेसीबी की मदद से लड़कियों को बचाया गया था

राजेंद्र नगर, कदमकुंआ, लोहानीपुर, राजवंशी नगर, पुनाईचक जैसे इलाके तो पानी में डूबे ही, स्टेशन रोड और फ्रेजर रोड जैसे पॉश इलाकों में भी मुख्य सड़क पर पानी जमा हो गया है.

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पिछले साल बाढ़ ने मचाई थी तबाही

बारिश ने बरपाया कहर
एक तो लॉकडाउन ने लोगों को 2 महीने घर में रहने को मजबूर कर दिया. अब मानसून की बारिश ने घर में ही रहने को मजबूर कर दिया है. अब तो यह स्थिति उत्पन्न हो गई है कि फिर से एक बार उन्हें घरों में कैद रहने की मजबूरी सता रही है. वहीं, इस बारिश के पानी से हुए जलजमाव के कारण त्रस्त पटना की जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बदलने का मन बनाती नजर आ रही है.

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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जलमग्न इलाकों का लिया जायजा

पुनाइचाक में रहने वाले युवक अभिषेक ने बताया कि यहां हर बार ऐसा ही होता है. अभी तो हल्की बारिश हुई है तो यह हाल हो गया है. उन्होंने बताया कि जलजमाव का मुख्य कारण नाले की सफाई नहीं होना है. उनके घर के पीछे नाले का निर्माण हुआ था. लेकिन साफ सफाई नहीं होने के कारण पिछले साल भी जलजमाव हुआ और काफी परेशानी झेलनी पड़ी. अभिषेक ने कहा कि इस बार भी अगर अधिक वर्षा होती है तो हालात वही हो सकती है.

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पिछले साल जलजमाव में फंसे थे मंत्री रवि शंकर प्रसाद

राजेंद्र नगर स्थित मोइनुल हक स्टेडियम तालाब में तब्दील हो गया. यहां घुटने तक पानी भर गया. यही हाल सड़कों पर दिखा. लोग घुटने भर पानी में चलने को मजबूर दिखे.

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लोगों को हो रही परेशानी

घरों में घुसा पानी
इस जलजमाव के कारण पटना के लोहानीपुर के उपाध्याय लेन के कई घरों में पानी घुस गया है. जिनके घरों में पानी घुसा है. वह लोग कहते नजर आ रहे हैं कि पिछले वर्ष भी इस जलजमाव के कारण उन्हें अपने परिवार को लेकर गांव की ओर रुख करना पड़ा था और इस वर्ष भी यह स्थिति बन रही है. घरों में मौजूद महिलाएं कह रही हैं कि इस वर्ष भी उन लोगों ने अपने परिवार के साथ गांव जाने की तैयारी कर रखी है.

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जलजमाव का मंजर

निचले इलाके में स्थिति ज्यादा भयावह
जानकार बताते हैं कि पटना किसी कटोरे की तरह है. चारों तरफ ऊंची और बीच में निचले इलाके हैं. यही वजह है कि पिछले साल भारी बारिश के कारण राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, बेऊर और कुम्हरार जैसे निचले इलाके में स्थिति सबसे भयावह थी. राजेंद्र नगर स्थित अपने निजी आवास में उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी कई दिनों तक फंसे रहे हैं. बाद में परिवार समेत उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. वहीं, सरकार के कई और मंत्रियों व अधिकारियों के आवास में कई दिनों तक पानी भरा रहा.

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पिछले साल की तस्वीर

ड्रेनेज सिस्टम पर सवाल
पिछले साल जो भयावह तस्वीर दिखी, उसे राज्य सरकार और नगर निगम ने भले ही प्राकृतिक आपदा का नाम दिया हो, लेकिन उनकी ये दलील लोगों के गले नहीं उतरी. क्योंकि ये पहली बार नहीं थी, जब बारिश हुई. लेकिन जब ड्रेनेज सिस्टम ही काम नहीं करेगा तो पानी भला कहां जाएगा?

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घर में घुसा पानी

संप हाउस को दुरुस्त करने का काम जारी
पिछले सबसे अधिक फजीहत इस बात को लेकर भी हुई थी कि ऐन मौके पर संप हाउस ने काम करना बंद कर दिया. पटना में फिलहाल 39 संप हाउस हैं. जबकि 17 जगहों पर नए संप हाउस बनाने की योजना है. पिछली बार जैसी स्थिति दोबारा उपन्न न हो. लिहाजा बुडको ने संप हाउसों के संचालन का ज़िम्मा तीन वर्षो के लिए निजी हाथों को सौंप दिया. इसके अलावे निगम क्षेत्र के करीब 8 लाख फीट खुले नाले, 24,349 मेनहॉल और 18,444 कैचपीट की उड़ाही की जा चुकी है.

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जल जमाव की स्थिति का जायजा लेने निकले सीएम नीतीश कुमार

सीएम नीतीश ने लिया जायजा
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में जल जमाव से निपटने के लिए की गई तैयारियों का जायजा लेने सड़क पर उतरे. उन्होंने पटना नगर निगम के सात अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा किया. फिलहाल, मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक बारिश का दौर बना रहेगा.

  • पहली बारिश के बाद स्मार्ट सिटी पटना में फिर हुआ जल जमाव।विगत वर्ष पटना में जो हुआ उससे भी कोई सबक़ नहीं लिया।कथित सुशासन के भ्रष्टाचारिक कचरे ने पटना सहित सभी ज़िला मुख्यालयों को नरक बना दिया है।क्या 15 वर्षीय नीतीश सरकार इसका दोष अब विपक्ष को देगी।हम जलजमाव का जायजा लेने जाएँगे। pic.twitter.com/LVBjFxzxHX

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तेजस्वी यादव ने उठाए सवाल
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना में हुए जलजमाव पर ट्वीट कर सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा- 'पहली बारिश के बाद स्मार्ट सिटी पटना में फिर जलजमाव हुआ. पिछले साल पटना में जो हुआ उससे भी कोई सबक नहीं लिया। कथित सुशासन के भ्रष्टाचारिक कचरे ने पटना सहित सभी जिला मुख्यालयों को नरक बना दिया है. क्या 15 वर्षीय नीतीश सरकार इसका दोष अब विपक्ष को देगी?

देखें पूरी रिपोर्ट

हालात से निपटने को तैयार निगम?
बहरहाल बरसात शुरू हो चुकी है, लेकिन लॉकडाउन के कारण जलजमाव से निपटने के लिए अबतक निगम की कोई भी तैयारी मुकम्मल नहीं हो पाई है. हालांकि दावे जरूर किए जा रहे हैं कि पिछली बार जैसी स्थिति नहीं होगी. मगर दावों का क्या, वो तो पिछली बार भी हुए थे. सरकार तो जलजमाव का ठीकरा एक बार फिर हथिया नक्षत्र पर फोड़कर अपना पल्ला झाड़ लेगी. मुसीबत तो आम लोगों को ही झेलनी पड़ेगी.

Last Updated : Jun 19, 2020, 7:31 PM IST
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