पटना : वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (vip chief mukesh sahni) काफी एक्टिव दिख रहे हैं. खासकर बोचहां सीट से बीजेपी ने जबसे प्रत्याशी को उतारा है मुकेश सहनी सक्रिय हो गए हैं. जानकारी के अनुसार मुकेश सहनी दिल्ली गए हैं. यहां वह बीजेपी के आला नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं. इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से मुलाकात की थी.
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जेपी नड्डा और अमित शाह करेंगे मुलाकात? : मुकेश सहनी दिल्ली गए हैं. वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करना चाहेंगे. हालांकि बीजेपी के दोनों वरिष्ठ नेता मुकेश सहनी से मुलाकात करेंगे इसपर संशय है. जिस प्रकार से मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़े उसके बाद से ही दूरी बन गयी है. बीजेपी के नेता खुलकर सहनी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. वो तो नीतीश कुमार से मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग भी कर चुके हैं.
होली पर दिए गए तोहफे के लिए धन्यवाद : बोचहां से बेबी कुमारी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मुकेश सहनी ने तंज भरा ट्वीट किया था. मुकेश सहनी ने लिखा था, 'होली के शुभ अवसर पर सहयोगी दल के द्वारा दिए गए तोहफा के लिए धन्यवाद. उनका यह निर्णय दर्शाता है की हम निषाद समाज एवं पूरे अतिपिछड़े समाज के हक एवं अधिकार की लड़ाई को सही दिशा में लड़ रहे हैं. यह हक और अधिकार के लड़ाई में खलल डालने का प्रयास है. हमारा संघर्ष जारी रहेगा.'
बोचहां पर बीजेपी-वीआईपी में आर-पार: मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होना है. वहां विकाशसील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी हर हाल में अपना उम्मीदवार उतारना चाहते हैं. बीजेपी उनको यह सीट देने के लिए तैयार नहीं है. बोचहां विधानसभा सीट पर पहले वीआईपी के ही मुसफिर पासवान विधायक थे. उनके निधन के बाद सीट खाली हुई, जिस पर अब उपचुनाव होना है. सहनी वहां दिवंगत विधायक के बेटे अमर पासवान को चुनाव लड़वाना चाहते हैं. मुकेश सहनी की पार्टी में फिलहाल तीन विधायक और एक विधान परिषद (खुद) की सीट है. माना जा रहा है कि वीआईपी के विधायक बीजेपी के साथ जा सकते हैं. हालांकि, सहनी सरकार को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से बचते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बिहार में मजूबती से चल रही है और आगे भी चलेगी. अब ऐसे में बोचहां उपचुनाव में नीतीश कुमार का स्टैंड क्या होगा, ये बहुत अहम होगा. हालांकि माना जा रहा है कि जेडीयू हर हाल में बीजेपी का ही साथ देगा.
विधानसभा में दलगत स्थिति: अगर यह मान भी लिया जाए कि मुकेश सहनी एनडीए का छोड़ देंगे तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी? फिलहाल 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए 127 विधायक हैं. जिनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 74, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 45, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के 4 और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के 3 और एक निर्दलीय विधायक हैं. वहीं, महागठबंधन का आंकड़ा 110 है. जिनमें आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक हैं. इसके अलावे एआईएमआईएम (AIMIM) के 5 विधायक हैं. एक सीट (बोचहां) खाली है, जो वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई है. इसी सीट पर उपचुनाव हो रहा है. अब ऐसे में अगर मुकेश सहनी समर्थन वापस ले लेते हैं तो भी नीतीश कुमार की सरकार की सेहत पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वीआईपी के 3 विधायक हटने के बाद भी नीतीश कुमार की सरकार को 124 विधायकों का समर्थन हासिल होगा. जो कि बहुमत से अधिक है. हालांकि सहनी अगर एनडीए से अलग होते हैं तो उनके विधायक बगावत कर देंगे, ये तय माना जा रहा है.
बिहार चुनाव में 11 सीटों पर लड़ी वीआईपी: दरअसल, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नाटकीय घटनाक्रम के तहत महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में छोड़कर मुकेश सहनी बीजेपी के साथ चले गए थे. तब बीजेपी ने अपने कोटे से उनको को 11 सीटें दी थी. जिनमें ब्रह्मपुर, बोचहां, गौरा बोराम, सिमरी बख्तियारपुर, सुगौली, मधुबनी, केवटी, साहेबगंज, बलरामपुर, अली नगर और बनियापुर में वीआईपी ने चुनाव लड़ा था. खुद मुकेश सहनी सहरसा जिले की सिमरी बख्तियारपुर से उम्मीदवार थे. 4 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे. हालांकि वो अपनी सीट नहीं बचा पाए थे, इसके बावजूद बीजेपी ने विधान परिषद के रास्ते उनको नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनवाया. उनके एमएलसी का कार्यकाल दो महीने में खत्म हो रहा. बीजेपी के रुख से लगता नहीं कि उन्हें दोबारा विधान परिषद भेजा जाएगा. यहां ये भी ध्यान रखना होगा कि वीआईपी तीनों विधायकों का झुकाव बीजेपी की तरफ है. ऐसे में इसकी संभावना कम ही है कि वे लोग सहनी के साथ जाएंगे.
एमएलएसी चुनाव में वीआईपी को झटका: उत्तर प्रदेश में चुनाव चल ही रहा था कि बिहार में विधान परिषद की 24 सीटों को लेकर एनडीए ने सीटों का ऐलान किया. सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला सामने आया, उसमें सहनी के लिए कड़ा संदेश था. बीजेपी के हिस्से 12 सीटें आईं और जेडीयू के खाते में 11 सीटें गईं. बीजेपी ने अपने कोटे से केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को एक सीट दी लेकिन वीआईपी को बिल्कुल भी भाव नहीं दिया. जिसके बाद नाराज होकर मुकेश सहनी ने ऐलान कर दिया कि वीआईपी विधान परिषद की सभी 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
7 सीटों पर वीआईपी उम्मीदवार: हालांकि 24 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले मुकेश सहनी ने मात्र सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. वीआईपी की सूची के मुताबिक समस्तीपुर से आदर्श कुमार, बेगूसराय से जयराम सहनी, सहरसा से चंदन कुमार, सारण से बालमुकुंद चौहान, रोहतास से गोबिंद बिंद, पूर्णिया से श्यामा नंद सिंह और दरभंगा से बैद्यनाथ सहनी को अपना उम्मीदवार बनाया गया है.
लालू के लिए धड़का सहनी का दिल: इसी दौरान एक हफ्ते पहले झारखंड में अपनी पार्टी को लॉन्च करने गए मुकेश सहनी ने रांची में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) की जमकर तारीफ की. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'लालू प्रसाद यादव जी उनके दिल में बसते हैं और वे उनके विचारधारा से काफी प्रभावित हैं. लालू प्रसाद गरीबों का कल्याण करने वाले और सामाजिक न्याय को मानने वाले लोग हैं.'
बिहार में सीएम बनाने का 'फॉर्मूला': बोचहां उपचुनाव के ऐलान के बाद मुकेश सहनी ने तजेस्वी को सीएम बनने के लिए शर्त के साथ ऑफर दे दिया. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई है कि पूरे बिहार में दलित और पिछड़ा का बेटा सब मिलकर राज करे, लेकिन तेजस्वी चाहते हैं कि वो अकेले मुख्यमंत्री बनें और कोई दूसरा ना बने. जब तक उनकी सोच और मेरे सोच में फर्क रहेगा हम दूर रहेंगे. जिस दिन तेजस्वी यादव चाहेंगे कि ढाई साल सीएम हम बनें और ढाई साल सीएम निषाद का बेटा बने उस दिन काम हो सकता है. हम उस दिन से एक साथ रह सकते हैं.
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