पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को पत्र लिखकर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) एवं रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने दोनों दिवंगत नेताओं की जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की भी मांग की है.
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अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह एवं रामविलास पासवान दोनों ही राज्य के महान विभूति होने के साथ ही प्रखर समाजवादी नेता थे. दोनों ही राजनेताओं ने अपने सामाजिक सरोकारों और सक्रिय राजनीतिक जीवन के माध्यम से बिहार राज्य की उल्लेखनीय सेवा की. दोनों बिहार के ऐसे सपूत रहे हैं जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से हम सभी बिहारवासी सदा ऋणी रहेंगे.
नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा है कि निधन से कुछ दिन पूर्व डॉ. रघुवंश बाबू ने आपको सम्बोधित पत्र के माध्यम से अपनी कुछ मांगें पूर्ण करने की इच्छा व्यक्त की थी. मुझे विश्वास है कि आप उन मांगों को पूर्ण करने हेतु आवश्यक कदम उठा रहे होंगे. रघुवंश बाबू की अंतिम इच्छाओं को सम्मान देते हुए उन्हें पूरा करना ही उनके प्रति हमलोगों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
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उन्होंने लिखा है कि रामविलास पासवान सामाजिक न्याय, समतावादी विकास और समाजवाद के प्रबल पक्षधर थे. उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन वंचितों, उपेक्षितों के सामाजिक उत्थान, संघर्ष, रक्षा एवं विकास के लिए समर्पित किया. वो बिहार के विकास के लिए सदैव संघर्षरत रहे. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि आपसे विनम्र अनुरोध है कि कृपया रघुवंश बाबू एवं रामविलास पासवान की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित किया जाए.
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डाक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह का जन्म 6 जून, 1946 में हुआ था. भारत के चौदहवीं लोकसभा के सदस्य एवं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. सिंह ग्रामीण विकास मंत्री थे. वे संप्रग सरकार में राष्ट्रीय जनता दल का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. सिंह बिहार के वैशाली लोकसभा क्षेत्र से जीते थे. 13 सितम्बर 2020 को 74 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान इनका निधन हो गया था.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व० डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह जी एवं स्व० रामविलास पासवान जी की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की माँग को लेकर माननीय मुख्यमंत्री, बिहार को पत्र लिखा। pic.twitter.com/8ImM0TWvbK
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रघुवंश प्रसाद सिंह यूपीए एक में ग्रामीण विकास मंत्री थे और मनरेगा कानून का असली शिल्पकार उन्हें ही माना जाता है. भारत में बेरोजगारों को साल में 100 दिन रोजगार मुहैया कराने वाले इस कानून को ऐतिहासिक माना गया था. कहा जाता है कि यूपीए दो को जब फिर से 2009 में जीत मिली तो उसमें मनरेगा की अहम भूमिका थी. रघुवंश प्रसाद सिंह गंवई अंदाज और अपनी सादगी के लिए भी जाने जाते थे.
देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक और केन्द्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान का पिछले साल 8 अक्टूबर को निधन हो गया था. समाजवादी आंदोलन के स्तंभों में से एक पासवान बाद के दिनों में बिहार के प्रमुख दलित नेता के रूप में उभरे और जल्दी ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी विशेष जगह बना ली. 1990 के दशक में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने में पासवान की भूमिका महत्वपूर्ण रही. यहां बतां दे कि उनके निधन के बाद उनकी पार्टी एलजेपी दो भागों में बंट गयी है. पासवान के भाई पशुपति पारस और बेटे चिराग पासवान खुद को असली एलजेपी बता रहे हैं.
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