पटनाः बिहार की राजधानी पटना पहुंचे केंद्रीय उर्वरक मंत्री ने खाद की कालाबाजारी को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री पर निशाना (Union Minister Bhagwant Khuba attacks on Nitish Kumar) साधा है. शुक्रवार को बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पर्याप्त खाद मुहैया करा रही है, लेकिन बिहार में जमकर कालाबाजारी हो रही है. भारत सरकार को किसानों की चिंता है और इसलिए मैं यहां आया हूं.
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कालाबाजारी रोकने में केंद विफलः केंद्रीय मंत्री ने कहा बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने पत्र लिखा था कि यहां खाद कम उपलब्ध कराया गया है. इस पर उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने अगस्त महीने में भी बिहार को पर्याप्त खाद दी है, लेकिन बिहार में जमकर खाद की कालाबाजारी हुई है. बिहार में कालाबाजारी रोकने में कृषि मंत्री विफल रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर मंगलवार हम लोग राज्यों के साथ बैठक करते हैं. इसमें खाद को लेकर चर्चा भी की जाती है कि, किन राज्यों को आगे कितना खाद देना है. इस लिए केंद्र पर खाद की कमी का आरोप लगा ही नहीं सकते हैं. राज्य सरकार कालाबाजार रोकने में विफल हो रही है.
दो सप्ताह के अंदर बरौनी खाद कारखाना में उत्पादन शुरू हो जाएगाः कृषि मंत्री ने भारत सरकार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य को आवश्यकता अनुसार खाद और उर्वरक नहीं मिल रहा है. लेकिन, ये बिलकुल गलत है. केंद्र की तरफ से कभी कमी नहीं हुई. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बरौनी खाद कारखाना में उत्पादन 2 सप्ताह के अंदर शुरू हो जाएगा और अक्टूबर महीने में प्रधानमंत्री उसका उद्घाटन करेंगे. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार की जनता को धोखा देने का भी आरोप लगाया.
"बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने भारत सरकार को चिट्ठी लिखी थी कि मांग से कम सप्लाई बिहार को की गई है. इस पर मैं हर महीने का हिसाब दिखाना चाहता हूं. इसमें हर महीने बिहार ने कितनी मांग की है, भारत सरकार का ओपनिंग बैलेंस क्या है और बिहार को उनके मांग एवज में कितना सप्लाई दिया गया, किसानों ने कितना खाद खरीदा और प्रदेश में खाद का कितना क्लोजिंग बैलेंस रह गया, इसका पूरा डिटेल है. बिहार में इन्होंने जमाखोरों और कालाबाजारियों से मिलकर कृत्रिम अभाव निर्मित कर दिया और पेपरबाजी कर इसे मुद्दा बना दिया. इसके बाद किसानों ने ज्यादा दाम पर खाद और यूरिया खरीदा. जबकि, भारत सरकार ढाई लाख करोड़ सब्सिडी केवल खाद पर किसानों को देती है, ताकि कम दाम पर किसान खाद खरीद सकें" - भगवंत खुबा, केंद्रीय